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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalI am Puzzle, Which you Can't Solve. Read More...
I am Puzzle, Which you Can't Solve.
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मेरी जीवन रेखा : कलम
वाकई ही साहित्य समाज का दर्शन है | ये वाक्य भले ही बहुत पहले कही गई होगी परन्तु इसका मूल महत्त्व आज भी उतना ही सार्थक सिद्ध होता है | यह पुस्तक एक संकलन है ज
मेरी जीवन रेखा : कलम
वाकई ही साहित्य समाज का दर्शन है | ये वाक्य भले ही बहुत पहले कही गई होगी परन्तु इसका मूल महत्त्व आज भी उतना ही सार्थक सिद्ध होता है | यह पुस्तक एक संकलन है जिसमे कहानियो तथा कविताओ का अनूठा संकलन है | अधिकतर कहानियां संस्मरण तथा कल्पना पर आधारित है तथा कुछ लोककथाये भी इसमें सम्मिलित है जिसमे जनजातियो की रहन सहन संस्कृति, इतिहास कला की समझ इसमें उल्लेखित है | जो भारतीय समाज का मानो एक प्रतिबिम्ब के सामान ही आपको प्रतीत होगा |
जिस प्रकार हमारी "आत्मा" जिसका स्वरूप हमारे सिर के बाल के अग्र भाग के दस हजारवें हिस्से में स्थित होता है । जो इतनी छ Read More...
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