माँ भगवान का दूसरा रूप है, मैं उस भगवान का एक अंश हूँ, माँ तुम फिक्र करती हो, प्यार बरसाती हो । कभी सिखाती हो, Read More...
लाल बत्ती पर हाथों में मासूमियत का कटोरा लिए हुए, कभी इस गाड़ी, कभी उस गाड़ी, के पीछे भागती वह जो अनजान थी अपने कल से, श Read More...
आजकल यह जो प्यार है, एक दिखावा है। प्यार से खेलने वाले... कुछ जो हवसी हैं। वे तो जिस्मों के भूखे हैं। _____________ आए दिन सरे ब Read More...
प्रिये.. जब मैं प्रेम से थक जाऊंगा तब मैं उसी अस्सी में मिलूंगा जहाँ तुलसी ने रचा था महाकाव्य, और हमनें बनाये थे प्रे Read More...
प्रिये.. जब मैं प्रेम से थक जाऊंगा तब मैं उसी अस्सी में मिलूंगा जहाँ तुलसी ने रचा था महाकाव्य, और हमनें बनाये थे प्रे Read More...