दिन-ब-दिनरात-दर-रातयूँ ही जब घूमते फिरेंगे हम दोनों शहर-दर-शहरदीवारें पूछेंगी तुमसेपता तुम्हारा और तुम मेरी तरफदे Read More...
हो न सकता हो चाँद कभी ज़मीं का पर ज़मीन से देखना कभी आसमाँ इक ओस की बूंद सा चाँद, इक घास की दूब सी ज़मीं Read More...
दरिया का इक कतरा मैं, इक मुद्दत से पर प्यासा हूँसपने तो हैं लाख मगर मैं जाने क्यूँ अलसाता हूँ! छूना है इक रोज़ क्षिति Read More...
फ़र्ज़ करो कि हमारी यादों की क़ब्र हो एक,फूल खिले हों उस पर और अजनबी लोगअक्सर वहां से गुजरते हुए फ़ातिहा पढ़ते जाएं. Read More...
I would paint onthe canvas of your facesome elegant kisses, one day. Dipped in your charmmy lips would, on your cheeks,spread innumerable pecks and blushes. And on your forehead, there,it would be drizzling kisses beforeyour eyes would smile into mine, while I shall paint a new you and we shall Read More...