Atul shagird

Shayr, engineer, photographer
Shayr, engineer, photographer

सहारा नहीं देखा

By Atul shagird in Poetry | Reads: 391 | Likes: 0

रातें लंबी होती गई दिन कुछ ज्यादा नहीं देखा  तेरे जाने के बाद उगते सूरज को दोबारा नहीं देखा  एक तेरा चेहरा था जिसे द  Read More...

Published on Sep 20,2020 01:52 PM

डर लगता है

By Atul shagird in Poetry | Reads: 978 | Likes: 3

समंदर से हारा ये शख़्स सहराओं से बेखबर लगता है आज फिर धुआं आसमां पर छा गया है आज फिर से उजड़ा कोई शहर लगता है एक तेरे   Read More...

Published on Aug 4,2020 01:59 PM

बताता मुझे

By Atul shagird in Poetry | Reads: 1,586 | Likes: 7

कोई दायरा भी कैसे बांध पता मुझे कितनी मुहब्बत है तुझसे कैसे बताता तुझे ताउम्र मलाल रहा ज़िंदगी  भर तनहा रहने का म  Read More...

Published on Jun 27,2020 06:38 PM

हसरत

By Atul shagird in Poetry | Reads: 1,290 | Likes: 11

कभी किसी गैर के मसले पर मसलहत नहीं की तेरे बाद हमने कोई हसरत नहीं की तेरा जाना इस कदर खल  रहा है मुझे  तेरे लिए लिख  Read More...

Published on Jun 21,2020 06:58 PM

हिमायत -A request

By Atul shagird in Poetry | Reads: 701 | Likes: 2

क्या कोई कभी गुरूर की ज़िंदगी जी कर सुकून से रह सक है कभी कसी भूखे को पेट भर के देखना अच्छा लगता है बरना यूं तो ये परि  Read More...

Published on Jun 15,2020 10:49 PM

तेरे नाम पे

By Atul shagird in Poetry | Reads: 741 | Likes: 7

तेरे नाम पे जंग करते है ये हवा के झोंके तेरी जुल्फों को तंग करते हैं तेरे लबों से शिक़ायत है शायद मुझे इसलिए अपनी कम  Read More...

Published on Jun 8,2020 09:56 PM

याद रखा

By Atul shagird in Poetry | Reads: 841 | Likes: 4

कुछ उजड़ गया कुछ बिगड़ गया कुछ कल के लिए आबाद रखा तेरे क़दमों की आहट भूला दि मैंने तेरा लौट के आना याद रखा कुछ तनहा शा  Read More...

Published on Jun 2,2020 10:17 PM

ज़ख़्म

By Atul shagird in Poetry | Reads: 585 | Likes: 2

बहूत हुई मुहब्बत अब तो बगावत तुज ही से करनी है तेरा नाम भी नहीं लेना है और शिकायत भी तुझ ही से करनी है थक गया अब खा कर ठ  Read More...

Published on May 27,2020 10:19 PM

पैग़ाम- नज़्म

By Atul shagird in Poetry | Reads: 427 | Likes: 7

किसने सोचा था कि तरक्की की तलाश में हम इतना आगे निकल जायेंगे कि वक़्त अगर कोई तबाही लेकर भी आए तो लौट आना मुश्किल हो   Read More...

Published on May 22,2020 09:54 PM

बेख्याली -

By Atul shagird in Poetry | Reads: 559 | Likes: 1

ये बेख्याली ज़हन से जाती क्यों नहीं मायूसी अब मुझे रुलाती क्यों नही क्या में पागल हो गया हूं ,नहीं तो फिर ये नींद मु  Read More...

Published on May 21,2020 07:48 AM

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