Navdeep

क्या हुआ जो ना मिला

By Navdeep in Poetry | Reads: 471 | Likes: 1

बसना था कही और  घर कही और बना रहे बात इतनी सी है  बुझ गया दीया वहाँ इसलिए कही और जला रहे।  Read More...

Published on Jun 18,2020 01:13 PM

तेरी छवि मुझे कवि कर गया

By Navdeep in Romance | Reads: 280 | Likes: 1

भटकता मन अब तेरी ओर ठहर से गया है जब से मिली मैं क्या ये मौसम भी बदल सा गया है अब तो तुझे देखते रहना आदत सा हो गया है एक   Read More...

Published on Jun 18,2020 01:03 PM

मैं प्यार नहीं करता हूं

By Navdeep in Romance | Reads: 234 | Likes: 1

बैठे बैठे सूरज ढलने का इंतेजार करता हूँ रात को सोते हुए भी चाँद देखने का प्रयास करता हूं गुजार देता हूं दिन,बस एक झल  Read More...

Published on Jun 18,2020 12:55 PM

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