Peeyush Agarwal
Experienced Insurance Professional, Hindi Prasarak, YouTuber, Content Creator, Author, Writer
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पीयूष अग्रवाल का मानना है कि ज्ञान अथाह है। इसको ग्रहण करने की कोई सीमा नहीं है और इसके लिए एक जीवन भी अपूर्ण है। अतः व्यक्ति हर समय किसी न किसी से, कुछ न कुछ सीखता ही रहता है। यही कारण है कि लेखन कार्य के लिए उन्होंने ‘अज्ञानीजी’ उपनRead More...
पीयूष अग्रवाल का मानना है कि ज्ञान अथाह है। इसको ग्रहण करने की कोई सीमा नहीं है और इसके लिए एक जीवन भी अपूर्ण है। अतः व्यक्ति हर समय किसी न किसी से, कुछ न कुछ सीखता ही रहता है। यही कारण है कि लेखन कार्य के लिए उन्होंने ‘अज्ञानीजी’ उपनाम का चयन किया क्योंकि वह अभी भी जीवन द्वारा सिखाए गए पाठों और अनुभवों से इतर अपने को एक अज्ञानी ही मानते हैं।
वह बरेली, उत्तर प्रदेश, भारत के एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से संबंधित हैं। परिवार से मिले संस्कार उनके लिए अति महत्वपूर्ण रहे हैं। उनके मन में अवलोकन और विवेचन के बीज बचपन से ही विद्यमान थे। परिस्थितियों ने, या कदाचित् उनकी इसी आदत ने, उन्हें समय से पहले ही परिपक्व बना दिया था। जिसके चलते हर बात का आंतरिक और गहरा विश्लेषण करना उनकी प्रवृत्ति बन गई। यही उनके लिए वरदान भी रही और उनके लेखन की प्रेरणा भी। पेशे से वह नौकरीपेशा रहे। बैंक तथा बीमा व्यवसाय में लगभग 36 वर्ष विभिन्न पदों पर रहते हुए बिताए। इस बीच लेखन कार्य उनके लिए मनोविनोद का एक स्रोत रहा। उन्होंने पद से त्यागपत्र दे समय से चार वर्ष पूर्व ही अवकाश ले लिया, जिसमें एक छिपा उद्देश्य अपने अनुभवों को कलमबद्ध करना और साझा करने का भी है।
छात्र जीवन में ही उनमें लेखन के प्रति रुचि जाग गई थी और उस समय उन्होंने खेलों पर कुछ लेख लिखे थे, जिन्हें स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में स्थान मिला था। आजीविका में व्यस्तता के बीच भी उनके लेखों को कार्यालयीन और व्यावसायिक पत्रिकाओं में स्थान मिलता रहा। उन्होंने कभी भी एक विधा या विषय में स्वयं को सीमित नहीं किया। उनके लेख, कथाएं और कविताएं उनके अपने अनुभवों और संवेदनाओं पर आधारित रहे, जिसमें उन्होंने जो सही समझा, जो उनके मस्तिष्क ने विवेचित किया वही संकलित किया।
उन्होंने अपना पूरा अध्ययन हिन्दी माध्यम से प्राप्त किया और अच्छी पेशेवर प्रगति तथा सम्मान हासिल किया। वह हिन्दी भाषा के सम्मान के लिए कुछ करना चाहते हैं। अवकाश प्राप्ति के बाद उन्होंने एक यूट्यूब चैनल (www.youtube.com/c/funshala) और एक वेबसाईट (www.funshala.co.in) भी प्रारंभ की, जो अभी प्रारम्भिक अवस्था में हैं।
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