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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
यह पुस्तक सभी बेटियों को समर्पित है। बेटियां जिनसे घर में रौनक होती है, बेटियां जिनके बिना घर घर नहीं होता!
यह पुस्तक एक साझा काव्य संग्रह है जिसे श्रीमती अंजली वर्मा और
यह पुस्तक सभी बेटियों को समर्पित है। बेटियां जिनसे घर में रौनक होती है, बेटियां जिनके बिना घर घर नहीं होता!
यह पुस्तक एक साझा काव्य संग्रह है जिसे श्रीमती अंजली वर्मा और श्रीमती अल्पा मेहता जी ने संपादित और संकलित किया है।
इस पुस्तक में जो भी कविताएं, दोहे है, सब के सब बेटियों के लिए लिखे गए है।
भारत के विभिन्न भूभाग से इसमें कवियों और कवित्रियों ने हिस्सा लिया है, आशा है की ये आप सभी पाठकगण को पसंद आवे।
छोटी सी आशा...
इस पुस्तक में हिंदुस्तान में हिंदी की क्या अहमियत है और कैसे ये हमारी मातृभाषा है इसका वर्णन बहुत सारे कवियों और कवित्रियों ने मिलकर अपनी अपनी कविताओं से किया है।
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इस पुस्तक में हिंदुस्तान में हिंदी की क्या अहमियत है और कैसे ये हमारी मातृभाषा है इसका वर्णन बहुत सारे कवियों और कवित्रियों ने मिलकर अपनी अपनी कविताओं से किया है।
प्रीति कुमारी 'अल्हड़' द्वारा इस पुस्तक को संपादित किया गया है तथा द इलेवंथ स्टैंडर्ड पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित किया गया है!
संस्कृति जड़ नहीं जीवन है" एक संकलन है, जिसमें कविता, लेख, निबंध, कहानी जैसी विभिन्न विधाएं संकलित हैं प्रस्तुत संकलन में विभिन्न लेखकों ने अपने उत्कृष्ट लेखन के माध्यम से संस्
संस्कृति जड़ नहीं जीवन है" एक संकलन है, जिसमें कविता, लेख, निबंध, कहानी जैसी विभिन्न विधाएं संकलित हैं प्रस्तुत संकलन में विभिन्न लेखकों ने अपने उत्कृष्ट लेखन के माध्यम से संस्कृति को जड़ता से विभक्त रख जीवन से जोड़ कर दिखाया है
यह पुस्तक पूरे विश्व में सभी प्रेमियों के लिए समर्पित है।
इस पुस्तक में दुनिया के विभिन्न हिस्सों के विभिन्न लेखकों ने भाग लिया है।
यह पुस्तक पूरे विश्व में सभी प्रेमियों के लिए समर्पित है।
इस पुस्तक में दुनिया के विभिन्न हिस्सों के विभिन्न लेखकों ने भाग लिया है।
काग़ज़ और कलम एक काव्य संकलन है जो विभिन्न राज्यों के लेखक व लेखिकाओं को एकत्रित कर संकलित किया गया है। यह संकलन मुख्यतः कविताओं , गीत , ग़ज़लों का संग्रह है जो अपने समय को साथ लेकर च
काग़ज़ और कलम एक काव्य संकलन है जो विभिन्न राज्यों के लेखक व लेखिकाओं को एकत्रित कर संकलित किया गया है। यह संकलन मुख्यतः कविताओं , गीत , ग़ज़लों का संग्रह है जो अपने समय को साथ लेकर चलता है। यह व्यष्टि से समष्टि और समष्टि से व्यष्टि की एक अनुपम यात्रा है जिसके केंद्र में व्यक्ति भी है और समाज भी , समाज में प्रचलित अनैतिक कार्य भी हैं और बढ़ती हैवानियत भी , वहीं इसमे बची हुई इंसानियत भी है और मुहब्बत भी। इसमे ग़म भी है और खुशी भी , स्त्री भी है और पुरूष मानसिकता भी। काग़ज़ से कलम का और कलम से कलमकार के इस अनोखे रिश्ते को आज हम सभी ने कहीं खो दिया है। कलम और कलमकार दोनो ही समाज से जुड़े हुए हैं और समाज साहित्य से जुड़ा हुआ है। ठीक ही कहा जाता है कि साहित्य समाज का दर्पण है। प्रसिद्व आलोचक रामविलास शर्मा जी कहते हैं कि साहित्य केवल समाज का दर्पण नही है वह उससे भी बहुत कुछ आगे है। बालकृष्ण भट्ट जी ने साहित्य को जन समूह हृदय का विकास माना। वहीं आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी ने जनता की चित्तवृत्तियों का संचित प्रतिबिम्ब। कहा जा सकता है कि साहित्य चेतन , अवचेतन मन के एक एक भाव खुला आसमान है , जहाँ चींटी से लेकर हाथी तक , पिन से लेकर कार तक या यूँ कहें कि इस संसार की हर शय में साहित्य पूर्णतः व्याप्त है, ज़रूरत है तो केवल उसे महसूस करने की। अब दुख हो या सुख , प्यार हो या नफ़रत , चोरी हो , बेईमानी हो या ईमानदारी सब कुछ इसी समाज का हिस्सा है यानी साहित्य का विषय है।
प्रस्तुत पुस्तक 'मार्गदर्शन' अपने नाम के अनुसार ही गुणों को लिए हुए हैं । इस पुस्तक की रचना के दौरान रचनाकार ने विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखा है कि, इस पुस्तक का कोई भी शब्द या
प्रस्तुत पुस्तक 'मार्गदर्शन' अपने नाम के अनुसार ही गुणों को लिए हुए हैं । इस पुस्तक की रचना के दौरान रचनाकार ने विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखा है कि, इस पुस्तक का कोई भी शब्द या भाव किसी भी पाठक को, किसी भी रूप से कष्ट ना दें। परंतु फिर भी यदि किसी शब्द या भाव के माध्यम से पाठकों के हृदय को कष्ट महसूस हो तो ऐसे में रचनाकार हृदय से क्षमा प्रार्थी हैं। इस पुस्तक मार्गदर्शन के माध्यम से रचनाकार ने विद्यार्थी जीवन को बेहतरीन बनाने का मार्गदर्शन बताया है साथ ही विद्यार्थियों के जीवन में माता-पिता, अभिभावकों व गुरुजनों का कितना महत्व है और क्या योगदान होना चाहिए इस ओर भी इशारा किया है । रचनाकार ने इस पुस्तक में बहुत ही सामान्य उदाहरणों का प्रयोग करकर, बहुत ही गहरी बातों का दर्पण दिखाया है। इस पुस्तक को अपने शब्दों और भावों से सीचनें वाली लेखिका संतोष (कोमल) यह विश्वास करती हैं कि इस पुस्तक का अध्ययन करने से विद्यार्थी, उनके माता-पिता, गुरुजन, अभिभावक जन सभी और भी अधिक उचित मार्गदर्शन को अपने व्यक्तित्व में उतार पाएंगे। इस पुस्तक को रचने वाली रचनाकार संतोष(कोमल), माता-पिता, अभिभावक जन एवं गुरुजनों के प्रति बहुत सम्मान रखती हैं साथ ही विद्यार्थी वर्ग के प्रति इन्हें बहुत स्नेह हैं। इनके इसी समर्पण ने इनसे 'मार्गदर्शन' पुस्तक तैयार करवा दी। अंत में यह सभी को एक ही संदेश देना चाहती हैं कि:
'अगर स्थिति बुरी हो तो
बेहतरीन बदलाव जरूरी है,
अच्छे कर्मों के बिना
यह जिंदगी अधूरी है,
जरूर करना दूसरों से भी जमाना रोशन करने की उम्मीद
पर उससे पहले खुद भी चिराग बनना जरूरी है।'
स्वाभिमान एक संकलन है जिसमें कविता , ग़ज़ल , लेख , कहानी , जैसी अनेक विधाएँ संकलित हैं। अपने ‛स्व' को परिभाषित करते हुए , स्वयं को स्वयं से मिलाते हुए , नव-युवा लेखकों को संग्रहित कर ए
स्वाभिमान एक संकलन है जिसमें कविता , ग़ज़ल , लेख , कहानी , जैसी अनेक विधाएँ संकलित हैं। अपने ‛स्व' को परिभाषित करते हुए , स्वयं को स्वयं से मिलाते हुए , नव-युवा लेखकों को संग्रहित कर एक ऐसा संकलन प्रस्तावित किया गया है , जो समकालीन युवाओं के भीतर छिपे "स्व" को बाहर निकालता है और उससे अपनी पहचान कराता है। स्वाभिमान किसी एक व्यक्ति का भी हो सकता है और समाज का भी , सम्पूर्ण प्राणी मात्र का अपना स्व होता है । इस संकलन के एकमात्र उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पूरा प्रयास किया गया है कि कोई भी रचना सीधे पाठक के दिल में उतर कर उसके व्यवहार में बस जाए। अतः सभी अपने स्व को पहचान कर स्वयं पर गर्व कर सकें।
स्व से स्व की पहचान हो रही हैं,
एक नए दौर की शुरुआत हो रही हैं ।
Thisbook is an anthology of poems, compiled by Ashika Tiwari, in which writers from different places of India have written their feelings!
Readers will enjoy reading it.
Thisbook is an anthology of poems, compiled by Ashika Tiwari, in which writers from different places of India have written their feelings!
Readers will enjoy reading it.
दिल के अल्फाज, एक साझा काव्य संग्रह जिसमें नव युवा लेखकों द्वारा अपने दिल के अंदर के भावों को उकेरा गया है!
यह संग्रह इन नव युवा लेखकों के लिए काफी खास है, डॉक्टर सुष्मिता झा और
दिल के अल्फाज, एक साझा काव्य संग्रह जिसमें नव युवा लेखकों द्वारा अपने दिल के अंदर के भावों को उकेरा गया है!
यह संग्रह इन नव युवा लेखकों के लिए काफी खास है, डॉक्टर सुष्मिता झा और श्री रोहित कुमार झा द्वारा संकलित इस काव्य संग्रह में भारत के विभिन्न कोने से लेखकों ने अपने अपने दिल की बात रखी है।
पाठकों को इसे पढ़कर आनंद प्राप्त होगा
स्वाभिमान एक संकलन है जिसमें कविता , ग़ज़ल , लेख , कहानी , जैसी अनेक विधाएँ संकलित हैं। अपने ‛स्व' को परिभाषित करते हुए , स्वयं को स्वयं से मिलाते हुए , नव-युवा लेखकों को संग्रहित कर एक
स्वाभिमान एक संकलन है जिसमें कविता , ग़ज़ल , लेख , कहानी , जैसी अनेक विधाएँ संकलित हैं। अपने ‛स्व' को परिभाषित करते हुए , स्वयं को स्वयं से मिलाते हुए , नव-युवा लेखकों को संग्रहित कर एक ऐसा संकलन प्रस्तावित किया गया है , जो समकालीन युवाओं के भीतर छिपे "स्व" को बाहर निकालता है और उससे अपनी पहचान कराता है। स्वाभिमान किसी एक व्यक्ति का भी हो सकता है और समाज का भी , सम्पूर्ण प्राणी मात्र का अपना स्व होता है । इस संकलन के एकमात्र उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पूरा प्रयास किया गया है कि कोई भी रचना सीधे पाठक के दिल में उतर कर उसके व्यवहार में बस जाए। अतः सभी अपने स्व को पहचान कर स्वयं पर गर्व कर सकें।
स्व से स्व की पहचान हो रही हैं,
एक नए दौर की शुरुआत हो रही हैं ।
काव्य की सतत सांस्कृतिक प्रक्रिया ही कविता की चनाधर्मिता है जिसका सीधा सरोकार सामान्य जन-जीवन से है। जिससे अलग कविता के अस्तित्व की कल्पना असम्भव है।
कृति की रचनाएँ
जन जी
काव्य की सतत सांस्कृतिक प्रक्रिया ही कविता की चनाधर्मिता है जिसका सीधा सरोकार सामान्य जन-जीवन से है। जिससे अलग कविता के अस्तित्व की कल्पना असम्भव है।
कृति की रचनाएँ
जन जीवन की सूक्ष्म समस्यायों से ओत प्रोत हैं। रचनाओं को मर्मस्पर्शी बनाने के लिए अल्पा जी ने अपनी भाव सम्पदा से समृद्ध किया है।
रचनाओं में नारी जीवन, मजदूर, आदिवासी के कष्ट,दुख,अभावों आदि समस्याओं का सजीव चित्रण किया गया है तो रिश्तों, बसन्त, प्रेम, अंतर्मन के रुदन की संवेदनाओं का भाव पूर्ण वर्णन भी समाहित है।
कवियत्री द्वारा मनोभावों को कविताओं में सहज भाषा में सरल मन से प्रस्तुत किया गया है यही कारण है कविताएँ
पाठक के मन को अंदर तक भिगोने की सामर्थ्य रखती हैं।
इस काव्य संग्रह में हमारे भारत देश के विभिन्न प्रान्तों के युवा लेखकों ने अपनी देशप्रेम की भावनाओं को अपने शब्दों में कविता तथा कहानी के माध्यम से व्यक्त किया है।
इस काव्य संग्रह में हमारे भारत देश के विभिन्न प्रान्तों के युवा लेखकों ने अपनी देशप्रेम की भावनाओं को अपने शब्दों में कविता तथा कहानी के माध्यम से व्यक्त किया है।
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