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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalAchievements
प्रस्तुत पुस्तक "रौशनी के अल्फाज़" में कुछ अपने विचार और कुछ हालत का मतलिया कर के हर अच्छे बुरे हालत को पेश करने की कोशिश की है। माँ का प्यार, बचपन की यादें, दोस्ती का वो दौर से ले कर
प्रस्तुत पुस्तक "रौशनी के अल्फाज़" में कुछ अपने विचार और कुछ हालत का मतलिया कर के हर अच्छे बुरे हालत को पेश करने की कोशिश की है। माँ का प्यार, बचपन की यादें, दोस्ती का वो दौर से ले कर ईश्क वो आशिकी, दर्द मोहब्बत में दगा एक लड़की की मजबूरियाँ और बेबस लड़की तक का हर सफ़र लिख कर आप तक पहचाने की कोशिश की है।
रीतु प्रज्ञा का एकल लघुकथा संग्रह 'पीयूष धारा' कई दृष्टिकोण से उत्कृष्ट है । इसमें संग्रहीत लघुकथाएं पारिवारिक पृष्ठभूमि से विभिन्न रंगरूप में जुड़ी हुई है । कहीं परिवार में मा
रीतु प्रज्ञा का एकल लघुकथा संग्रह 'पीयूष धारा' कई दृष्टिकोण से उत्कृष्ट है । इसमें संग्रहीत लघुकथाएं पारिवारिक पृष्ठभूमि से विभिन्न रंगरूप में जुड़ी हुई है । कहीं परिवार में माँ-बेटी की तकरार है तो कहीं हँसी-खुशी, कहीं घरेलू रिश्तो व संबंधों को स्पर्श करती हुई कथायें पाठक को सहज रूप में पारिवारिक पृष्ठभूमि से जोड़ देती है. घरेलू विषयों पर केंद्रित उनकी लघुकथाएं सहज ही हृदय को छू लेती है । कुछ अन्य लघु कथाएं जैसे - मतदान, सड़क पर कुत्ते, जनरल वार्ड, फुर्र हुई बीमारी, भी अपने शिल्प और प्रस्तुतीकरण के लिए पाठकों द्वारा निसंदेह पसंद की जाएंगी । मेरा विश्वास है कि यह पुस्तक पाठकों के बीच लोकप्रियता हासिल करने में सफल होगी ।
हिन्दी व उर्दू लेखिका तृप्ति मित्तल दिल्ली से ताल्लुक रखती हैं। इनका जन्म 5 मार्च, 1983 को दिल्ली के एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। तृप्ति जी अपनी स्नातकोत्तर (एम.एस.सी) की शिक्ष
हिन्दी व उर्दू लेखिका तृप्ति मित्तल दिल्ली से ताल्लुक रखती हैं। इनका जन्म 5 मार्च, 1983 को दिल्ली के एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। तृप्ति जी अपनी स्नातकोत्तर (एम.एस.सी) की शिक्षा वही से प्राप्त की | तत्पश्चात इन्होंने पीएच.डी (गणित) की शिक्षा उदयपुर से प्राप्त की | फिलहाल तृप्ति जी गणित की सह-आचार्य के रुप में काम कर रही हैं। इन्हें हिन्दी व उर्दू कविता लिखने और पढ़ने का शौक है। विभिन्न पत्रिकाओं में नियमित रुप से इनकी कविताएँ, गज़ल प्रकाशित होती रहती है। काफी प्रोत्साहन के बाद वह अपनी पहली कविता संग्रह "मिसरा" आपके सामने लाने का प्रयास कर रही हैं।
लेखिका एवं रचनाकार मंजूषा झा, पति श्री संजय कुमार झा, दरभंगा जिला, बिहार सँ छथिन । अपनेक जंतु विज्ञान सँ स्नातक’ ( प्रतिष्ठा ) धरि शिक्षा प्राप्त केने छथि । लेखिका मंजूषा जी के
लेखिका एवं रचनाकार मंजूषा झा, पति श्री संजय कुमार झा, दरभंगा जिला, बिहार सँ छथिन । अपनेक जंतु विज्ञान सँ स्नातक’ ( प्रतिष्ठा ) धरि शिक्षा प्राप्त केने छथि । लेखिका मंजूषा जी के वर्तमान निवास स्थान दिल्ली महानगर मे छनि । मंजूषा जी अत्यंत घरेलू महिला क जीवनके जियब आ संग-संग किछू नया रचना लिखब अत्यंत रुचिकर कार्य बुझाई छनि । किछू नया करबाक कोनो उमेर नै होई छै-अहि सोचक संग लेखिका सदैव अपन लेखन कला क संग पढ़बा-लिखबा क क्षेत्र सँ सामीप्यता बनाओने रहलनि । अपन व्यस्तताक जिनगी सँ अपना लेल अपन सौख के पूरा करैत गीत, गद्य आ पद्य मे अपन कलम के धार सँ जादू बिखरबै क’ पूर्ण प्रयास केलनि । प्रस्तुत पोथी क’ माध्यम सँ रचनाकार अपन मनक उद्ग़ार, कोमल कल्पना क संग अपन मिथिलाक संस्कृति क’ ध्यान रखैत पाठक गण धरि पहुँचेबाक प्रयास केलनि ।
युवा हिन्दी लेखक अभय प्रताप यादव (अभयअजनबी), उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के फरेंदा तहसील के अंतर्गत स्थित सैल्दह उर्फ कवलदह गांव का मूल निवासी हैं ।। अभय जी 'अभयअजनबी' नाम स
युवा हिन्दी लेखक अभय प्रताप यादव (अभयअजनबी), उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के फरेंदा तहसील के अंतर्गत स्थित सैल्दह उर्फ कवलदह गांव का मूल निवासी हैं ।। अभय जी 'अभयअजनबी' नाम से कविता व शेरो शायरियां लिखते हैं। इनका पिता श्री विनोद चंद यादव, पेशे से किसान हैं व माता श्रीमती सन्नो देवी, गृहणी हैं। इन्होंने अपनी स्नातक की शिक्षा केंद्रीय विश्वविद्यालय इलाहाबाद उत्तर प्रदेश से प्राप्त की है। फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी (कांस्टेबल) के पद पर सेवारत् हैं। इन्होंने अपने मन के भावों को कविता व शेरो शायरियाँ आदि रूपों में पाठकों के समक्ष रखा है। उम्मीद करते हैं आपको अच्छा लगेगा।
पेशे से शिक्षिका, लेखिका सुखविंदर कौर, श्री गंगानगर जिला, राजस्थान से ताल्लुक रखती हैं । फिलहाल सुखविंदर जी फरीदकोट शहर, पंजाब में रह रही हैं। इन्होंने अजमेर यूनिवर्सिटी से अपन
पेशे से शिक्षिका, लेखिका सुखविंदर कौर, श्री गंगानगर जिला, राजस्थान से ताल्लुक रखती हैं । फिलहाल सुखविंदर जी फरीदकोट शहर, पंजाब में रह रही हैं। इन्होंने अजमेर यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा प्राप्त की है। सुखविंदर जी को स्कूली दिनों से ही लिखने व पढ़ने का बहुत शौक था। पिछले दो साल से लेखन कार्य कर रहीं हैं। इन्होंने अपनी पुस्तक "मेरे विचार" में अपने विचारों को कहीं कविता, कहीं कहानी तो कहीं ग़ज़ल के रुप में प्रस्तुत कि है। आशा करता हूँ प्रस्तुत पुस्तक में इनकी स्वरचित रचनाएँ आप सभी पाठकों को पसंद आएगा।
सुखविंदर जी का मानना है कि पाठकों का सहयोग और सहमति ही एक रचनाकार के लिए सबसे बड़ी पूंजी होती है। इनका मकसद केवल अपने विचारों को पाठको तक पहुंचाना और उनका मनोरंजन करना है..ना कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना।
धन्यवाद।
इस जीवन में जो हम महसूस करते हैं वो भावनाएँ, संवेदनाएँ जब गहरे रूप से शीर्ष तक पहुँच जाती है तो वो शब्द रूप लेकर कविता बन जाती है।
सिर्फ़ मानवीय भावनाएँ ही नहीं अपितु सामाजिक
इस जीवन में जो हम महसूस करते हैं वो भावनाएँ, संवेदनाएँ जब गहरे रूप से शीर्ष तक पहुँच जाती है तो वो शब्द रूप लेकर कविता बन जाती है।
सिर्फ़ मानवीय भावनाएँ ही नहीं अपितु सामाजिक विषयों एवं जीवन से जुड़ी अन्य पहलुओं जो रोजमर्रा के जीवन में हमारे आसपास घटित होती हैं उन तमाम चीज़ों को हम रचनाओं का रूप देकर परिभाषित करते हैं और प्रभावशाली बनाते हैं।
आदरणीय कवयित्री डॉ. प्रतिभा स्मृति जी की प्रथम कृति "मैं और मेरी अल्हड़ कविता" विविध प्रकार के विषयों पर आधारित काव्य संग्रह है। जिनमें से कुछ चुनिंदा रचना जिनमें एक स्त्री मन के भावनाओं, दहेज, बेटियाँ, वैश्विक महामारी कोरोना जैसे विषयों का चयन है। इनकी रचनाओं को पाठक मन अपने निकट महसूस कर पाएँगे।
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह "सफर: एक सुनहरी कल्पना" में मुख्य संपादक मो.वसीम कुरैशी, सहित मंजूषा झा, कानू भट्टाचार्जी, मयुरी चुडे, श्रीमती प्रियंका, सुखविंदर
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह "सफर: एक सुनहरी कल्पना" में मुख्य संपादक मो.वसीम कुरैशी, सहित मंजूषा झा, कानू भट्टाचार्जी, मयुरी चुडे, श्रीमती प्रियंका, सुखविंदर कौर, प्रेमांजली साहू, दीपिका झा, हनी अग्रवाल एवं लीना राजेश हाडोळे आदि सह-लेखक के रूप में शामिल हैं।
Co-authors:- Akash Mishra (Compiler), Lucky Goyal (Co-Compiler), Razvi Sahb, Kushal Asati, Vinay Kumar Yadav, Aman Khan, Muhammad Tabrez Mansuri, Basheer Mohammad Asif, Pratik Premraj Bhala, Ankita Nahar, Anand Jain, Ayush Mondal, Muskan Keshri, Vikrant Tripathi, Sunillal Sonu, Kavi Shiva Adhura, Yogesh Gurjar (Chinu), Aakruti, Jinal Suresh Khakhriya, Jasmine Panda, Shreya Pokhriyal, Vibha Singh, Shreya Halder, Mohini Keshri.
Co-authors:- Akash Mishra (Compiler), Lucky Goyal (Co-Compiler), Razvi Sahb, Kushal Asati, Vinay Kumar Yadav, Aman Khan, Muhammad Tabrez Mansuri, Basheer Mohammad Asif, Pratik Premraj Bhala, Ankita Nahar, Anand Jain, Ayush Mondal, Muskan Keshri, Vikrant Tripathi, Sunillal Sonu, Kavi Shiva Adhura, Yogesh Gurjar (Chinu), Aakruti, Jinal Suresh Khakhriya, Jasmine Panda, Shreya Pokhriyal, Vibha Singh, Shreya Halder, Mohini Keshri.
From bringing us in this world to teaching us how to live here, from bringing a smile on our face to making sure that no one removes it, from scolding us for the mistakes we made to teaching us the ways of learning from the same, from taking care from the day we were born till infinity, the perfect word which describes our parents is 'blessing'!
The writers of this book have used the power of pen and poetry to express their love for parents and t
From bringing us in this world to teaching us how to live here, from bringing a smile on our face to making sure that no one removes it, from scolding us for the mistakes we made to teaching us the ways of learning from the same, from taking care from the day we were born till infinity, the perfect word which describes our parents is 'blessing'!
The writers of this book have used the power of pen and poetry to express their love for parents and thanking them for all their sacrifices and teachings. This book is a collection of some of the finest poems of the talented poets of our nation.
हर किसी के जीवन मे अक्सर ऐसी चीज़े होती हैं जिनको वो पुरा नहीं कर पाते या तो फिर किस्मत पुरा नहीं होने देती, बस इन्हीं बातों से या तो हम डर जाते हैं या तो हम उसी चीज को लेकर अटक जाते ह
हर किसी के जीवन मे अक्सर ऐसी चीज़े होती हैं जिनको वो पुरा नहीं कर पाते या तो फिर किस्मत पुरा नहीं होने देती, बस इन्हीं बातों से या तो हम डर जाते हैं या तो हम उसी चीज को लेकर अटक जाते हैं । मैंने भी कुछ ऐसा ही प्रस्तुत करने का प्रयतन किया हैं, की कैसे अगर हम कोई चीज़ या बात को छोड़ देते हैं तो किस्मत कैसा अंजाम पेश करती हैं । "कहानी जो कभी ना हुई शुरू ", इस एक वाक्य को पढ़कर की हमे पता चलता है की ये वो कहानी होगी जो अंत मे अधूरी होगी । यह कहानी एक पिता और उसकी बेटी की है । वो पिता जो पहले अपनी बेटी को नहीं चाहता और फिर वो बेटी अपनी मंज़िल पर खुद चलना ठानती हैं। और संजोग मिलकर ऐसा रूप लेते हैं की दोनो पिता और बेटी एक दूसरे के सामने आते हैं । संजोग तो मिलते हैं लेकिन किस्मत नहीं और अंत में कहानी अधूरी रहती हैं ।
वसीम कुरैशी पेशे से इंजीनीयर है और महाराष्ट्र के वरूड शहर से ताल्लुक रखते हैं जिसे ऑरेंज सिटी के नाम से भी जाना जाता है । वह एक उर्दू शायर भी है। उन्हें घूमना और नए जगहें देखना वाह
वसीम कुरैशी पेशे से इंजीनीयर है और महाराष्ट्र के वरूड शहर से ताल्लुक रखते हैं जिसे ऑरेंज सिटी के नाम से भी जाना जाता है । वह एक उर्दू शायर भी है। उन्हें घूमना और नए जगहें देखना वाहा की संस्कृति के बारे में जानना और उनको अपनी स्टोरी और शयेरी में लिखना पसंद है ।
इंजीनियरिंग (B.E) करने के बाद उनका सिलेक्शन एक मल्टी नेशनल कंपनी में हुआ था, BDM (Bussiness Devlopment Manager) की पोस्ट पर लेकिन कुछ महीनो बाद वहा से इस्तीफा देकर वो अपनी आगे की पढाई शुरू की और इंजीनियरिंग का गेट (GATE) एग्जाम को क्वालिफाइड करने के बाद अपनी मास्टर डिग्री हासील की। उन्होंने अपनी मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी (M.Tech) की डिग्री नागपुर यूनिवर्सिटी से हासिल की है। अभी वो एक कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर काम करते है। उन्हें बचपन से ही लिखने और पढ़ने का शोक था वो अपने स्कूल के दिनों से ही लिखते आये है। उनकी शुरुवाती तालीम उर्दू में होने की वजह से आपको उनकी शयेरी और कविताओं में उर्दू-हिंदी का एक खूबसूरत मिलाप देखने को मिलता है। आपको उनकी नज़्मों और कविताओं में एक समाज के लिए सन्देश और आपस में मोहब्बत का पैगाम मिलता है। वसीम कुरैशी अबतक २ किताबो में बतौर को ऑथर लिख चुके है, उसी के साथ उन्हों ने मैगज़ीन और वार्षिक अंक में भी लिखा है। साथी ही वसीम कुरैशी TSP PUBLICATION के कम्युनिटी हेड है |
वसीम कुरैशी फटॉग्रफी में रूचि रखते है । एक पब्लिक स्पीकर है, और WASEEM QURESHI OFFICIAL के नाम से एक यूट्यूब चैनल भी चालाते है । उनके मुताबिक इंसान को तालीम (Education) ही बदल सकती है और वो हमेशा तालीम (Education) पर फोकस करने की कोशिश करते है।
मधुबनी से ताल्लुक रखने वाली युवा हिन्दी एवं मैथिली लेखिका फिलहाल पुणे (महाराष्ट्र) में रहती हैं। दीपिका जी दहेज मुक्त मिथिला समूह से जुड़ी हुई हैं। लेखन में विषेश रुचि होने के चल
मधुबनी से ताल्लुक रखने वाली युवा हिन्दी एवं मैथिली लेखिका फिलहाल पुणे (महाराष्ट्र) में रहती हैं। दीपिका जी दहेज मुक्त मिथिला समूह से जुड़ी हुई हैं। लेखन में विषेश रुचि होने के चलते कई बार गीत एवं कविताएँ सोशल मीडिया एवं विभिन्न ऑनलाइन लेखन वेबसाइट पर प्रकाशित हो चुकी है। प्रस्तुत पुस्तक में दीपिका जी अपनी कुछ रचनाओं को "आकांक्षा" के रूप में प्रकाशित की है। यह पुस्तक कविता और गीत का संग्रह है। इनका मानना है कि जब तन मानव का है तो मन निश्चित ही महत्वाकांक्षी है। महत्वाकांक्षा यदि सबल हो और उसमें यदि किसी का नुक़सान छुपा ना हो तो उसे अपने आकांक्षा में परिवर्तित कर उसको साकार करने का प्रयत्न हम सभी को करना चाहिए। इस पुस्तक के द्वारा लेखिका ने अपने मनोभाव को शब्दों में पिरो के दूसरों तक पहुँचाने का और एक सकारात्मक ऊर्जा को संवहन करने का प्रयास किया है। चुनौतियाँ मानव जीवन की परछाई है, हमें चुनौतियों से लड़ कर आगे बढ़ना है और अपने सपनों को ज़िंदा रखना है।
अपने इस पुस्तक से प्राप्त होने वाली राशि को इन्होंने ज़रूरतमंद बच्चों के पढ़ने में खर्च करने का निर्णय लिया है। जिससे शिक्षा का प्रकाश आकांक्षा का रूप ले आगे बढ़े।
It’s the tale of Vikas and Kashish, who are totally different from each other. Vikas is a small-town boy whereas Kashish is born and brought up in city of dreams, Mumbai. Just after completion of graduation, Vikas shifted to Pune and started working in an IT MNC.
One day while checking out a random profile on social networking site, he spotted Kashish and sent a request to connect with her and who knows, you could find a true friend maybe,
It’s the tale of Vikas and Kashish, who are totally different from each other. Vikas is a small-town boy whereas Kashish is born and brought up in city of dreams, Mumbai. Just after completion of graduation, Vikas shifted to Pune and started working in an IT MNC.
One day while checking out a random profile on social networking site, he spotted Kashish and sent a request to connect with her and who knows, you could find a true friend maybe, more than a friend, on social networking. Starting with friendship, they both developed a bond and decided to become one. But it’s not as easy as they thought, as her orthodox parents never agreed to this marriage and they didn't want to hurt them.
It’s a story of two youngsters’ struggle who faced lots of up and downs, tried a lot to convince their parents but didn't succeed and finally at some point, lost hope and decided to separate and promised to forget each other completely and not be in touch ever.
On one side, Vikas hadn’t come out of this and on the other side, Kashish’s family had already started looking for a guy for Kashish, and one day her parents finally got their dream son-in-law.
But it’s not over, a lot will still happen to them.
Did Vikas ever meet Kashish?
Did Kashish really forget Vikas?
Have they ever become one?
It’s not just a love story, it’s a journey of two youngsters who travelled a long and difficult path and did everything to become one but destiny had already decided something for them.
Rainbow anthology is the colourful combination of 37 writers from Gujarat, Maharashtra and Rajasthan. The book is collage of positive energy as the name itself suggests. Rainbow gives hope and inspiration, same Rainbow anthology inspires the aspiring writers.
Rainbow anthology is the colourful combination of 37 writers from Gujarat, Maharashtra and Rajasthan. The book is collage of positive energy as the name itself suggests. Rainbow gives hope and inspiration, same Rainbow anthology inspires the aspiring writers.
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह "स्वयं की पुकार" में साहित्य अकादमी अवार्ड से पुरस्कृत वरिष्ठ लेखिका शेफालिका वर्मा, मुख्य संपादिका सुरभि कश्यप, संपादक प्रभं
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह "स्वयं की पुकार" में साहित्य अकादमी अवार्ड से पुरस्कृत वरिष्ठ लेखिका शेफालिका वर्मा, मुख्य संपादिका सुरभि कश्यप, संपादक प्रभंजन कुमार राहुल, सह-संपादिका बबली झा, ज्योत्सना झा, किरण शर्मा, आरती झा सहित सोनी चौधरी, प्रीता झा, जयवीर सिंह अत्री, जया कुमारी, मनीषा झा, अशोक कुमार मिश्रा, आभा कुमारी, निभा राजीव, कंचन कंठ, गोविन्द बल्लभ खाँ, रंजीत झा, नेहा झा मणि, मृदुला मिश्रा, नीभा झा, रीना झा शर्मा, आशा चौधरी, पूनम झा, ममता झा, कुमकुम मिश्र ठाकुर, नीतू झा, बी आर चौधरी, रचना मिश्रा, प्रविण विघ्नेश्वर, इंद्राणी सिन्हा, सुनीता पाठक, श्वेता झा, रेखा झा, निरंजन झा, मनीषा श्रीवास्तव, अमृता चौधरी, सागर झा, सुभद्रा मिश्रा, मोना सिंह, रितु, राजीव रंजन, अजय सिंह अजनवी, कुमारी जयप्रभा, पल्लवी झा, श्रुति सागर, अमित कुमार झा, सुधा ठाकुर, डॉ भावना नवीन, बृज मोहन उपाध्याय एवं प्रशांत पारस आदि सह-लेखक के रूप में शामिल हैं।
इस उपन्यास को लिखने का उद्देश्य सिर्फ स्वंय के विचारों को व्यक्त करना मात्र नही हैं, अपितु विचारों को उकेरने के साथ ही उपन्यास के माध्यम से देश के वीर जवानों के लिए समर्पण का भाव
इस उपन्यास को लिखने का उद्देश्य सिर्फ स्वंय के विचारों को व्यक्त करना मात्र नही हैं, अपितु विचारों को उकेरने के साथ ही उपन्यास के माध्यम से देश के वीर जवानों के लिए समर्पण का भाव भी हैं।
जो सैनिक अपनी जान, हमारी और हमारे देश की सुरक्षा के लिए दुश्मन की बंदूक के सामने निकाल कर रख देता हैं। उनके लिए कुछ करने की चाह ने यह उपन्यास पूरा करने की प्रेरणा दी।
हमेशा से मन मस्तिष्क में एक ख्याल कछोटता था, कि जो वीर सपूत निःस्वार्थ भाव से देश और हमारी सुरक्षा में रात दिन लगे रहते हैं, उन वीरों की किसी भी माध्यम से सेवा की जाए। पर कभी अवसर ना मिला।
जब उपन्यास का ख्याल मन में आया तब से ही मन में ठान लिया था कि इस उपन्यास से जो कमाई होगी वो सैनिक कल्याण कोष में जमा करवा कर छोटे से योगदान से अपने मन को कुछ सन्तुष्ट करूँगा।
उसी समर्पण भाव को सच्ची निष्ठा से पूरा करने के विचार ने बिना थके उपन्यास पूरा करने में मदद की। और इसी निःस्वार्थ भाव की वजह से अपना उत्कृष्ट लिखने की कोशिश की हैं।
आशा करता हूँ मेरे इस प्रयास और निःस्वार्थ सेवा भाव को प्रोत्साहन मिलेगा। यहीं मेरी संतुष्टि होगी।
यह एंथोलॉजी "एक अधूरा सफर" एक श्रद्धांजलि काव्य संग्रह हैं। जो सिनेमा जगत के एक सितारें के सफर को बताती हैं। इस साझा काव्य का उद्देश्य व्यक्ति विशेष को सम्मानित करना हैं। सुशांत
यह एंथोलॉजी "एक अधूरा सफर" एक श्रद्धांजलि काव्य संग्रह हैं। जो सिनेमा जगत के एक सितारें के सफर को बताती हैं। इस साझा काव्य का उद्देश्य व्यक्ति विशेष को सम्मानित करना हैं। सुशांत सिंह राजपूत एक महान अभिनेता थे जिन्होंने लाखों लोगों का दिल जीता है। अपने अभिनय के साथ, वह न केवल एक अच्छे अभिनेता थे बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे, जो दूसरों की मदद और समर्थन करते हैं। वह अपने प्रशंसकों के दिल में हमेशा जीवित हैं। यह एंथोलॉजी "एक अधूरा सफर" जहां लेखकों ने उनके साथ भावनाओं और प्रेम का उल्लेख किया है और कविता के रूप में व्यक्त किया है। जब आप पढ़ेंगे तो आपको युवा भावुक अभिनेता शुशांत सिंग राजपूत याद आयेंगे और वह हमेशा आपके दिलों में बसे रहेंगे।
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह ‘शाब्दिक स्नेहर्ष’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, स्नेहल अर्जुन सुरवसे सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, श्री प्रल्हाद रावजी कोलते, र
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह ‘शाब्दिक स्नेहर्ष’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, स्नेहल अर्जुन सुरवसे सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, श्री प्रल्हाद रावजी कोलते, राघव रावत, दया पाण्डेय, प्रियंका ठाकुर, सुष्मिता सिताराम फटे, चाँदनी मिश्रा, अम्बुज कुमार मिश्र, तरूना गंभीर, ऊज्ज्वळ, जूही कुमारी, प्रशांत श्रीमंगले, उमेश सुतार, अभिजीत गायकवाड, मुकेश सैनी, संजय नायक, प्रथमेश प्रकाश लंगडे, प्रशांत, प्रतिक्षा मूकेश चंद्रे, ऋषिकेश रमेश देशपांडे, काजल सिंह, आनन्द जैन, हिमांशु हरिश्चंद्र राठोड, हर्षल सुनिल कोरडे, आकांक्षा, रेवणसिध्द राजाराम व्हरे, सानियानाज़ मौलासाहेब जहागीरदार एवं क्षितिज बासु आदि सह लेखक के रूप में शामिल हैं।
घर की बारिश संकलन 29 लेखको के दिल की अभिव्यकती है और कुछ भी नहीं, इस संकलन में जितनी भी रचनाए आप पढ़ियेगा सभी में लेखको ने वास्तविक्ता को दर्शाया है। सारी रचनाएं एक से बढ कर एक हैं।
घर की बारिश संकलन 29 लेखको के दिल की अभिव्यकती है और कुछ भी नहीं, इस संकलन में जितनी भी रचनाए आप पढ़ियेगा सभी में लेखको ने वास्तविक्ता को दर्शाया है। सारी रचनाएं एक से बढ कर एक हैं। इस पुस्तक में कहिं, धरती से बूंदो का रिश्ता, कहिं जल का हमारे जीवन में महत्व,कहिं बारिश में पिताजी के साथ की यादें, कहिं घर के आंगन में बूंदे, कहिं, मोहब्बत में बारिश तो कहिं बारिश से जूड़ी अंग्रेजी में कुछ रचनाएं भी पढ़ने को मिलेंगी।
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह ‘काफ़िला-कलमकारों का’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादक विरल एम लाड़ “किरमन” सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, प्रियंका ठाकुर, अर
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह ‘काफ़िला-कलमकारों का’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादक विरल एम लाड़ “किरमन” सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, प्रियंका ठाकुर, अर्चना पटेल, ईशिता खण्डेलवाल, सलोनी संतोष लाड़, स्वाति शर्मा, विनोद सिंह तंवर, यशराज, कुंदन सिंह चौहान, मनीष पटेल, वंश वशिष्ठ, मुकेश सिंह राठौर, रुचि, आदर्श उपाध्याय, जितेन्द्र महाजन, घनश्याम पटेल, नीरज तिवारी, वैभव सोनी, हिमानी जोशी, राजपाल सिंह निकुम, गंगाधर बिसेन, विशाल भावसार, अंकित कुमार, रानू पटेल, शिखा रजानी, पं.अभिषेक शर्मा, चारुल गुप्ता, राहुल भास्करे, सुमित अरझरे, मृन्मय मंडल एवं विशाल राज राठौर आदि सह लेखक के रूप में शामिल हैं।
जब हम तरंगों की बात करते है तो एक खूबसूरत सा ऐहसास, हृदय की सतह पर, स्वतः ही गुलाटियां मारने लगता हैं।
वैसे तो तरंगों का कोई एक आकर या स्वरूप नहीं होता। लेकिन जल, मन व पवन जैसी वि
जब हम तरंगों की बात करते है तो एक खूबसूरत सा ऐहसास, हृदय की सतह पर, स्वतः ही गुलाटियां मारने लगता हैं।
वैसे तो तरंगों का कोई एक आकर या स्वरूप नहीं होता। लेकिन जल, मन व पवन जैसी विशेष महाशक्तियों को भी ऊर्जा का आभास करने वाली चीज का नाम है तरंग। अतः यह अंनत ऊर्जा का ऐसा महाव्यापक भंडार हैं जो मन की नकारात्मकता से लेकर गगनचुंबी पर्वत के चट्टानी घमंड तक को आसानी से पराजित कर जीवन की सार्थकता का नया आयाम लिखता हैं। इस पुस्तक के माध्य्म से भी, सभी सम्मिलित कलमकारों ने अपनी-अपनी रचनाओं का उपयोग कर आप के मन की शांत अवस्था में ऊर्जा की कुछ तरंगें पैदा करने का पर्यास किया हैं।
ताकि आप की मजबूती मुश्किलों के लिए एक साहसिक चुनौती बन सकें।
Love is a very precious gift from god. Without love, our life is like fish without water. Love is for someone very special in life. The book is "It's all about you" express the feeling of love. The writers of this book have expressed their feeling in the form of poetries. The book is will touch your heart and feel you very special.
Love is a very precious gift from god. Without love, our life is like fish without water. Love is for someone very special in life. The book is "It's all about you" express the feeling of love. The writers of this book have expressed their feeling in the form of poetries. The book is will touch your heart and feel you very special.
Wanna be with you' book compiled by Bhawna Puglia. She included 46 other writers with her in this book. Love is the theme of this book. What is love? Love is a very purest feeling. Love means to deeply connect to someone or something. It's unconditional and make you feel good. Love is a mix of beliefs, emotions, etc with affection, protectiveness, respect of another person. Everyone loves someone. And everyone wants to stay with their l
Wanna be with you' book compiled by Bhawna Puglia. She included 46 other writers with her in this book. Love is the theme of this book. What is love? Love is a very purest feeling. Love means to deeply connect to someone or something. It's unconditional and make you feel good. Love is a mix of beliefs, emotions, etc with affection, protectiveness, respect of another person. Everyone loves someone. And everyone wants to stay with their loved ones forever. In this book every writer express their thoughts, feelings for their loved ones through their writings. This is the book of emotions, romances and true feelings.
This black book is written on all black things. Black is not inauspicious. But it is rarely seen. Black is an increase in emotions. This black book is written about when words don't grow, don't know what to say, sounds like darkness or everything is ruined. Black colors is even better then diamonds. because it gives shine to the diamonds.
This black book is written on all black things. Black is not inauspicious. But it is rarely seen. Black is an increase in emotions. This black book is written about when words don't grow, don't know what to say, sounds like darkness or everything is ruined. Black colors is even better then diamonds. because it gives shine to the diamonds.
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह ‘कठिन रास्ते खूबसूरत मंजिल’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादिका शिवानी सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, मोनिका, कुलविंदर कुमार, न
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह ‘कठिन रास्ते खूबसूरत मंजिल’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादिका शिवानी सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, मोनिका, कुलविंदर कुमार, नाकराणी निराली, नग़मा खान, हिमबाला सोनी, धीरज सिंह रायजादा, अल्का टंडन, हर्षित सिंह सूर्यवंशी, प्रतिमा राव, आरती कुमारी, विनय मात्रे, रश्मि जौहरी, ज्योति, अनुश्री भारद्वाज, विशालाक्षी पाण्डेय, सलोनी अग्रवाल, अंकिता श्रीवास्तव, नेहा गुप्ता, संजय नायक, आस्था श्रीवास्तव, चाँदनी मिश्रा, हेमू भारद्वाज, आकांक्षा, विधि भानुशाली, अमन पिहाल, अमिषा मेहता, चेतली बत्रा, ब्रिगले लिओनेल स्कॉट, उज्ज्वल श्री, युक्ति त्रिवेदी, अन्वी महरोत्रा, अदिति, अरुरी विद्या एवं रोहिथ कुमार आदि सह लेखक के रूप में शामिल हैं।
This anthology is all about the unforgettable moment of every writer.
We have lots of moments in our life, happy moments, sad moments but these unforgettable moments are the best one out of them. Even the worst moments too are unforgettable and happiest moments are also the unforgettable. The memorable moments of one's life is just unforgettable. And these anthology is all about it.
This anthology is all about the unforgettable moment of every writer.
We have lots of moments in our life, happy moments, sad moments but these unforgettable moments are the best one out of them. Even the worst moments too are unforgettable and happiest moments are also the unforgettable. The memorable moments of one's life is just unforgettable. And these anthology is all about it.
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे प्रेरणादायक साझा काव्य-संग्रह ‘लक्ष्य’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादक मो. वसीम कुरैशी सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, इजहार शेख़, रुचि राठौर, शै
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे प्रेरणादायक साझा काव्य-संग्रह ‘लक्ष्य’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादक मो. वसीम कुरैशी सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, इजहार शेख़, रुचि राठौर, शैख गुफरान, क्षितिजा इंगळे, आमीर अहमद, धीरज सिंह रायजादा, आनन्द जैन, चाँदनी मिश्रा, कोमल कश्यप, रेणु, स्मृति पाल, श्रुति, दिव्या वैष्णव, हेमू भारद्वाज, संध्या कनौजिया, अल्का टण्डन, प्राची शरद पाटील, दिनेश कुमार पांडेय, साधना पांडेय, अंशिका पांडेय, प्रियंका ठाकुर, शिवानी यादव, प्रियंका खूंट, अनमोल चुग दिलदर्द, उज्ज्वल श्री, संजय नायक, डॉ दीपशिखा, सारा सेतु, परिसा मजियर, ईशिता खाण्डेलवाल एवं शेख फरजान आतीफ़ आदि सह लेखक के रूप में शामिल हैं।
Writer's Wings is a book with wide range of perspectives of various minds in it. These large wing's each and every feather is made up of a golden thought of various talented writers who have a completely unique eye of seeing the things from the other people out there which glorifies the beauty of this book and justifying the name 'Writer's Wings. Cover Design by Dipakshi Sharma
Writer's Wings is a book with wide range of perspectives of various minds in it. These large wing's each and every feather is made up of a golden thought of various talented writers who have a completely unique eye of seeing the things from the other people out there which glorifies the beauty of this book and justifying the name 'Writer's Wings. Cover Design by Dipakshi Sharma
चुनिन्दा बेहतरीन रचनों से सजे साझा काव्य-संग्रह ‘अधूरे ख्वाब’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादिका वैष्णवी दशोरे मौन सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, रमा रवि गुप्ता, कुलविंदर कुमा
चुनिन्दा बेहतरीन रचनों से सजे साझा काव्य-संग्रह ‘अधूरे ख्वाब’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादिका वैष्णवी दशोरे मौन सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, रमा रवि गुप्ता, कुलविंदर कुमार, गुरिंदर सिंह पंजाबी, चाँदनी मिश्रा, डां.तृप्ति मित्तल, कवि ललित कुमार, अर्चना ओम शर्मा, शिखा रजानी, सलोनी संजय सेन, अम्बुज कुमार मिश्र, रवीना केशनिया, संजय नायक, अर्चना पटेल, गोस्वामी प्रियंका, सलोनी, फिरदौस फातेमा, पूर्णिमा कैलाश, विकास घाटोले, वैष्णवी कैलाश, आघा चौरे, राहुल भास्करे, कीर्ति बघेल, विशाल गायकवाड, पुष्पेंद्र देशपांडे, विरल, लाली चौहान, धीरज गारगे, संचित चौकड़े "लघु", विष्णु यदुवंशी, दिशिका चौरे, पायल कुशवाह, आकांक्षा चौहान, गौरव दशोरे, गणेश मादुलकर, राहुल सिंह चौहान, आशुतोष सिंग एवं उज्ज्वल श्री आदि सह-लेखक के रूप में शामिल हैं।
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह ‘हकीकत-एक दर्पण’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादिका आयुषी केसर सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, डां.तृप्ति मित्तल, अम्बुज कुमार
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह ‘हकीकत-एक दर्पण’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादिका आयुषी केसर सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, डां.तृप्ति मित्तल, अम्बुज कुमार मिश्र, कुलविंदर कुमार, नग़मा खान, अल्का टण्डन, अंकिता पांडे, अभिषेक कुमार यादव, नीलम तिवारी, गुरिंदर सिंह पंजाबी, चाँदनी मिश्रा, उज्ज्वल श्री, रुचि राठौर, पंडित शैलेन्द्र शुक्ल, गोस्वामी प्रियंका मूल, आनन्द जैन, हर्ष रंजन, संजय नायक, अंकुश राज पंजियार, अंकित बढोलिया, शालिनी सिंह चौहान, जूही कुमारी मिश्रा, प्रियंका खूंट, नवीन परिहार, शैली, शिखा सिंह, जाह्नवी शर्मा, वंशित शर्मा, शिवांगद शर्मा, संजना बंद्राल, सोनू, पारस शर्मा, नसीर जान, अकाश शर्मा, इंद्रजीत कौर, आरुष राठौर, अनमोल चुग दिलदर्द, धीरज सिंह रायजादा, सागर ओझा, एवं गणेश खनोत्रा आदि सह लेखक के रूप में शामिल हैं।
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह ‘इश्क़ की दास्तान’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादिका अल्का टण्डन सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, अंकिता पांडे, प्रदीप पाठक, अभय
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह ‘इश्क़ की दास्तान’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादिका अल्का टण्डन सहित गोविन्द बल्लभ खाँ, अंकिता पांडे, प्रदीप पाठक, अभय प्रताप सिंह, जया भारद्वाज, अभिषेक गुप्ता, रोहित ददोरे, प्रतीक गुप्ता, मृणालिनी चतुर्वेदी, फैजान बेग, आस्था राजपूत, शिविका शर्मा, खुशबु राठौड़, कृष्णा मोटवानी, मनीष पाण्डेय, वंदना शुक्ला, मुस्कान मनोज कुमार, अक्षय सिंह राजपूत, मेघा सिंगला, सोनल देवांगन, मानसी भोसले, नेहा कुमारी, साक्षी जैन, चेतना, मीनाक्षी, आशिमा जैन, बंसरी परीख, समिक्षा श्वाइं, आयुषी तिवारी, प्रभजीत कौर ग्रोवर, शुथी अभिनया बैसाखी दास, रक्षा वङेरा, सौमिली दत्ता, मोनिका कुमार, ऋची रचिता, शेवेथा सामाला, प्रीतम भट्टाचार्य, हेमा कीर्तिगा ज, अनन्या द्विवेदी एवं प्रज्ञा पंड़ा आदि सह लेखक के रूप में शामिल हैं।
"Life- A Riddle" this book is compiled by Shankar Sunam. In this book, he has written about his experiences of life & his feelings about life's different stages in a poetic way. He included 28 other writers with him in this book. Some of these writers have a long writing experience & some are going to publish the first time. He just gave them a chance to show their talent & express their thoughts & feelings. This name of the book is taken from the reality of l
"Life- A Riddle" this book is compiled by Shankar Sunam. In this book, he has written about his experiences of life & his feelings about life's different stages in a poetic way. He included 28 other writers with him in this book. Some of these writers have a long writing experience & some are going to publish the first time. He just gave them a chance to show their talent & express their thoughts & feelings. This name of the book is taken from the reality of life because life is like a riddle. We don't know what is gonna happen in the next moment. So this is the book full of emotions & writer's experiences about life.
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह ‘प्रज्वलित’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादिका श्रीया श्री सहित कंचन झा, रीतु प्रज्ञा, गोविन्द बल्लभ खाँ, प्रिया झा, डां.
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह ‘प्रज्वलित’ में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादिका श्रीया श्री सहित कंचन झा, रीतु प्रज्ञा, गोविन्द बल्लभ खाँ, प्रिया झा, डां.तृप्ति मित्तल, वैष्णवी शुक्ला, कुलविंदर कुमार, अंकिता पांडे, अम्बुज कुमार मिश्र, नीलम तिवारी, शिप्रा, गुरिंदर सिंह पंजाबी, प्रियंका खूंट, अभिषेक कुमार यादव, आशिमा जैन, कृष्णा मोटवानी, कमलप्रीत सिंह, चिंशा भाटिया, प्रियंका ठाकुर, नवीन परिहार, शालिनी सिंह चौहान, प्राची गुप्ता, श्रुति परमार, डॉ अंकित बढोलिया, जूली झा, बैसाखी दास, प्रीतम, अच्युत मुरारी, प्रज्ञान, एवं सुभेन्दु आदि सह लेखक के रूप में शामिल हैं।
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह 'उन्मुक्त' में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादिका श्रीया श्री सहित कंचन झा, गोविन्द बल्लभ खाँ, मोनिका, प्रिया झा, डां. तृप्ति मित
चुनिन्दा बेहतरीन रचनाओं से सजे साझा काव्य संग्रह 'उन्मुक्त' में मुख्य संपादक आकाश मिश्रा, संपादिका श्रीया श्री सहित कंचन झा, गोविन्द बल्लभ खाँ, मोनिका, प्रिया झा, डां. तृप्ति मित्तल, साक्षी शर्मा, कुलविंदर कुमार, नीतिक त्रिवेदी, आर.के.मिश्रा 'समीर', अभिषेक कुमार यादव, आयुषी केसर, संध्या कनौजिया, अंकिता पांडे, नीलम तिवारी, शिप्रा जी, लक्की सपना संजय गोयल, संजय नायक, मीनाक्षी, डॉ अंकित बढोलिया, शालिनी सिंह चौहान, आशिमा जैन, अनिन्दिता चटेर्जी, इशिका कुमारी, पंडित शैलेन्द्र शुक्ल, वैष्णवी राजेश नाईक, प्रतिभा सुरेंद्रन, निहारिका किंगर, पूर्णिमा मिश्रा, डॉ. सारिका गोयल, रुचि राठौर, अजय पोद्दार 'अनमोल', वैष्णवी शुक्ला, तनु सिंह, आनन्द जैन, राहुल राजपूत, जूही कुमारी मिश्रा, प्रियंका खूंट, अल्का टंडन, कोमल कश्यप, हर्ष रंजन, नग़मा खान, रुद्र ठाकुर, बीपीएस ठाकुर, अशोक मीणा, अनमोल चुग दिलदर्द, गोस्वामी प्रियंका, नेहा बंसल, बिक्की मंडल, गुरिंदर सिंह पंजाबी, संदीप बागड़ी, संध्या राठौड़, डॉ. दीपशिखा, हेमा, शुभेन्दु कुमार दाश, तनूप्रीत कौर, प्राची गुप्ता, अच्युत मुरारी एवं अक्षय कुमार शर्मा आदि सह लेखक के रूप में शामिल हैं।
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