Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalAn author and editor of English by profession, Sourabh Sarvottam (Sourabh Mishra) holds a Master's degree in English Literature and a Bachelor of Education (B.Ed) degree. He has written stories, plays, screenplays, articles and poems on various subjects. His compositions cover many aspects of life and are also steeped in ancient Indian philosophy. Many plays composed by him have been staged. Some of his prominent plays are “Niharika”, “Manhus”, “Ardhanarishwar”, “Shikhandi – Amba Ka Pratishodh”, “Neera Arya” and “Shamshaan Ghaat”. One of his most prominent books is Read More...
An author and editor of English by profession, Sourabh Sarvottam (Sourabh Mishra) holds a Master's degree in English Literature and a Bachelor of Education (B.Ed) degree.
He has written stories, plays, screenplays, articles and poems on various subjects. His compositions cover many aspects of life and are also steeped in ancient Indian philosophy.
Many plays composed by him have been staged. Some of his prominent plays are “Niharika”, “Manhus”, “Ardhanarishwar”, “Shikhandi – Amba Ka Pratishodh”, “Neera Arya” and “Shamshaan Ghaat”. One of his most prominent books is – “Yog Darshan: Essence of Yogic Philosophy”.
He has written poetry in both Hindi and English languages. The name of his collection of English poems is "Offbeat Odes" and the name of Hindi poetry collection is "Ehsaas Kavya Kosh".
Read Less...Achievements
'जीतने की ज़िद' सौरभ सर्वोत्तम की सर्वश्रेष्ठ हिंदी प्रेरक कविताओं का संग्रह है। इस काव्य संग्रह का शीर्षक 'जीतने की ज़िद', लेखक के इस विश्वास का प्रतिबिंब है कि हर व्यक्ति में दुनि
'जीतने की ज़िद' सौरभ सर्वोत्तम की सर्वश्रेष्ठ हिंदी प्रेरक कविताओं का संग्रह है। इस काव्य संग्रह का शीर्षक 'जीतने की ज़िद', लेखक के इस विश्वास का प्रतिबिंब है कि हर व्यक्ति में दुनिया में बदलाव लाने की क्षमता है। इस संग्रह की कविताएँ मानव के भीतर प्रयास की भावना का अभिव्यंजन करती हैं, साथ ही पाठकों को बाधाओं का सामना कर ऊपर उठने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
शुक्र उपासना शास्त्र- वैभव लक्ष्मी व्रत कथा, शुक्र के प्रभाव, लक्षण एवं लाल-किताब उपाय सहित
जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है, उनका जीवन बहुत कठिन होता है। उन्हे
शुक्र उपासना शास्त्र- वैभव लक्ष्मी व्रत कथा, शुक्र के प्रभाव, लक्षण एवं लाल-किताब उपाय सहित
जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है, उनका जीवन बहुत कठिन होता है। उन्हें काम करने के बाद भी यश नहीं मिलता है और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। यदि आपका शुक्र ग्रह (Venus) कमजोर है तो इसको मजबूत करके धन, यश, ऐश्वर्य एवं सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं प्राप्त की जाती सकती हैं। हमारे शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार की अधिष्ठात्री देवी माँ लक्ष्मी हैं। अतैव इस पुस्तक में माँ वैभव लक्ष्मी व्रत कथा, शुक्र ग्रह के प्रभाव, लक्षण एवं लाल-किताब उपाय सम्मिलित किये गए हैं।
इस पुस्तक में शनिवार व्रत कथा एवं विधि के साथ साथ शनि ग्रह के लक्षण, प्रभाव और लाल किताब में वर्णित उपाय दिए गए हैं। ज्योतिष के अनुसार कुल 9 ग्रह व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर डालत
इस पुस्तक में शनिवार व्रत कथा एवं विधि के साथ साथ शनि ग्रह के लक्षण, प्रभाव और लाल किताब में वर्णित उपाय दिए गए हैं। ज्योतिष के अनुसार कुल 9 ग्रह व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर डालते हैं। इन सभी नौ ग्रहों में कुछ ग्रह व्यक्ति की कुंडली में शुभ फल देते हैं तो कुछ अशुभ। सभी नौ ग्रहों में शनि ग्रह को न्यायाधीश का दर्जा मिला हुआ है। शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी है। शनिदेव की अपने पिता सूर्यदेव से अच्छे संबंध नहीं है। ज्योतिष में शनिदेव कर्म के देवता माने गए हैं। शनि ग्रह अच्छे कर्म करने पर शुभ फल देते हैं ।
ज्योतिष शास्त्र और वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह का बहुत महत्व बताया गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह ऊर्चा, साहत, पराक्रम, शौर्य, शक्ति आदि के कारक मानें जाते हैं। जातकों
ज्योतिष शास्त्र और वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह का बहुत महत्व बताया गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह ऊर्चा, साहत, पराक्रम, शौर्य, शक्ति आदि के कारक मानें जाते हैं। जातकों पर मगंल ग्रह का शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव पड़ता है।
इस पुस्तक में मंगलवार व्रत कथा के साथ, पूजा विधि, मंगल ग्रहके शुभ अशुभ फल और लाल किताब में वर्णिंत उपाय भी बताये गए हैं।
वैदिक ग्रंथों में भगवान् विष्णु की महिमा का अद्भुत व्याख्यान मिलता है। सृष्टि के पालनकर्ता भगवान् विष्णु की अनुकम्पा से व्यक्ति का जीवन ही बदल जाता है और उसे पृथ्वीलोक पर सुख स
वैदिक ग्रंथों में भगवान् विष्णु की महिमा का अद्भुत व्याख्यान मिलता है। सृष्टि के पालनकर्ता भगवान् विष्णु की अनुकम्पा से व्यक्ति का जीवन ही बदल जाता है और उसे पृथ्वीलोक पर सुख समृद्धिपूर्ण जीवन बिताने के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। कोई भी कष्ट हो या कैसा भी दुःख, भगवान् विष्णु की कृपा से उसका निवारण अवश्य होता है।
अतः यह पुस्तक जिसमें भगवान् बृहस्पति देव की कथा के साथ साथ बृहस्पति गृह के प्रभाव और फलों का भी वर्णन किया गया है, व्यक्ति को परमपिता परमेश्वर की कृपा से अपना जीवन सौभाग्यपूर्ण बनाने का मार्ग बताती है। इसमें लाल किताब के उपायों का भी विस्तार से वर्णन किया गया।
यह पुस्तक भक्ति के साथ साथ ज्योतिष का एक मिश्रण है। भगवान् विष्णु के श्री चरणों में मैं यह पुस्तक समर्पित करता हूँ। जहां नारायण रहते हैं वहाँ माँ लक्ष्मी का वास अवश्य होता है और सभी दुखों का निवारण होता है। अतः इस पुस्तक के माध्यम से आप सभी को भगवान् विष्णु की असीम कृपा प्राप्त हो मेरी ऐसी आशा है।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।
काव्य ह्रदय के भावों को प्रदर्शित करने का सबसे सहज और स्वाभाविक तरीका है। 'एहसास-काव्य कोष' सौरभ मिश्र द्वारा रचित कविताओं का एक संग्रह है। इस संग्रह में अनेक विषयों पर कविताएं स
काव्य ह्रदय के भावों को प्रदर्शित करने का सबसे सहज और स्वाभाविक तरीका है। 'एहसास-काव्य कोष' सौरभ मिश्र द्वारा रचित कविताओं का एक संग्रह है। इस संग्रह में अनेक विषयों पर कविताएं संग्रहित हैं।
सौरभ मिश्र एक लेखक, कवि और नाटककार हैं। इनके द्वारा रचित कई नाटकों का मंचन किया जा चुका है। इन्होने अंग्रेजी तथा हिंदी दोनों भाषाओँ में रचनाएं लिखी हैं। सौरभ मिश्र का जन्म 12 जून 1989 को हरियाणा के फरीदाबाद शहर में हुआ। इनके पिता 'पंडित ओमजी मिश्र' एक लेखक और शिक्षक हैं। सौरभ मिश्र ने एम्. ए. इंग्लिश तथा बी.एड की डिग्री प्राप्त की है तथा लेखन ही इनका मुख्य कार्य है।
सफलता एक अत्यंत भ्रामक शब्द है और यह अनेक दृष्टिकोणों को दर्शाता है । सफलता का एक आदर्श अर्थ किसी एक रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता । सफलता की कोई एक आदर्श परिभाषा देना संभव नहीं
सफलता एक अत्यंत भ्रामक शब्द है और यह अनेक दृष्टिकोणों को दर्शाता है । सफलता का एक आदर्श अर्थ किसी एक रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता । सफलता की कोई एक आदर्श परिभाषा देना संभव नहीं । यह उतना ही कठिन है जितना कि धर्म को या इस सृष्टि को कुछ शब्दों में परिभाषित करना । इसके अनेक रूप हैं, अनेक प्रकार है ; जितने लोग- सफलता की उतनी ही परिभाषाएं । हर विद्वान सफलता को अलग तरह से परिभाषित करता है, किन्तु इन सभी विविधताओं और विरोधाभासों के आधार में कुछ सामान्य मौलिक धारणाएं हैं जिससे यह पता चलता है कि इन सभी विचारों के भीतर एक ही आत्मा निवास करती है । उसी आदर्श अर्थ और स्वयं को सफल कैसे बनाएं- इस प्रश्न के उत्तर को भारतीय दर्शन में तलाशने का प्रयास करती है यह पुस्तक । प्राचीन भारतीय दर्शन में हमारे सभी आधुनिक प्रश्नों और समस्याओं के समाधान उपस्थित हैं । आवश्यकता है तो उस दर्शन को पढ़ने और समझने की । जिन पुस्तकों को हमने धार्मिक पुस्तकें मानकर मंदिर के भीतर रख दिया है, समय है उन्हें पुनः खोलकर एक नए दृष्टिकोण से पढ़ने का। क्योंकि उनमें अथाह ज्ञान का भण्डार है। हमारे मनीषियों ने सरल कहानियों के माध्यम से इस ब्रह्माण्ड के सत्य और जीवन दर्शन का व्याख्यान किया है उन पुस्तकों में । भारत में कई दार्शनिकों और विद्वानों ने जन्म लिया है जिन्होंने अपने दर्शन से दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया। अनादि शिव, भगवान कृष्ण, ऋषि पतंजलि, ऋषि गौतम, कपिल मुनि, ऋषि शंकराचार्य, गौतम बुद्ध, महावीर जैन और स्वामी विवेकानंद उनमें से कुछ ही हैं। इन विद्वानों ने कई तरह के दर्शनशास्त्रों को प्रतिपादित किया। आज के युग में हमें आवश्यकता है उस दर्शन को अपने जीवन का एक अंग बनाने की । इसी दिशा में एक प्रयास है यह पुस्तक ।
Success is an ambiguous word and has been used to signify a variety of views. Every scholar defines success differently; yet underneath all the variations and oppositions there are certain common fundamental assumptions that show all those ideas to be products of the same spirit. True success is not hard to achieve, it is always in your grasp. Anyone can be successful provided that one must know how to grab it.
Success is an ambiguous word and has been used to signify a variety of views. Every scholar defines success differently; yet underneath all the variations and oppositions there are certain common fundamental assumptions that show all those ideas to be products of the same spirit. True success is not hard to achieve, it is always in your grasp. Anyone can be successful provided that one must know how to grab it.
Are you sure you want to close this?
You might lose all unsaved changes.
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.