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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalBorn at 1976, Teacher at Chandigarh, M.A (History) B.Ed. from Kurukshetra University. Worked in RSS for more than 25 years, Now emerged as a Secular Humanist. Presently working as Sectretary of "Chandigarh Humanists & Freethinkers". Home Town Panipat. Read More...
Born at 1976, Teacher at Chandigarh, M.A (History) B.Ed. from Kurukshetra University. Worked in RSS for more than 25 years, Now emerged as a Secular Humanist. Presently working as Sectretary of "Chandigarh Humanists & Freethinkers". Home Town Panipat.
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इस पुस्तक में मानववादी ( Humanist ) विचारधारा पर आधारित गीतों और कविताओं का संग्रह किया गया है। इसमें फिल्मी, गैर-फिल्मी गीत भी शामिल हैं। कविताओं में प्रसिद्ध साहित्यकारों जैसे हरि
इस पुस्तक में मानववादी ( Humanist ) विचारधारा पर आधारित गीतों और कविताओं का संग्रह किया गया है। इसमें फिल्मी, गैर-फिल्मी गीत भी शामिल हैं। कविताओं में प्रसिद्ध साहित्यकारों जैसे हरिशवंश राय बच्चन, दिनकर, मुक्तिबोध, दर्शन सिंह आवारा, प्रो. मोहन सिंह, रणजीत के साथ नई प्रतिभाओं जैसे शकील प्रेम, भुवन प्रताप, बच्चा लाल उन्मेष आदि को भी स्थान दिया है। हिन्दी, उर्दू और पंजाबी भाषा की रचनाओं को स्थान दिया गया है। इसमें पाठक को विज्ञान मिलेगा, मानवता मिलेगी, और इसके साथ-साथ एक जीवन-दर्शन मिलेगा। इसके संकलनकर्ता ने बड़े परिश्रम से ऐसे चुनिंदा गीतों और कविताओं को ही चुना है, जो मानववादी सोच पर खरे उतरते हैं।
कुल मिलाकर यह एक सुंदर और संग्रहणीय किताब है। इसका प्रकाशन चंडीगढ़ मानववादी एवं मुक्तचिंतक की ओर से किया गया है, जो सेकुलर मानववादी विचारों के लिए समर्पित है।
सूचना:- चित्र लेखक का नहीं, इसके प्रकाशक मनोज मलिक का है।
इस पुस्तक में डॉ. हरीश मल्होत्रा (बर्मिंघम, इंग्लैंड) ने विश्व के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के जीवन पर प्रकाश डाला है। लेखक
सूचना:- चित्र लेखक का नहीं, इसके प्रकाशक मनोज मलिक का है।
इस पुस्तक में डॉ. हरीश मल्होत्रा (बर्मिंघम, इंग्लैंड) ने विश्व के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के जीवन पर प्रकाश डाला है। लेखक का मानना है कि हमें आलसी, ढोंगी और निकम्मे बाबाओं की सेवा करना छोड़ देना चाहिए। ये आम आदमी को ठगने के अलावा कुछ नहीं करते हैं। इसकी बजाय हमने उन वैज्ञानिकों को संत का दर्जा देना चाहिए, जिनकी खोजों से आज सारा संसार लाभान्वित हो रहा है। आज की बेहतर दुनिया न्यूटन, फेराडे, आइंस्टीन, लुई पाश्चर, मेरी क्यूरी, चंद्रशेखर वेंकट रमन जैसे वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम है।
सूचना:- चित्र लेखक का नहीं, इसके प्रकाशक मनोज मलिक का है।
इस पुस्तक में डॉ. हरीश मल्होत्रा (बर्मिंघम, इंग्लैंड) ने विश्व के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के जीवन पर प्रकाश डाला है। लेखक
सूचना:- चित्र लेखक का नहीं, इसके प्रकाशक मनोज मलिक का है।
इस पुस्तक में डॉ. हरीश मल्होत्रा (बर्मिंघम, इंग्लैंड) ने विश्व के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के जीवन पर प्रकाश डाला है। लेखक का मानना है कि हमें आलसी, ढोंगी और निकम्मे बाबाओं की सेवा करना छोड़ देना चाहिए। ये आम आदमी को ठगने के अलावा कुछ नहीं करते हैं। इसकी बजाय हमने उन वैज्ञानिकों को संत का दर्जा देना चाहिए, जिनकी खोजों से आज सारा संसार लाभान्वित हो रहा है। आज की बेहतर दुनिया न्यूटन, फेराडे, आइंस्टीन, लुई पाश्चर, मेरी क्यूरी, चंद्रशेखर वेंकट रमन जैसे वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम है।
इस पुस्तक में कवि रणजीत की वे कविताएँ शामिल की गई हैं, जिनमें मानववादी विचारधारा स्पष्ट रूप से झलकती है। इस काव्य-सग्रह में संपादक ने उनके कविता-समग्र से श्रम-साध्य निष्ठा से इन
इस पुस्तक में कवि रणजीत की वे कविताएँ शामिल की गई हैं, जिनमें मानववादी विचारधारा स्पष्ट रूप से झलकती है। इस काव्य-सग्रह में संपादक ने उनके कविता-समग्र से श्रम-साध्य निष्ठा से इन कविताओं को छाँट कर प्रस्तुत किया है। आशा है पाठक इन कविताओं को पढ़कर मानववाद के विचार ग्रहण करेंगे और यह संदेश दूर-दूर तक पहुँचाएँगे।
This book presents transformation of a third year trained RSS Worker into a Secular Humanist. It gives a glimpse of both Hindutva and Humanism. Author was active for atleast 30 years in RSS. Readers will find unbiased views from an insider about Hindutva, both strength and weakness of RSS. At the same time, they will get much-needed information about Modern Humanism. It is replete with numerous quotations of various rationalist and atheist writers that will en
This book presents transformation of a third year trained RSS Worker into a Secular Humanist. It gives a glimpse of both Hindutva and Humanism. Author was active for atleast 30 years in RSS. Readers will find unbiased views from an insider about Hindutva, both strength and weakness of RSS. At the same time, they will get much-needed information about Modern Humanism. It is replete with numerous quotations of various rationalist and atheist writers that will enrich and expand reader's philosophical horizon.
माता-पिता अपने बच्चों को एक अच्छा इन्सान बनाने में उनकी सहायता कर सकते हैं, एक ऐसा इन्सान जिसमें दया, सहानुभूति, आत्म-विश्वास, कर्मठता और साहस हो। इस लक्ष्य को पाने के लिए माता-पित
माता-पिता अपने बच्चों को एक अच्छा इन्सान बनाने में उनकी सहायता कर सकते हैं, एक ऐसा इन्सान जिसमें दया, सहानुभूति, आत्म-विश्वास, कर्मठता और साहस हो। इस लक्ष्य को पाने के लिए माता-पिता को कुछ कौशल सीखने की जरूरत है। केवल प्यार काफ़ी नहीं है। अंतर्दृष्टि काफ़ी नहीं है। माता-पिता ठोस समस्याओं का सामना करते हैं, उन्हें इनके ठोस समाधान चाहिएँ। केवल इतना कहना काफ़ी नहीं है, “बच्चे को ज्यादा प्यार दीजिए”, “इस पर और अधिक ध्यान दीजिए” या “इसे और अधिक समय दीजिए” माता-पिता को बच्चों से उचित व्यवहार के कौशल सीखने होंगे।
हम आज सूचना-युग में जी रहे हैं। इंटरनेट पर, विकीपीडिया पर सब कुछ उपलब्ध है। फिर भी एक साधारण व्यक्ति के लिए प्रामाणिक और सही जानकारी ढूँढ़ना एक चुनौती है। वट्स-अप आदि पर अधकचरे ज्ञान की भरमार होती है। इसलिए मानववादी और वैज्ञानिक नजरिये से बच्चों का पालन-पोषण कैसे होना चाहिए, इसको इस पुस्तक में समेटा गया है। यह पुस्तक इसी उद्देश्य को लेकर लिखी गई है। यह माता-पिता को उचित पालन-पोषण करके अच्छे माता-पिता बनने में आपकी सहायता करेगी।
यह पुस्तक "ह्यूमनिस्ट यूनिट" के कार्यकर्ताओं के लिए विशेष रूप से लिखी गई है। इसकी सहायता से वे ह्यूमनिस्ट यूनिट का बेहतर ढंग से संचालन कर सकते हैं या नई जगह पर ह्यूमनिस्ट यूनिट श
यह पुस्तक "ह्यूमनिस्ट यूनिट" के कार्यकर्ताओं के लिए विशेष रूप से लिखी गई है। इसकी सहायता से वे ह्यूमनिस्ट यूनिट का बेहतर ढंग से संचालन कर सकते हैं या नई जगह पर ह्यूमनिस्ट यूनिट शुरू कर सकते हैं। परंतु आम पाठक भी इससे लाभ उठा सकते हैं। इसमें मानववाद का इतिहास, दर्शन और विश्व-दृष्टि का सरल ढंग से वर्णन मिलता है। अनेक सामाजिक विषय पर चर्चा-बिन्दु उपलब्ध हैं, जो आम पाठक के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।
इस पुस्तक में मानववादी ( Humanist ) विचारधारा पर आधारित गीतों और कविताओं का संग्रह किया गया है। इसमें फिल्मी, गैर-फिल्मी गीत भी शामिल हैं। कविताओं में प्रसिद्ध साहित्यकारों जैसे हरि
इस पुस्तक में मानववादी ( Humanist ) विचारधारा पर आधारित गीतों और कविताओं का संग्रह किया गया है। इसमें फिल्मी, गैर-फिल्मी गीत भी शामिल हैं। कविताओं में प्रसिद्ध साहित्यकारों जैसे हरिशवंश राय बच्चन, दिनकर, मुक्तिबोध, दर्शन सिंह आवारा, प्रो. मोहन सिंह, रणजीत के साथ नई प्रतिभाओं जैसे शकील प्रेम, भुवन प्रताप, बच्चा लाल उन्मेष आदि को भी स्थान दिया है। हिन्दी, उर्दू और पंजाबी भाषा की रचनाओं को स्थान दिया गया है। इसमें पाठक को विज्ञान मिलेगा, मानवता मिलेगी, और इसके साथ-साथ एक जीवन-दर्शन मिलेगा। इसके संकलनकर्ता ने बड़े परिश्रम से ऐसे चुनिंदा गीतों और कविताओं को ही चुना है, जो मानववादी सोच पर खरे उतरते हैं।
कुल मिलाकर यह एक सुंदर और संग्रहणीय किताब है। इसका प्रकाशन चंडीगढ़ मानववादी एवं मुक्तचिंतक की ओर से किया गया है, जो सेकुलर मानववादी विचारों के लिए समर्पित है।
हमें शादी क्यों करनी चाहिये? क्या एक सुखी जीवन के लिये सभी को शादी करना जरूरी है? शादी एक पवित्र बंधन है या रजामंदी से किया गया एक समझौता है? ज़्यादातर लोगों को इन अहम सवालों के बारे
हमें शादी क्यों करनी चाहिये? क्या एक सुखी जीवन के लिये सभी को शादी करना जरूरी है? शादी एक पवित्र बंधन है या रजामंदी से किया गया एक समझौता है? ज़्यादातर लोगों को इन अहम सवालों के बारे में कोई खास जानकारी नहीं होती है।
यह किताब पाठक को विवाह-संस्था के इतिहास, इसके वर्तमान रूप और इसके भविष्य के बारे में महत्त्वपूर्ण तथ्यों से परिचित कराएगी। इस किताब में दी गई जानकारी का लाभ उठाकर पाठक एक सुखी और तनावरहित वैवाहिक-जीवन जी सकते हैं। इस किताब में दी गई जानकरी वैज्ञानिक शोधों पर आधारित है।
इस किताब का एकमात्र उद्देश्य, जैसा कि शीर्षक से स्पष्ट है, आपको एक सुखी वैवाहिक जीवन जीने में आपकी मदद करना है।
यह पुस्तक लेखक के संघ-स्वयंसेवक से सेकुलर मानववादी बनने के बारे में है। इस पुस्तक में पाठक को एक तरफ जहाँ आरएसएस (RSS) की प्रामाणिक जानकारी मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ, हयूमनिज़्म की विचा
यह पुस्तक लेखक के संघ-स्वयंसेवक से सेकुलर मानववादी बनने के बारे में है। इस पुस्तक में पाठक को एक तरफ जहाँ आरएसएस (RSS) की प्रामाणिक जानकारी मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ, हयूमनिज़्म की विचारधारा की विशेषताओं से परिचित होने का मौका मिलेगा। यूं तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानववाद एक लोकप्रिय आधुनिक विचार है, लेकिन भारत में अभी भी इसके बारे में ज़्यादातर लोगों को कुछ खास पता नहीं है। अभी भी हिंदी भाषा में इसके बारे में कोई विश्वसनीय साहित्य उपलब्ध नहीं है। यह पुस्तक इस कमी को पूरा करती है। इसमें मानववाद के केन्द्रीय विषयों जैसे यही एकमात्र जिंदगी, नैतिकता, खुशी, जीवन का अर्थ,मानव-गरिमा, मृत्यु की सच्चाई आदि की विस्तृत चर्चा की गई है। पाठक इस पुस्तक के अध्ययन से जीवन के प्रति अपनी समझ को और बेहतर बना सकते हैं।
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