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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
पहले काव्य संग्रह ’इंतजार अभी और भी है' कि बाद लंबे समय तक काम की व्यस्तता के बीच विचारशून्य रहा। नकारात्मकता, निराशा और हताशा से मन घिरने लगा। इन तमाम उलझनों से निकलकर आशावादी
पहले काव्य संग्रह ’इंतजार अभी और भी है' कि बाद लंबे समय तक काम की व्यस्तता के बीच विचारशून्य रहा। नकारात्मकता, निराशा और हताशा से मन घिरने लगा। इन तमाम उलझनों से निकलकर आशावादी बनकर नई शुरुआत की। हर एक पहलू पर इत्मीनान से मंथन किया। सोचने समझने के क्षमता से अलग मन के विचारों पर विश्वास कर सकारत्मकता को अपना लिया। उलझनों से निकलकर लिखी ये तमाम कविताएं नकाराक्तमकता से सकाराक्तमकता, निराशा से आशा और हताशा से उत्साह में प्रवेश की साक्षी है। इन्हीं कविताओं में मन के विचार, समाज की व्यथा, आलोचना, उत्साह का संचार, सपनों का संसार, खुशियों की मनुहार शामिल है। इस काव्य संग्रह के लिए मैं मोबाइल एप यौरकोट का आभारी हूँ जिसके माध्यम से मैं अपने मन के विचारों को आकार दे पाया। इन कविताओं में कुछ वे कविताएं भी शामिल हैं जिन विषयों को यौरकोट ने टास्क के रूप में दिया। इन सबके बीच मैं अपने परिवारजनों, सुख-दुख के साथियों और सदैव प्रोत्साहित करने वाले साहित्यकारों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। आभार प्रकाशन टीम और आप सभी पाठकों का भी। उम्मीद है मेरी कविताओं के माध्यम से दूसरों के जीवन में सकाराक्तमकता, आशावाद और उम्मीदों का संचार हो।
अमित भटोरे
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