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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalAchievements
वीरांगना संकलन वीर रस का एक ऐसा अनूठा संकलन है, जिसमें इतिहास की बहुत सी ऐसी वीरांगनाओं का वर्णन मिलता है जिन्हें आज की पीढ़ी नही जानती। जैसा की इस संकलन का नाम ‘वीरांगना’ है य
वीरांगना संकलन वीर रस का एक ऐसा अनूठा संकलन है, जिसमें इतिहास की बहुत सी ऐसी वीरांगनाओं का वर्णन मिलता है जिन्हें आज की पीढ़ी नही जानती। जैसा की इस संकलन का नाम ‘वीरांगना’ है यह संकलन इस नाम के साथ पूर्णतः न्याय करता है। इस संकलन में बहुत से लेखक भारत देश की वीरांगनाओं को लेकर अपने जज़्बातो को अपनी रचनाओं में पिरोकर उन्हें व्यक्त करते है। वीरता,शौर्य,बलिदान,साहस, पराक्रम,सभ्यता,संस्कृति इन सभी तत्वों की झलक भरपूर मात्रा में इस संकलन में मिलती है जो हमें अपने इतिहास से रूबरू करवाती है जो की समय की धूल जमने से धुंधली हो चुकी है । इस संकलन का मुख्य उद्देश्य यह है की वह अपने इतिहास की वीरांगनाओं के द्वारा बनाई गई धरोहर को लिखने,पढ़ने और इतिहास को जानने में रूचि रखने वाले सभी लोगो को देश की वीरांगनाओं के द्वारा रचित स्वर्णिम इतिहास के एक कदम और नज़दीक ले जाने का प्रयत्न करता है। यह केवल एक सामान्य संकलन नहीं बल्कि एक ऐसा संग्रह है जो देश की वीरांगनाओं से लेकर सर्व सामान्य नारी के बलिदान,त्याग,समर्पण की कहानी को उजागर करने का प्रयास कर रहा है। भारतीय इतिहास के पन्नों को स्वर्णिमता प्रदान करने का कार्य केवल वीरों ने ही नहीं बल्कि वीरांगनाओ ने भी किया है। नारी शक्ति का भी महत्वपूर्ण योगदान भारत को महानता प्रदान करने के लिये रहा है। इन्हीं सभी विचारों को व्यक्त करने का कार्य यह संकलन करता है।
यह विशेष संकलन Archiver's Publication की ओर से प्रकाशित किया जा रहा है यह संकलन मेरे लेखन के सफ़र का पहला संकलन है एक संकलनकर्ता के रूप में मैं आशा करता हूं आप सभी पढ़ने और लिखने वालों को हमारा कार्य पसंद आएगा
यह किताब एक काव्य संकलन है जो एक ओर जिंदगी की जमीनी हकीकत से रूबरू करवाती है वही दूसरी ओर रिश्तों में वास्तविकता का आइना ला खड़ा करती है।
इस संकलन का नाम "खामोश किनारा" मेरे अंद
यह किताब एक काव्य संकलन है जो एक ओर जिंदगी की जमीनी हकीकत से रूबरू करवाती है वही दूसरी ओर रिश्तों में वास्तविकता का आइना ला खड़ा करती है।
इस संकलन का नाम "खामोश किनारा" मेरे अंदर के उस शख्स का किरदार निभाता है जो रूबरू है रिश्तों की हकीकत से और शायद अब खामोश भी।
मैंने अक्सर रिश्तों में खामोशियों को महसूस किया है और यह ऐसा बेजुबान दर्द है जो शख्स को अंदर ही अंदर खाता रहता है। कुछ ऐसे पहलुओं को पाठकों के समक्ष रखा गया है जिसे आप पढ़ कर अपनी आपबीती से जोड़ पाएंगे।
जिंदगी के कुछ शाश्वत सत्य है जिन्हें हम जान कर भी नकार देते है और मोह के धागों में बंध जाते है इस संकलन के कुछ लेखकों ने ऐसे हालात को पन्नो पर उतारा है।
कुछ अनकहे जज़्बात भी इस संकलन का हिस्सा है जो अक्सर बोल कर बयां नहीं हो पाते।
इस संकलन के लेखकों ने सांसारिकता, रिश्ते, मोहब्बत, अकेलापन, जुदाई, बढ़ती उम्र, वक्त से जुड़े अपने अनुभव सांझा किए है।
मेरी आशा है की इस संकलन को पढ़ते हुए आपको पन्ना दर पन्ना कुछ नया अनुभव मिले।
हेलो मैं हूं नम्रता व्यास मैं इस पुस्तक "मुशायरा" की कंपाइलर हूं । बुक लिखने का और उसे संकलित करने का मेरा एक बहुत बड़ा सपना रहा है इस किताब में 30 ऑथर्स ने मिलकर काम किया है इस बुक मे
हेलो मैं हूं नम्रता व्यास मैं इस पुस्तक "मुशायरा" की कंपाइलर हूं । बुक लिखने का और उसे संकलित करने का मेरा एक बहुत बड़ा सपना रहा है इस किताब में 30 ऑथर्स ने मिलकर काम किया है इस बुक में सभी लेखकों ने मिलकर बहुत अच्छा सहयोग दिया है । इस पुस्तक का नाम "मुशायरा" रखा गया है इसका मतलब होता है की शायरों की महफिल तो इसी तरह से इस बुक में ओपन थीम भी रखी गई है और वाकई में इस किताब के नाम से लेकर उसके लिखावट में कई सारी पंक्तियां एवं शायरियां दर्शाई गई है जिसे पढ़ने में आपको बहुत खुशी होगी और अच्छा लगेगा । इस किताब के जरिए सभी लेखकों ने अपने विचारों को आपके सामने व्यक्त किया है ताकि छोटे बड़े कोई भी इसे पढ़कर कुछ नया सीख सकें यह भी हम सब के लिए बहुत बड़ी बात है , तो आशा करती हूं कि आप सभी लोग मेरी किताब को पढ़ेंगे और उसमें से कुछ ना कुछ सीख ले पाएंगे ।
मेरी किताब जिसका नाम "मेरा हूनर" हैं। वह मैंने लॉकडाउन में ही लिखी है मुझे आशा ही नहीं थी कि मैं इस किताब को इतनी अच्छी तरीके से लिख पाऊंगी और उसे पब्लिस्ट करवा पाऊंगी, ताकि और लो
मेरी किताब जिसका नाम "मेरा हूनर" हैं। वह मैंने लॉकडाउन में ही लिखी है मुझे आशा ही नहीं थी कि मैं इस किताब को इतनी अच्छी तरीके से लिख पाऊंगी और उसे पब्लिस्ट करवा पाऊंगी, ताकि और लोग भी उसे पढ़ सके। लेकिन मैंने उस किताब का काम पूरा खत्म करके उसे पबलिस्ट के लिए दे दी है। उस किताब में मैंने एक नई तरह की बातें लिखी हैं, लेकिन मुझे आशा है कि आप जब मेरी किताब को पढ़ेंगे तो वह आपको बहुत पसंद आएगी उसमें मैंने एक नई नई कविताएं लिखी है जिसे छोटे-बड़े और हर तरह के लोग पढ़ सकते हैं ।भले ही मैंने उसमें सरल भाषा का इस्तेमाल किया है लेकिन मैंने उसे लिखने में बहुत मेहनत की है उसमें एक नई नई तरह की कविताएं हैं जिससे छोटे बच्चों को सीख मिलेगी और मैं आशा करती हूं कि आपको मेरी बुक पढ़ कर बहुत अच्छा लगेगा ।यह मेरी पहली किताब है, और मेरा सपना था कि मैं अपनी किताब लिखूं । जिसका नाम मैं "मेरा हुनर " रखू । मेरा हुनर मैंने इसलिए इसका नाम रखा है क्योंकि मुझे इस हुनर के बारे में पता ही नहीं था । लेकिन धीरे-धीरे करके मुझे इसके बारे में भी पता चला और मुझे बहुत अच्छा लगा। भले ही मैं ज्यादा अच्छे से तो नहीं पर कविताएं लिख लेती हूं ।मुझे प्रकृति के ऊपर कविताएं लिखना बहुत पसंद है मैं प्रकृति को एक नए ढंग से उभारने की कोशिश करती हूं। मैं अपने नजरिए से प्रकृति को लिखने की पूरी कोशिश करती हूं। और यह काम मुझे बहुत अच्छा लगता है।
बेखौफ जिंदगी, एक ऐसी लड़की के ख़यालात हैं जो अपनी जिंदगी सामजिक परम्पराओं से परे होकर जीना चाहती है, जो अपने जिंदगी के पंखों को जकड के नहीं रखना चाहती। परिस्थिति चाहे कैसे भी हो ज
बेखौफ जिंदगी, एक ऐसी लड़की के ख़यालात हैं जो अपनी जिंदगी सामजिक परम्पराओं से परे होकर जीना चाहती है, जो अपने जिंदगी के पंखों को जकड के नहीं रखना चाहती। परिस्थिति चाहे कैसे भी हो जिंदगी को कैसे जिया जाता है यह किताब हमें यह बखूबी बताती है। इसमें प्रत्येक कविता आत्मनिर्भर होना सिखाती है, तथा कुछ लेख हमे अपने के प्रेम से परिचित करवाते हैं। हम न जाने क्यों समाज के अनुकूल जीवन जीते हैं, हमे हमेसा भय होता है की लोग क्या कहेंगे। यह किताब इन सभी बंदिशों के मेजल को भेदती हुई आपको एक ऐसे जीवन परिचय करवाती है जो वास्तविक है, जो नहीं होना चाहिए और यह भी सिखाती है की जिंदगी किस चिड़िया का नाम है। लेखिका ने बेहद ही खूबसूरती से जीवन के उचित-अनुचित पलों को शब्दों मई पिरोया है।
यह किताब आर्चीवर पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित किया गया है तथा "निधि कुमारी" द्वारा स्वलिखित है।
‘नारीत्व का अनोखा रूप - माँ’ 30 लेखकों के सुंदर लेखन का संकलन है, जिसे ‘अनु अब्राहम’ ने संकलित किया है। इस पुस्तक की आधारशीला भी मातृत्व की सुंदरता और एक माँ के लिए प्यार के इर
‘नारीत्व का अनोखा रूप - माँ’ 30 लेखकों के सुंदर लेखन का संकलन है, जिसे ‘अनु अब्राहम’ ने संकलित किया है। इस पुस्तक की आधारशीला भी मातृत्व की सुंदरता और एक माँ के लिए प्यार के इर्द-गिर्द घूमती है। शीर्षक के अनुसार नारी स्वयं ईश्वर की सबसे विशेष रचना है। पीढ़ियों को आगे ले जाने और दुनिया के संतुलन को बनाए रखने के उद्देश्य से उनका अभिषेक किया जाता है। एक महिला की खासियत और सुंदरता माँ बनने पर और अधिक मजबूत और शक्तिशाली हो जाती है। एक माँ बनना एक महिला के लिए एक आशीर्वाद और विशेषाधिकार है, और पवित्र मातृ प्रेम को प्राप्त करने में सक्षम होना और भी अधिक आनंदमय अनुभव है।
जब हम माँ या मातृत्व शब्द की बात करते हैं, तो इसके कई गहरे छिपे हुए अर्थ और भावनाएँ होती हैं जिन्हें मानव मन नहीं माप सकता। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी जैविक माँ, जिसने हमें जन्म दिया और हमें इस दुनिया में लाया, हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण और अपूरणीय व्यक्ति है। लेकिन कुछ और भी ऐसे खूबसूरत लोग हैं, जो एक माँ की तरह हैं, बिना शर्त प्यार करने वाले, साथ देने वाले, क्षमा करने वाले और जैविक माता-पिता के रूप में त्याग करने वाले। उनका सम्मान करने और उन्हें माता मानने में कोई बुराई नहीं है। उदाहरण के लिए, एकल माताएँ हैं, जो गोद लिए हुए बच्चे को दुनिया की किसी भी चीज से अधिक प्यार करती हैं, या कोई बुजुर्ग भी हो सकता है। जो महिलाएं हमारे परिवार में या हमारे अन्य रिश्तों में माँ की तरह हो सकती हैं, जो जरूरी नहीं कि खून के रिश्ते हों पर वे भी तो माँ है, और उसी प्यार और प्रशंसा के पात्र हैं, मैं इस विचारधारा में दृढ़ता से विश्वास करती हूँ कि सभी माताएं विशेष हैं।
"आखिरी मुलाक़ात" उनतीस सह-लेखकों के लेखन का संकलन है और "मिस-नम्रता व्यास" द्वारा संकलित है। प्रस्तुत संकलन हम सभी के वर्त्तमान जीवन की घटनाओं पर आधारित है , इस संकलन का विषय प्रेम
"आखिरी मुलाक़ात" उनतीस सह-लेखकों के लेखन का संकलन है और "मिस-नम्रता व्यास" द्वारा संकलित है। प्रस्तुत संकलन हम सभी के वर्त्तमान जीवन की घटनाओं पर आधारित है , इस संकलन का विषय प्रेम है। हर किसी की जिंदगी में कोई न कोई प्रेम कहानी होती है, कुछ पूरी तो कुछ अधूरी। यह किताब दिल की भावनाओं के बारे में है। कुछ अधूरे प्यार और भावनाओं के बारे में, इसलिए मैं इस किताब को "आखिरी मुलाक़ात" नाम देती हूँ। यह पुस्तक किसी विशेष से आखरी मिलन को दर्शाती है ।
यह पुस्तक प्रेम और आंतरिक भावनाओं से भरी हुई है, यह पुस्तक हमें समझाती है कि प्रेम हर किसी के जीवन में कितना महत्व रखता है, यह पुस्तक हमें प्रेम की महानता दिखाती है जो व्यक्ति के भावनाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। मैंने प्यार की कहानी के कुछ हिस्सों को बताने की कोशिश की थी, जो अधूरी मोहब्बत पर आधारित है।
"मंजिल - एक अधूरा सफर" तीस लेखकों के लेखन का संकलन है और "श्री शान रायचंद" द्वारा संकलित है।
वर्तमान संकलन हम सभी के वर्तमान जीवन की एक घटना है। कहने को तो हर किसी का जीवन में एक लक
"मंजिल - एक अधूरा सफर" तीस लेखकों के लेखन का संकलन है और "श्री शान रायचंद" द्वारा संकलित है।
वर्तमान संकलन हम सभी के वर्तमान जीवन की एक घटना है। कहने को तो हर किसी का जीवन में एक लक्ष्य होता है, लेकिन क्या हमें कभी इस लक्ष्य से एक ब्रेक भी मिलता है। हम सब एक ऐसी मंजिल की तलाश में हैं जिसका कोई वास्तविक रूप न हो, जिसका कोई अंत न हो। हर जीव अपने जीवन की एक अधूरी, कभी न खत्म होने वाली यात्रा की यात्रा कर रहा है।
कोई अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है तो वहीं जिसने जीवन में सफलता प्राप्त कर ली है उसकी इच्छाएं और भी बढ़ रही हैं। कोई अपने प्यार की मंजिल ढूंढ रहा है तो कोई अपना प्यार पाकर भी संतुष्ट नहीं है। जब हकीकत यह है कि हमें पता ही नहीं है कि आखिर हमारी मंजिल क्या है?
हम अपनी परिस्थितियों से लड़ते हैं और आगे बढ़ते हैं, अपने जीवन के हर पड़ाव से गुजरते हैं और अपने जीवन के अंत में भी, हम इस गंतव्य की वास्तविकता से अनजान अपने प्रियजनों को अपनी अधूरी इच्छाएं व्यक्त करते हैं।
हम कभी भी यह स्वीकार नहीं कर सकते कि हम कितनी भी कोशिश कर लें, हम कभी भी वास्तविक मंजिल तक नहीं पहुंच सकते, हम अपना पूरा जीवन अपनी मंजिल की तलाश में एक अधूरी यात्रा में बिता देते हैं। आप और मैंने जैसे कुछ लोगों ने इस संकलन के माध्यम से हमारे जीवन की इस अधूरी यात्रा की कहानी के कुछ अंश अपने शब्दों के माध्यम से आप तक पहुंचाने की कोशिश की है। हम और हमारे सभी लेखक आशा करते हैं कि इस संकलन के माध्यम से हमसे जुड़ सकें और आप हमारी इस अधूरी यात्रा में हमारे भागीदार बनें।
प्रस्तुत पुस्तक "बचपन : मस्तीयों का पिटारा" की संकलक अंशिका श्रीवास्तव हैं। इस पुस्तक में बहुत सारे लेखको ने अपनी सर्वश्रेष्ठ कविताये प्रस्तुत की हैं और अपनी कविताओं के मध्यम स
प्रस्तुत पुस्तक "बचपन : मस्तीयों का पिटारा" की संकलक अंशिका श्रीवास्तव हैं। इस पुस्तक में बहुत सारे लेखको ने अपनी सर्वश्रेष्ठ कविताये प्रस्तुत की हैं और अपनी कविताओं के मध्यम से ये बताया है की उनका बचपन कितना सुखमय और आनंदित था और अब जवानी में उन सबको अपना बचपन कितना याद आता है ||
लेखिका अंशिका
श्रीवास्तव जी ने अपने जीवन की कु छ अनमोल यादों जैसे-
बचपन की यादें, नानी के घर में बिताये हुए पल, घर में माँ-पापा
की अहमियत जैसी भावनाओं को अपनी कविताओं में प्रस्
लेखिका अंशिका
श्रीवास्तव जी ने अपने जीवन की कु छ अनमोल यादों जैसे-
बचपन की यादें, नानी के घर में बिताये हुए पल, घर में माँ-पापा
की अहमियत जैसी भावनाओं को अपनी कविताओं में प्रस्तुत
किया है। कविताओं में वर्णित प्रत्येक पंक्तियाँ अत्यंत रहस्यमय
परंतु सार्थक शब्दों से युक्त हैं।
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