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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalAchievements
भारतीय संस्कृति हर दृष्टिकोण से बहुत ही व्यापक है। इसमें पूजा- पाठ, मंत्र-हवन, वर्ष भर में मनाये जाने वाले सभी त्योहार, आदि जो भी हैं सभी विज्ञान पर आधारित हैं फिर भी बहुत कुछ हैं ज
भारतीय संस्कृति हर दृष्टिकोण से बहुत ही व्यापक है। इसमें पूजा- पाठ, मंत्र-हवन, वर्ष भर में मनाये जाने वाले सभी त्योहार, आदि जो भी हैं सभी विज्ञान पर आधारित हैं फिर भी बहुत कुछ हैं जिससे हमारी युवा पीढ़ी आज भी अनभिज्ञ है। अत:हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी संस्कृति से, उसकी वैज्ञानिकता से युवा पीढ़ी को परिचित करायें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने इस पुस्तक को लिखने का विचार किया और इस पुस्तक का सृजन किया झे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक मेरे उद्देश्य की सम्पूर्ति में सहायक होगी। इसी आशा के साथ आपके करकमलों में समर्पित है मेरी पुस्तक- “भारतीय संस्कृति के उन्नायक उपादान”।
आपकी प्रतिक्रिया व सुझाव मेरे लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।
इस काव्य संग्रह में आपको ईश्वर की आराधना, प्रकृति के प्रति प्रेम मानव का मानव से रिश्ते का अनोखा रूप देखने को मिलेगा| इसमें मन की बातों को कविता के माध्यम से कहने का प्रयास किया
इस काव्य संग्रह में आपको ईश्वर की आराधना, प्रकृति के प्रति प्रेम मानव का मानव से रिश्ते का अनोखा रूप देखने को मिलेगा| इसमें मन की बातों को कविता के माध्यम से कहने का प्रयास किया है| प्रत्येक कविता आपके दिल के तारों को झंकृत करने का पूरा प्रयास करेगी|
यह पुस्तक एक ऐसी महिला की कहानी है जिन्हें दो बार कैंसर हुआ लेकिन इन्होंने कभी हार नहीं मानी। ये हमेशा आगे बढ़ती रहीं। घर समाज के सभी कार्यों को करते हुए अपने जीवम को सही आयाम दिया
यह पुस्तक एक ऐसी महिला की कहानी है जिन्हें दो बार कैंसर हुआ लेकिन इन्होंने कभी हार नहीं मानी। ये हमेशा आगे बढ़ती रहीं। घर समाज के सभी कार्यों को करते हुए अपने जीवम को सही आयाम दिया। आज ये सफल महिला के रूप में समाज में एक स्थान पा चुकी हैं। अत: यह पुस्तक सभी को प्रेरणा देती है की हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। परिस्थितियाँ कैसी भी हों हमें हिम्मत से काम लेना चाहिए।
श्रीमती उषा शर्मा प्रिया ने कहानी, उपन्यास, बाल कविता, समीक्षा एवं बाल कहानी आदि कई विधाओं में अपनी लेखनी से एक दर्जन से अधिक कृतियों की रचना करके हिन्दी साहित्य में अपना योगदान
श्रीमती उषा शर्मा प्रिया ने कहानी, उपन्यास, बाल कविता, समीक्षा एवं बाल कहानी आदि कई विधाओं में अपनी लेखनी से एक दर्जन से अधिक कृतियों की रचना करके हिन्दी साहित्य में अपना योगदान दिया है।
“प्रेरक बाल कहानियाँ” उनका सातवाँ बाल कहानी संग्रह है जिसमें उनकी उत्कृष्ट चार बाल कहानियाँ समाहित की गई है।
चारों बालकहानियाँ बच्चों की मन: स्थिति को ध्यान में रखते हुए, बच्चों में सहज ही सुसंस्कारों की ओर उन्मुख करने का प्रयास करती कहानियाँ हैं। संग्रह की सभी कहानियाँ बच्चों को पसन्द आयेंगी ऐसी आशा है।
श्री दिनेश पाठक ‘शशि’
‘मनोहर बाल कहानियाँ’ श्रीमती उषा शर्मा ‘प्रिया’ का छठवां बाल कहानी संग्रह है जिसमें उनकी उत्कृष्ट चार बाल कहानियाँ समाहित की गई हैं।चारों बालकहानियाँ बालमनोविज्ञान
‘मनोहर बाल कहानियाँ’ श्रीमती उषा शर्मा ‘प्रिया’ का छठवां बाल कहानी संग्रह है जिसमें उनकी उत्कृष्ट चार बाल कहानियाँ समाहित की गई हैं।चारों बालकहानियाँ बालमनोविज्ञान को ध्यान में रखते हुए, बच्चों में सहज ही सुसंस्कारों की ओर उन्मुख करने का प्रयास करती कहानियाँ हैं। संग्रह की सभी कहानियाँ बच्चों को पसन्द आयेंगीं, ऐसी आशा है। (श्रीमती शशि पाठक)
रूबी ध्रुव से प्यार करती थी, लेकिन जब ध्रुव अपने भाइयों की वजह से उसे समझ नहीं पाया तो घर वालों की उपेक्षा के कारण रूबी को कृष्णा से प्यार हो गया। रूबी और कृष्णा का प्रेम परिवार
रूबी ध्रुव से प्यार करती थी, लेकिन जब ध्रुव अपने भाइयों की वजह से उसे समझ नहीं पाया तो घर वालों की उपेक्षा के कारण रूबी को कृष्णा से प्यार हो गया। रूबी और कृष्णा का प्रेम परिवार से सहन नहीं हुआ—वे इसका विरोध करते हैं--क्या रूबी और कृष्णा का प्रेम समाज और घर वालों को झुका पाएगा-क्या वे हमेशा हमेशा के लिए एक हो पाएँगे--यह सब जानने के लिए पढ़ें उपन्यास “लव बनाम सोसाइटी” -
अन्तर्मन कहानी संग्रह मानव जीवन की दुख और सुख की कहानियों का संग्रह है इस संग्रह में मानव का मानव के प्रति व्यवहार, मानव के कर्तव्य को भलीभाँति दर्शाया गया है इसमें बच्चों को ब
अन्तर्मन कहानी संग्रह मानव जीवन की दुख और सुख की कहानियों का संग्रह है इस संग्रह में मानव का मानव के प्रति व्यवहार, मानव के कर्तव्य को भलीभाँति दर्शाया गया है इसमें बच्चों को बताया गया है कि वे हमेशा बड़ों का सम्मान करें और उनका आदर करें हिंदू मुस्लिम के भेदों को मिटा कर मानव को मानव से पहचान कराई गई है इंसानियत की बातें की गई है और ईश्वर के प्रति आस्था रखने को भी महत्व दिया गया है कुल मिलाकर यह कहानी संग्रह मानव के अंतर्मन को बेध कर लिखी हुई कहानियों का संग्रह है और इस संग्रह में को पढ़ते समय मानव हर कहानी में खुद को ही जोड़ता हुआ नजर आएगा
मानव जीवन का संपूर्णता में काव्यमय प्रस्तुतीकरण “श्रीमती उषा शर्माजी” द्वारा लिखित काव्य संग्रह- ‘दस्तक ए दिल’ का आद्योपान्त अध्ययन किया। यह पुस्तक यथा नाम तथा गुण है।
मानव जीवन का संपूर्णता में काव्यमय प्रस्तुतीकरण “श्रीमती उषा शर्माजी” द्वारा लिखित काव्य संग्रह- ‘दस्तक ए दिल’ का आद्योपान्त अध्ययन किया। यह पुस्तक यथा नाम तथा गुण है। जिस भावना ने दिल को दस्तक दी, उसे कागज पर उतार दिया। इसमें जीवन से संदर्भित लगभग सभी प्रसंगों का मनोरंजक,संदेशवाहक एवं काव्यमय प्रस्तुतीकरण है।
प्रभुभक्ति, भक्त की वेदना, देशभक्ति, प्रेम-प्रसंग, प्रेम में प्रभुभक्ति, भक्त की वेदना, देश भक्ति, प्रेम-प्रसंग, प्रेम में प्रभु भक्ति, भक्त की वेदना,देश भक्ति, प्रेम-प्रसंग, प्रेम में प्रभु भक्ति, भक्त की वेदना, देशभक्ति, प्रेम-प्रसंग, प्रेम में प्रभु भक्ति,भक्त की वेदना, देशभक्ति, प्रेम-प्रसंग, प्रेम में विरह-वेदना, कन्या गरिमा, वृद्धों को सम्मान, माता-पिता की सेवा, लड़कियों को ससुराल में सामंजस्य की शिक्षा, मजदूरों की व्यथा, साक्षरता का महत्त्व, शिक्षकों का सम्मान, शिक्षा का महत्त्व, जीवन की सफलता हेतु समय के साथ कार्यशीलता, अमृतवाणी, मित्रता, शहीद हुए जवानों के परिवार की मानसिक वेदना आदि को काव्य के माध्यम से पाठकों व श्रोताओं के हृदय में स्थापित करने का पुनीत कार्य किया है।
आशा करती हूँ कि उनकी लेखनी इसी प्रकार लोक कल्याण का कार्य करती रहेगी।
डाँ॰ शोभा अग्रवाल ‘चिलबिल’
छोटे बच्चों के लिए मनोरंजक पुस्तक है। इसमें दो बाल कहानियाँ समाहित की गई हैं। दोनों कहानियाँ बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ शिक्षाप्रद भी है।
छोटे बच्चों के लिए मनोरंजक पुस्तक है। इसमें दो बाल कहानियाँ समाहित की गई हैं। दोनों कहानियाँ बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ शिक्षाप्रद भी है।
श्रीमती उषा शर्मा की पुस्तक-‘‘हवा बड़ी या पेड़’’ में चार बाल कहानियाँ संग्रहीत हैं। पहली कहानी बच्चों को यह सीख देती है कि उन्हें माता-पिता का कहना मानना चाहिए वरना उनको किस
श्रीमती उषा शर्मा की पुस्तक-‘‘हवा बड़ी या पेड़’’ में चार बाल कहानियाँ संग्रहीत हैं। पहली कहानी बच्चों को यह सीख देती है कि उन्हें माता-पिता का कहना मानना चाहिए वरना उनको किसी तरह का नुकसान भी हो सकता है। दूसरी कहानी भी माता-पिता से कोई बात छुपानी नहीं चाहिए, इस बारे में बच्चों को सीख देने वाली है। तीसरी बाल कहानी में समय और धैर्य के महत्व को दर्शाया गया है तो चौथी कहानी पर्यावरण की रक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करती है।
डॉ.दिनेश पाठक ‘शशि’
निशा को विनय से प्यार हो जाता है परंतु घर के हालात को देखते हुये विनय के भले के लिए वह शालिनी जो एक अमीर लड़की है उसके लिए विनय को छोडने का फ़ैसला करती है और पिता के द्वारा तय किए लड़के
निशा को विनय से प्यार हो जाता है परंतु घर के हालात को देखते हुये विनय के भले के लिए वह शालिनी जो एक अमीर लड़की है उसके लिए विनय को छोडने का फ़ैसला करती है और पिता के द्वारा तय किए लड़के से शादी करने को तैयार तो होती है। मगर फेरों के वक़्त बेहोश हो जाती है। आगे क्या हालात होते है? क्या वह विनय से शादी कर पाती है या नहीं? क्यों बेहोश हुए थी निशा? सच में या नाटक शादी न करने के लिए किया था। जानने के लिए पढ़ते रहिए ---“अधूरे फ़ेरे”
उषा सरमा जी के काव्य संग्रह प्रेम पाँखुरी में 82 कवितान कूँ समाहित कियौ गयौ है। जा में भौतु सी कविता श्रृंगार रस ते ओत-प्रेत हैं तौ कछू भक्ति-भाव ते पूर्ण हैं। जिनकूं पढ़त भये पाठकन
उषा सरमा जी के काव्य संग्रह प्रेम पाँखुरी में 82 कवितान कूँ समाहित कियौ गयौ है। जा में भौतु सी कविता श्रृंगार रस ते ओत-प्रेत हैं तौ कछू भक्ति-भाव ते पूर्ण हैं। जिनकूं पढ़त भये पाठकनु कूं विविध प्रकार के रसनु कौ आस्वादन करिबे कूं मिलैगौ।
कहानी संग्रह-‘‘कम्मो’’ की कहानी एक ऐसी कहानी है जो सदियों से चली आ रही रूढ़ियों की कारा से मुक्त करके नारी सशक्तीकरण की पक्षधरता करती नजर आती है तो निर्णय तथा कांटे और फूल ज
कहानी संग्रह-‘‘कम्मो’’ की कहानी एक ऐसी कहानी है जो सदियों से चली आ रही रूढ़ियों की कारा से मुक्त करके नारी सशक्तीकरण की पक्षधरता करती नजर आती है तो निर्णय तथा कांटे और फूल जैसी कहानियाँ नारी संघर्ष को व्यक्त करती हैं। कहानी संग्रह कम्मो की अधिकतर कहानियाँ नारी जाति के संघर्ष और बेड़ियों से मुक्त होने की छटपटाहट को अपने अन्दर समाहित किए हुए है।
निश्चित ही ये कहानियाँ समाज के अंधेरे पक्षों से मुक्ति का आह्वान करती हुई कहानियाँ हैं। डॉ. दिनेश पाठक ‘शशि’
श्रीमती उषा शर्मा का कहानी संग्रह अपने अन्दर नौ सामाजिक एवं पारिवारिक कहानियों को समाहित किए है। कहानी संग्रह की भाषा-शैली बहुत ही सहज सरल एवं ग्राह्य है। कहानियाँ मनोरंजक एवं
श्रीमती उषा शर्मा का कहानी संग्रह अपने अन्दर नौ सामाजिक एवं पारिवारिक कहानियों को समाहित किए है। कहानी संग्रह की भाषा-शैली बहुत ही सहज सरल एवं ग्राह्य है। कहानियाँ मनोरंजक एवं सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार करने वाली हैं।
बाल कहानी संग्रह -‘‘एकता की जीत’’ में प्रसिद्ध लेखिका श्रीमती उषा शर्मा की पाँच बाल कहानियाँ समाहित की गई हैं। सभी कहानियाँ बच्चों का मनोरंजन करने में पूर्ण समर्थ तो हैं
बाल कहानी संग्रह -‘‘एकता की जीत’’ में प्रसिद्ध लेखिका श्रीमती उषा शर्मा की पाँच बाल कहानियाँ समाहित की गई हैं। सभी कहानियाँ बच्चों का मनोरंजन करने में पूर्ण समर्थ तो हैं ही साथ ही उनके ज्ञान में वृद्धि करने और उनको खेल-खेल में कुछ सीख भी देने वाली हैं।
डॉ. दिनेश पाठक ‘शशि’
Ruby was in love with Dhruv, but when Dhruv could not understand him because of his brothers ----------- then due to the neglect of the housemates, Ruby fell in love with Krishna. -------- Ruby and Krishna's love was not tolerated by the family ------ They oppose it ----- Will Ruby and Krishna's love be able to tilt the society and the family members-- - Will they always be one forever ------- Read to know all this.
Ruby was in love with Dhruv, but when Dhruv could not understand him because of his brothers ----------- then due to the neglect of the housemates, Ruby fell in love with Krishna. -------- Ruby and Krishna's love was not tolerated by the family ------ They oppose it ----- Will Ruby and Krishna's love be able to tilt the society and the family members-- - Will they always be one forever ------- Read to know all this.
Ganga, a girl from a middle class family, only sister of five brothers was a victim of gender discrimination in the family. In her in-law’s house too she saw discrimination among rich and poor and caste. Struggling through all these hardships how she gave a new amplitude to her life, achieved her goal and became an ideal for the society. This novel “YE KYA ZINDAGI HAI” is her answer to the society which underestimates girls.
Ganga, a girl from a middle class family, only sister of five brothers was a victim of gender discrimination in the family. In her in-law’s house too she saw discrimination among rich and poor and caste. Struggling through all these hardships how she gave a new amplitude to her life, achieved her goal and became an ideal for the society. This novel “YE KYA ZINDAGI HAI” is her answer to the society which underestimates girls.
पिछले तीन सालों में रिया के जीवन में सब कुछ बदल गया था I डाँक्टर बनने का सपना देखते – देखते वह कब दिल्ली के रेड लाइट Read More...
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