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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
बाल कविता संग्रह-‘आज है आधार कल का’ में 17 निबन्ध कविताओं को समाहित किया गया है।
विभिन्न विषयों पर रचित इन निबन्ध बाल कविताओं की विशेषता यह है कि बच्चा उन कविताओं को रट ल
बाल कविता संग्रह-‘आज है आधार कल का’ में 17 निबन्ध कविताओं को समाहित किया गया है।
विभिन्न विषयों पर रचित इन निबन्ध बाल कविताओं की विशेषता यह है कि बच्चा उन कविताओं को रट ले तो सहज ही वह उन विषयों पर अपना एक अच्छा सा आलेख या निबन्ध तैयार कर सकता है। स्नेहलता जी का यह अभिनव प्रयोग निश्चित ही बच्चों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।
आज़ादी के अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर उन वीरों का वंदन है जिन्होंने हमारे देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी । किसी भी कष्ट या दुःख की परवाह
आज़ादी के अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर उन वीरों का वंदन है जिन्होंने हमारे देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी । किसी भी कष्ट या दुःख की परवाह नहीं की । अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया । मेरा यह काव्य संग्रह ऐसे वीर सपूतों के लिए श्रद्धांजलि स्वरूप है । इसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस , बेगम हजरत महल , चंद्रशेखर आजाद , गांधी जी , वीर विनायक दामोदर सावरकर को नमन किया है । जलियांवाला बाग की उस पुण्य भूमि को नमन है जहाँ आज़ादी के मतवाले निहत्थों लोगों पर गोलियां बरसाईं गईं थीं । काला पानी अंडमान निकोबार की भूमि को नमन है जहाँ उन वीरों को भीषण यातनाएं दी गई थीं जिन्होंने भारत माता की आज़ादी की कल्पना की थी । काला पानी अंडमान निकोबार का नाम बदलकर अब स्वराजद्वीप कर दिया गया है । उस स्वराजद्वीप की पावन भूमि को नमन है । नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कहा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा । अंग्रेजों से लड़ते हुए नेताजी की आजाद हिंद फौज ने अपना पहला झंडा अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर फहराया । आजाद हिंद फौज के उन वीर सिपाहियों को नमन है ।
प्राणि जगत का वर्गीकरण कक्षा तीन से पांच तक के सभी विद्यालयों के पाठ्यक्रम में है । हिन्दी मीडियम और अंग्रेजी मीडियम दोनों के बच्चे इस पाठ को आसानी से
प्राणि जगत का वर्गीकरण कक्षा तीन से पांच तक के सभी विद्यालयों के पाठ्यक्रम में है । हिन्दी मीडियम और अंग्रेजी मीडियम दोनों के बच्चे इस पाठ को आसानी से समझ सकें और याद कर सकें इसलिए मैंने इसे कविता और चित्रों के माध्यम से समझाने का प्रयास किया है यह पुस्तक छात्रों को निश्चय ही उपयोगी सिद्ध होगी ।
स्नेह लता
सुप्रसिद्ध लेखिका स्नेह लता का नया कहानी संग्रह है इसे क्या कहूं । इसे क्या कहूं में 12 कहानियां संग्रहीत हैं जो विभिन्न विषयों तथा विभिन्न पृष्ठभूमि पर आधारित हैं । कहानी इसे
सुप्रसिद्ध लेखिका स्नेह लता का नया कहानी संग्रह है इसे क्या कहूं । इसे क्या कहूं में 12 कहानियां संग्रहीत हैं जो विभिन्न विषयों तथा विभिन्न पृष्ठभूमि पर आधारित हैं । कहानी इसे क्या कहूं आज के युग के लिव टुगैदर पर है तो वही कोरोना की विभीषिका को दर्शाती कहानी ऐसा कभी ना हो , अम्मी ,अब लौट लौट चलें कहानियां हैं । मेहरू दिल को झकझोरती है वहीं हम कहां हैं , स्विच ओवर , अन्नदाता समाज की विद्रूपता को तथा अम्मा जी का मोबाइल टेक्नोलॉजी को लेकर गुदगुदाती है । फिर कभी ऐसा ना हो भीषण प्राकृतिक आपदा का सच दिखाती है । सभी कहानियां दिल को छूने वाली हैं और मन और मस्तिष्क के समानान्तर चलती हैं जो एक चलचित्र की भांति प्रतीत होती हैं ।;सभी कहानियां पाठकों को निश्चय ही बहुत पसन्द आएगी
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