आज़ादी के अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर उन वीरों का वंदन है जिन्होंने हमारे देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी । किसी भी कष्ट या दुःख की परवाह नहीं की । अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया । मेरा यह काव्य संग्रह ऐसे वीर सपूतों के लिए श्रद्धांजलि स्वरूप है । इसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस , बेगम हजरत महल , चंद्रशेखर आजाद , गांधी जी , वीर विनायक दामोदर सावरकर को नमन किया है । जलियांवाला बाग की उस पुण्य भूमि को नमन है जहाँ आज़ादी के मतवाले निहत्थों लोगों पर गोलियां बरसाईं गईं थीं । काला पानी अंडमान निकोबार की भूमि को नमन है जहाँ उन वीरों को भीषण यातनाएं दी गई थीं जिन्होंने भारत माता की आज़ादी की कल्पना की थी । काला पानी अंडमान निकोबार का नाम बदलकर अब स्वराजद्वीप कर दिया गया है । उस स्वराजद्वीप की पावन भूमि को नमन है । नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कहा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा । अंग्रेजों से लड़ते हुए नेताजी की आजाद हिंद फौज ने अपना पहला झंडा अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर फहराया । आजाद हिंद फौज के उन वीर सिपाहियों को नमन है ।