Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalI am a Writer by heart having an attractive experience of translation and teaching. Moreover a Bachelor of Arts, Law graduate, Bachelor of Journalism and Mass Communication. I am post graduate in English Litt. and Philosophy and PGDHRM. I am a certified Yoga Instructor too. I have a creative portal viz www.ajnabh.inRead More...
I am a Writer by heart having an attractive experience of translation and teaching. Moreover a Bachelor of Arts, Law graduate, Bachelor of Journalism and Mass Communication. I am post graduate in English Litt. and Philosophy and PGDHRM. I am a certified Yoga Instructor too. I have a creative portal viz www.ajnabh.in
Read Less...Achievements
इस कहानी संग्रह में कुल दस कहानियाँ हैं। सभी समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हैं। पात्र असमंजस से गुजर रहे हैं लेकिन अंततः वे सही निर्णय लेते हैं और अपने जीवन को सार
इस कहानी संग्रह में कुल दस कहानियाँ हैं। सभी समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हैं। पात्र असमंजस से गुजर रहे हैं लेकिन अंततः वे सही निर्णय लेते हैं और अपने जीवन को सार्थक बनाते हैं। शांभवी, नीरा, स्वस्ति, प्रबोधिनी, भामिनी और अन्य सभी केंद्रीय पात्र अपने जीवन दर्शन को दर्शाते हैं। लगभग सभी कहानियाँ अन्याय का प्रतिकार करने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने व्यक्तित्व को मजबूत बनाने का संदेश देती है।
'वो इक्कीस दिन' नामक कहानी संग्रह में पाठकों को बीस कहानियों में अलग नजरिये के साथ प्रेम, लिव-इन, वैवाहिक जीवन, मातृत्व वैसे संवेदनशील विषयों का जीवन-दर्शन पढ़ने को मिलेगा. अलग-अलग
'वो इक्कीस दिन' नामक कहानी संग्रह में पाठकों को बीस कहानियों में अलग नजरिये के साथ प्रेम, लिव-इन, वैवाहिक जीवन, मातृत्व वैसे संवेदनशील विषयों का जीवन-दर्शन पढ़ने को मिलेगा. अलग-अलग किरदारों के संघर्षों, विविध परिस्थितियों व मानसिक स्थिति की दास्तां है ये कहानियाँ! जिनमें कुछ मेरी कल्पना की उपज है तो कुछ आस-पास बिखरे चरित्र हैं. कोशिश की है कि सभी किरदारों के साथ न्याय हो.
विष्णु शर्मा रचित पंचतंत्र एक कालजयी रचना है जिसे बस आज की पीढी के समझने योग्य भाषा में लिखा जाना था. ये पुस्तक सभी आयुवर्ग के लिए उपयोगी व रुचिकर सिद्ध हो; इसी भावना से इसका प्रचा
विष्णु शर्मा रचित पंचतंत्र एक कालजयी रचना है जिसे बस आज की पीढी के समझने योग्य भाषा में लिखा जाना था. ये पुस्तक सभी आयुवर्ग के लिए उपयोगी व रुचिकर सिद्ध हो; इसी भावना से इसका प्रचार व प्रसार अपेक्षित है. लेखिका का स्वप्न है कि कम से कम एक मिलियन बच्चों तक यह किताब पँहुचे और वे लाभान्वित हो
एक शिक्षिका, ट्रांसलेटर और योगाचार्य के अलावा मैं तब लेखिका भी बन जाती हूँ जब भावों को लिखना जरूरी हो जाता है. पिछले चार सालों में द्रष्टा बनकर देखे गए हर भाव को कविता का रूप दे
एक शिक्षिका, ट्रांसलेटर और योगाचार्य के अलावा मैं तब लेखिका भी बन जाती हूँ जब भावों को लिखना जरूरी हो जाता है. पिछले चार सालों में द्रष्टा बनकर देखे गए हर भाव को कविता का रूप दे दिया. मेटाफिजिकल कविताएँ क्लिष्ट भले ही हो पर होती है अद्वितीय... किताब का टाइटल इस बात का साक्षी है...
Are you sure you want to close this?
You might lose all unsaved changes.
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.