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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalHello, my name is Kshitij Upadhyay Kishor. I'm Architecture Designer. Work:- Social Work, Poet, Writer and Architecture Designer Architect:- Myxitiz Home-City Author:- My Xitiz YouTube And Website MediaRead More...
Hello, my name is Kshitij Upadhyay Kishor. I'm Architecture Designer.
Work:- Social Work, Poet, Writer and Architecture Designer
Architect:- Myxitiz Home-City
Author:- My Xitiz YouTube And Website Media
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जिस देश का अतीत उपनी स्वर्णिम विभूति एवं संस्कृति की गाथा गाते दैविक सम्पदा पर गौरवान्वित रहा उसकी अनवरत विकास की परम्परा में आसुरी प्रवृति और बौद्धिक अवनति से मानव विनाश की ओर
जिस देश का अतीत उपनी स्वर्णिम विभूति एवं संस्कृति की गाथा गाते दैविक सम्पदा पर गौरवान्वित रहा उसकी अनवरत विकास की परम्परा में आसुरी प्रवृति और बौद्धिक अवनति से मानव विनाश की ओर बढ़ चला।
आज उसकी चिन्तन चातुरी ने दीनता को आमंत्रित की, शान्ति, प्रगति, प्रीति, शुचिता और समरसता खो दी, वीरों की कुर्वाणी से धरती दहल उठी तो विश्व की मानवता आतंकित और मूर्च्छित अपने रूडन को रोक नही पा रही।
गुलामी की गर्त ने "भारत दुर्दशा" पर साहित्यकारों और कवियों सेनानियों को स्वर प्रदान कर स्वतंत्रता के आहान का विगुल फूका तो आज इस अज्ञानता और स्वार्थ परता की धन घटा को दूर करने हेतु सिर्फ आवाज नहीं प्रयास की निवान्त आवश्यकता है। इसके लिए तो भूषण, कवि चन्द और दिनकर जैसा शौर्य भरा सम्वाद का ही उदघोष चाहिए। नयी पीढ़ी को अवसाद व्याग कर उठना और आगे बढ़ना चाहिए। यह भाव Dr. G. Bhakta की शैक्षिक सोच, सेवा कार्य और देश प्रमम से उपजा विचार वैभव युवा मानस और छात्र छात्राओं के लिए समर्पित है।
बाल कविताएँ चित्ताकर्षक और ह्रदयाह्रलादक भूमिका में बाल साहित्य को सुशोभित और मुखरित करती हैं। काव्य कला का यह क्षेत्र साहित्य का जितना मर्मस्पर्शी स्वरूप में खड़ा कर पाता है
बाल कविताएँ चित्ताकर्षक और ह्रदयाह्रलादक भूमिका में बाल साहित्य को सुशोभित और मुखरित करती हैं। काव्य कला का यह क्षेत्र साहित्य का जितना मर्मस्पर्शी स्वरूप में खड़ा कर पाता है जो त्रिकाल तक जीवन को ओठों पर गुंजायमान पाता है।
साहित्य की भूमि पर उगे उपवन में काव्य के कोमल कुंज उनके किश्ल्य, मंजर, कुसुम कलिकाएँ उनकी पंखुड़ियों के विविध रंग गंध और छटा बाल भावनाओं को सरस्वती मंदिर का सौरभ प्रदान करता है जो मनोहारी ज्ञान प्रकाशक और अज्ञानता का निवारक गायन में मुखरित होता है।
काव्य कला की रचना धर्मिता में ज्ञान का उद्घोष युगधर्म के साथ युगबोध का प्रबोधक परिवेश उत्पन्न करता है जो कभी वेद की ऋचाएँ होती थी, सुरसरिता थी, आज की कविता कही जाती है। कवि का हृदय शारदा को मंदिर-सा सौभ्य, सुरभ्य वह सुगम एवं सुलभ सौन्दर्य ही नहीं शैर और सुधपान भी करता है। मलिक काव्य क्रिश्लय काव्यगारी काव्य कुसुम काव्य कलिका लघुकाव्य जन हुंकार मुर्च्छना के स्वर अंग्रेजी में मेमोराजर तथा लिट इनफलो धान श्रृंखला निवेदन बाल रखा।
जिस देश का अतीत उपनी स्वर्णिम विभूति एवं संस्कृति की गाथा गाते दैविक सम्पदा पर गौरवान्वित रहा उसकी अनवरत विकास की परम्परा में आसुरी प्रवृति और बौद्धिक अवनति से मानव विनाश की ओर
जिस देश का अतीत उपनी स्वर्णिम विभूति एवं संस्कृति की गाथा गाते दैविक सम्पदा पर गौरवान्वित रहा उसकी अनवरत विकास की परम्परा में आसुरी प्रवृति और बौद्धिक अवनति से मानव विनाश की ओर बढ़ चला।
आज उसकी चिन्तन चातुरी ने दीनता को आमंत्रित की, शान्ति, प्रगति, प्रीति, शुचिता और समरसता खो दी, वीरों की कुर्वाणी से धरती दहल उठी तो विश्व की मानवता आतंकित और मूर्च्छित अपने रूडन को रोक नही पा रही।
गुलामी की गर्त ने "भारत दुर्दशा" पर साहित्यकारों और कवियों सेनानियों को स्वर प्रदान कर स्वतंत्रता के आहान का विगुल फूका तो आज इस अज्ञानता और स्वार्थ परता की धन घटा को दूर करने हेतु सिर्फ आवाज नहीं प्रयास की निवान्त आवश्यकता है। इसके लिए तो भूषण, कवि चन्द और दिनकर जैसा शौर्य भरा सम्वाद का ही उदघोष चाहिए। नयी पीढ़ी को अवसाद व्याग कर उठना और आगे बढ़ना चाहिए। यह भाव डा. जी. भक्त की शैक्षिक सोच, सेवा कार्य और देश प्रमम से उपजा विचार वैभव युवा मानस और छात्र छात्राओं के लिए समर्पित है।
The "Lit Inflow" appers here a composition of poetic expression of events those concern with representation, patrticipation, feelings, aquaintence, philosophy as well as proclamations about life and its existence in universe.
Indeed life is stream on the path of time to lead and enjoy. Its realm of action and expression involved in intellect there in may be the view whatever appreciable in time to come or happen no doubt. It is the soul of poetry.
The "Lit Inflow" appers here a composition of poetic expression of events those concern with representation, patrticipation, feelings, aquaintence, philosophy as well as proclamations about life and its existence in universe.
Indeed life is stream on the path of time to lead and enjoy. Its realm of action and expression involved in intellect there in may be the view whatever appreciable in time to come or happen no doubt. It is the soul of poetry.
Whatever my poetical approach goes to human existence, culture and profession there of or natural panaroma, ideology deamed to occure in this phenomenal world of creation.
I owe to axpect your kind appreciation if you may feel a like.
डा० जी० भक्त विरचित "काव्य कुसुम" वैशाली की गौरव गाथा, बिहार के धार्मिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक इतिहास तथा भारत वर्ष के राष्ट्रीय गौरव एवं प्राकृतिक संसाधनों की जीवन्त भूमिका प
डा० जी० भक्त विरचित "काव्य कुसुम" वैशाली की गौरव गाथा, बिहार के धार्मिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक इतिहास तथा भारत वर्ष के राष्ट्रीय गौरव एवं प्राकृतिक संसाधनों की जीवन्त भूमिका प्रस्तुत करती है। कवि की काव्य धर्मिता आज के युवा वर्ग में राष्ट्रीयता का युगबोध कराने साथ ही युगधर्म निभाने की प्रस्फुट अभ्यर्थना देश के प्रति समर्पित करती है।
बाइसवीं शदी की काव्य धारा में हिन्दी भाषा का प्रतिनिधित्त्व करती यह रचना अपना युगीन स्थान लेकर राष्ट्र भक्ति, देश प्रेम एवं प्राकृतिक वर्चस्व को उद्घाटित कर रही है।
प्रस्फुट भाषा में भावों का प्रवाह पाठकों के लिए आकषर्क के साथ ज्ञानों पहार का प्रत्यक्षीकरण सिद्ध हो रहा है। जिस काल खण्ड में देश शिक्षा की गुणवत्ता के क्षरण से चिन्तित उसके उत्थान के लिए प्रयत्नरत दृष्टिगत हो रहा है, वहाँ डा० जी० भक्त का "काव्य कुसुम" प्रभात वेला में सुरभित भक्ति भूषित एवं काव्य रस पूरित गौरवान्वित हो रही है।
प्रसिद्ध गाधीवादी सामाजिक कार्यकर्त्ता भारतीय आत्मा अन्ना हजारे की संस्था इंडिया एगेन्स्ट कोरप्शन को यह काव्य रचना समर्पित हैं, जहा से भ्रष्टाचार नियंत्रण हेतु राष्ट्र व्या
प्रसिद्ध गाधीवादी सामाजिक कार्यकर्त्ता भारतीय आत्मा अन्ना हजारे की संस्था इंडिया एगेन्स्ट कोरप्शन को यह काव्य रचना समर्पित हैं, जहा से भ्रष्टाचार नियंत्रण हेतु राष्ट्र व्यापी आन्दोलन जारी है ।
"जन हुँकार" में कवि की भावना का क्रमिक भावोन्मेष, कालक्रम की गति, परिणति, प्रस्तुति और अवसान में जन-मन एवं हृदय के भावोद्गार मानव के कल्याणार्थ फूट पड़ा है जो जितना ऐतिहासिक है, उतना ही समसामयिक भी राजनैतिक परिदृश्य का सामाजिक संस्पर्श पाठकों की सहमति की अपेक्षा रखगी।
भारतीय इतिहास सौष्ठव, अंग्रजी सत्ता की वर्वरता और स्वतंत्र भारत की राजनैतिक सामाजिक परिदृश्य पर कवि की आतनाद कोई क्रांतिकारी उन्माद नही जन आकाक्षाओं की करुणा भाव भूमिका है जिसके लिए भारतीय आत्मा को जगान और उनमे युगबोध अपनाने की उदघोषणा निहित है।
लेखक की अखण्ड साधना का प्रसाद श्रीमद्भगवद्गीता (निष्पत्ति और निवृति) आपके समक्ष है, इनकी खंडित अभिव्यक्ति में आत्मस्तुति, प्रस्तुति, विस्तृति, निष्पत्ति तथा निवृति जो एक पुस्त
लेखक की अखण्ड साधना का प्रसाद श्रीमद्भगवद्गीता (निष्पत्ति और निवृति) आपके समक्ष है, इनकी खंडित अभिव्यक्ति में आत्मस्तुति, प्रस्तुति, विस्तृति, निष्पत्ति तथा निवृति जो एक पुस्तकाकार में गीता बोध आपकी आकांक्षा की प्रतीक्षा करेगी, प्रकाशनार्थ परिशोधन में हैं । गीता द्वारा जनसामान्य के लिए बोध गम्यता तथ युवा पीढ़ी के लिए आत्म बोध एवं दिशा बोध प्रदान करना ही अभीष्ट है । मेरी कामना है कि यह असंख्य करों में धारण की जाय तथा हृदय में स्थान पाये । उपलब्ध तो हम सबों की होगी इन्हें मात्र निर्माण का ही आनन्द प्राप्त होगा ।
Authority Must Be Authentic A Memorizer To Materia Medica.
The Author, an authority to write on certain subject is a duty of
sharing his own acquaintance and experience of idea cellected in his
mind as well as his own experimentation, the result musts have given
proof of its uility,
I have done it at my own confidence and share it before to do
and feel. Not only on human being but in the whole field o
Authority Must Be Authentic A Memorizer To Materia Medica.
The Author, an authority to write on certain subject is a duty of
sharing his own acquaintance and experience of idea cellected in his
mind as well as his own experimentation, the result musts have given
proof of its uility,
I have done it at my own confidence and share it before to do
and feel. Not only on human being but in the whole field of
medicament in human concern as veterinary family welfare, crime
controle, development of genioun and pious expectation in agronomy,
veterinary and for higher aim in human existence.
One educative point of view, I have found out being based all
those at horizon of human life and placed the concept as well as their
repertorial analysi and confirmantion of similia minimum dose and
corred-remedy in sharp memory as we have procured inpoetical
expression and version throught which in a world conference so many
participants of abroad went across and appraised; you will have at a
glance to go through.
प्रस्तुत कविता-संकलन “काव्य कुंज कलिका” जो मेरे द्वारा संकलित किया गया है। जो कविताओं का प्रेरणा संकलन है। इस के अंतर्गत आने वाले, हिंदी व अहिंदी भाषी क्षेत्रों के बीच पारस्
प्रस्तुत कविता-संकलन “काव्य कुंज कलिका” जो मेरे द्वारा संकलित किया गया है। जो कविताओं का प्रेरणा संकलन है। इस के अंतर्गत आने वाले, हिंदी व अहिंदी भाषी क्षेत्रों के बीच पारस्परिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संकलित किया गया है।
इस प्रस्तुतिकरण पर हमने काफी विचार-विर्मश किया है। इस में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के युवा कवियों का कविता-संकलन, उनको उत्साहवर्धन और पुरस्कृत करने के लिए किया गया । इस में अहिंदी भाषी क्षेत्र से उभरते नवयुवक हिंदी भाषी कवि दिखे…! कविताएँ कही तो कवियों की आशाओं से जुड़कर आनन्द और अभिलाषाओं के रूप में है, तो कही नितांत दुःख और क्लेश से जुड़कर व्यंग्य या प्रश्न के रूप में हमारे सामने आती है। इस शुभ कार्य के लिए युवा कवि एवं कवियित्रियो को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं और धन्यवाद।
संकलन “काव्य कुंज कलिका” में प्रस्तुत अन्य कविताएँ भी ऐसी ही मानवीय भावनाओं से परिपूर्ण है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहर आए हुए युवा कवि, आधुनिक प्रचार-प्रसार के माध्यमो से परिचित होते हुए भी उनके गुणों से वंचित न रहे।
आशा करता हुँ यह “काव्य कुंज कलिका” पुस्तक सभी पढ़ेगे तथा कुछ ह्रदय स्पर्शी बातें ग्रहण करेंगे।
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