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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalAchievements
भगवान् श्रीरामजी को अपनी सोलह वर्षकी आयुमें तीर्थाटनके समय ऋषि-मुनियोंका सत्संग मिलनेसे, वैराग्य उत्पन्नहो गया था। उनकी उदास पूर्ण व्यथाकी बात उन्हींके द्वारा सुनकर, महर्षि
भगवान् श्रीरामजी को अपनी सोलह वर्षकी आयुमें तीर्थाटनके समय ऋषि-मुनियोंका सत्संग मिलनेसे, वैराग्य उत्पन्नहो गया था। उनकी उदास पूर्ण व्यथाकी बात उन्हींके द्वारा सुनकर, महर्षि वसिष्ठजी उनको संसारिक व मानसिक कष्टोंसे रहित रहकर जीवन व्यतीत करनेका पूरा ज्ञान समझाते हैं। इसप्रकार से उनको मात्र सोलह वर्षकी आयुमें ही ब्रह्म, प्रकृति, जगत व स्वयं का पूर्ण ज्ञान प्राप्तहो गया था। जिससे श्रीरामजी अपना जीवन विषम से विषम परस्थितियोंमें तनाव मुक्त रहकर संसारके लिये प्रेरणा श्रोत बने हैं। योगवासिष्ठ रामायणमें सोलह वर्षके श्रीरामजी व उनके कुलगुरू महर्षि वसिष्ठजी की ज्ञान वार्ता है। योगवासिष्ठ रामायणके वैराग्य व मोक्षकी कामना दो प्रकरण परमात्माकी कृपासे हिन्दीकी सरल भाषामें लिखे हैं।
लेखक- सुरेश कुमार आर्य
Thoughts came about how humans spend their entire lives, Which is almost the same for everyone. Wrote to him. Reading these will inspire you to follow the spiritual path .
Phubhlishing Helper Adarsh Arya..
Suresh Kumar Arya
Thoughts came about how humans spend their entire lives, Which is almost the same for everyone. Wrote to him. Reading these will inspire you to follow the spiritual path .
Phubhlishing Helper Adarsh Arya..
Suresh Kumar Arya
The story of the nine Yogishvaras, the sons of Lord Rishabh Dev, given by the nine Yogishvaras, the spiritual questions of King Nimi, the preaching of salvation religion This Book Is Converted Hindi to English , Hindi Version Is Already Availabe On Notion Press...
The story of the nine Yogishvaras, the sons of Lord Rishabh Dev, given by the nine Yogishvaras, the spiritual questions of King Nimi, the preaching of salvation religion This Book Is Converted Hindi to English , Hindi Version Is Already Availabe On Notion Press...
प्रतेयेक मनुष्य अपने जीवन में हृदय को आनन्दित, मस्तिष्क को शान्त व सत्त ज्ञान की चाहत रखता है। यह सभीकुछ सत्तग्रन्थों के अध्ययन से मिलता है। इस पुष्तक के पढ़न् से प्राप्त होगा।
प्रतेयेक मनुष्य अपने जीवन में हृदय को आनन्दित, मस्तिष्क को शान्त व सत्त ज्ञान की चाहत रखता है। यह सभीकुछ सत्तग्रन्थों के अध्ययन से मिलता है। इस पुष्तक के पढ़न् से प्राप्त होगा। सुरेश कुमार आर्य
हम मनुष्योंके हृदयमें छुपी भक्ति, ज्ञान व वैराग्यको जागृत करने हेतु, देवी भक्ति तथा गौकर्ण की कथाको सरल भाषामें अनुवादित किया है। अनुवादक- सुरेश कुमार आर्य
हम मनुष्योंके हृदयमें छुपी भक्ति, ज्ञान व वैराग्यको जागृत करने हेतु, देवी भक्ति तथा गौकर्ण की कथाको सरल भाषामें अनुवादित किया है। अनुवादक- सुरेश कुमार आर्य
आध्यात्मिक मार्ग में चलने के कारण मुझे धर्म ग्रन्थों को हिन्दी भाषा में अनुवाद करने में रुचि रहती है। इसबार श्रीमद्भगवद्गीता की बातों को स्पष्टी करण देते हुये सरल हिन्दी में अ
आध्यात्मिक मार्ग में चलने के कारण मुझे धर्म ग्रन्थों को हिन्दी भाषा में अनुवाद करने में रुचि रहती है। इसबार श्रीमद्भगवद्गीता की बातों को स्पष्टी करण देते हुये सरल हिन्दी में अनुवादित किया है।
अनुवादक-सुरेश कुमार आर्य
मनुष्यों का पूरा जीवन व्यतीत होने के विचार आये, जो लगभग सभी के समान हैं। उनको लिखा। इन्हें पड़ने से अध्यात्म मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलेगी।
सुरेश कु
मनुष्यों का पूरा जीवन व्यतीत होने के विचार आये, जो लगभग सभी के समान हैं। उनको लिखा। इन्हें पड़ने से अध्यात्म मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलेगी।
सुरेश कुमार आर्य
भगवान् ने पाँचवें अवतार में कपिल मुनि के रूप में जन्म लेकर एक विशेष ज्ञान को प्रसारित किया, जिसे सांख्य दर्शन अर्थात शरीर के पच्चीस तत्वों का ज्ञान कहते हैं। मनुष्य के जीवन में य
भगवान् ने पाँचवें अवतार में कपिल मुनि के रूप में जन्म लेकर एक विशेष ज्ञान को प्रसारित किया, जिसे सांख्य दर्शन अर्थात शरीर के पच्चीस तत्वों का ज्ञान कहते हैं। मनुष्य के जीवन में यह ज्ञान शान्ती प्रदान करता है। भागवत् महापुराण भाग-१ के स्कन्ध-३ से यह अंश लेकर बहुत ही सरल शब्दों में अनुवाद किया गया है। आशा है आप अपने व्यस्त समय में से कुछ समय निकाल कर इस कथा को पढ़ेंगे।
अनुवादक
सुरेश कुमार आर्य
प्रकाशित सहायक आदर्श आर्य
भगवान् ऋषभ देव के पुत्र नौ योगीश्वरों की कथा नौ योगीश्वरौ द्वारा दिये गये, राजा निमि के आध्यात्मिक प्रश्नों के मोक्ष धर्म का उपदेश
भगवान् ऋषभ देव के पुत्र नौ योगीश्वरों की कथा नौ योगीश्वरौ द्वारा दिये गये, राजा निमि के आध्यात्मिक प्रश्नों के मोक्ष धर्म का उपदेश
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