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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
प्राकृतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं व्यंग्यात्मक कविताओं की सामयिक रोचक पुस्तक जिसे आप बार बार पढ़ना चाहेंगे।
नवोदित कवि नवनीत कुमार के तीसरे काव्य - संग्रह "पुष्प अंजुरी" की ख
प्राकृतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं व्यंग्यात्मक कविताओं की सामयिक रोचक पुस्तक जिसे आप बार बार पढ़ना चाहेंगे।
नवोदित कवि नवनीत कुमार के तीसरे काव्य - संग्रह "पुष्प अंजुरी" की खूबसूरत समसामयिक कविताये पढ़ी और चकित रह गयी की नवनीत इतनी गहन भावो और सवेदनायो से लबरेज कविताये भी लिखते ह। क्यूंकि कविताये खाली बैठे का काम नहीं, अपितु ये भावुक और सवेदनशील ह्रदय का "सहज प्रवाह" ह। कवी की दृष्टि, उसके एहसास, उसकी सोच आमजन से हटकर होती ह।
अपने आसपास घट रही घटनाओं को, छोटे बड़े वाक्यों को सृजनशील इंसान बहुत गमंभीरता से देखता है, महसूस करता है और अंतत वे ही उसकी कविता का स्तोत्र बन जाते है और सवेंदना और भावो से लिपटी अभिव्यक्ति कोमल शब्दों में ढलकर पन्नो पर उतर कर कविता का रूप ले लेती है।
प्राकृतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं व्यंग्यात्मक कविताओं की सामयिक रोचक पुस्तक जिसे आप बार बार पढ़ना चाहेंगे।
नवोदित कवि नवनीत कुमार के तीसरे काव्य - संग्रह "पुष्प अंजुरी" की ख
प्राकृतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं व्यंग्यात्मक कविताओं की सामयिक रोचक पुस्तक जिसे आप बार बार पढ़ना चाहेंगे।
नवोदित कवि नवनीत कुमार के तीसरे काव्य - संग्रह "पुष्प अंजुरी" की खूबसूरत समसामयिक कविताये पढ़ी और चकित रह गयी की नवनीत इतनी गहन भावो और सवेदनायो से लबरेज कविताये भी लिखते ह। क्यूंकि कविताये खाली बैठे का काम नहीं, अपितु ये भावुक और सवेदनशील ह्रदय का "सहज प्रवाह" ह। कवी की दृष्टि, उसके एहसास, उसकी सोच आमजन से हटकर होती ह।
अपने आसपास घट रही घटनाओं को, छोटे बड़े वाक्यों को सृजनशील इंसान बहुत गमंभीरता से देखता है, महसूस करता है और अंतत वे ही उसकी कविता का स्तोत्र बन जाते है और सवेंदना और भावो से लिपटी अभिव्यक्ति कोमल शब्दों में ढलकर पन्नो पर उतर कर कविता का रूप ले लेती है।
प्राकृतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं व्यंग्यात्मक कविताओं की सामयिक रोचक पुस्तक जिसे आप बार बार पढ़ना चाहेंगे।
नवोदित कवि नवनीत कुमार के दूसरे काव्य - संग्रह "केसर के फूल" की खू
प्राकृतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं व्यंग्यात्मक कविताओं की सामयिक रोचक पुस्तक जिसे आप बार बार पढ़ना चाहेंगे।
नवोदित कवि नवनीत कुमार के दूसरे काव्य - संग्रह "केसर के फूल" की खूबसूरत समसामयिक कविताये पढ़ी और चकित रह गयी की नवनीत इतनी गहन भावो और सवेदनायो से लबरेज कविताये भी लिखते ह। क्यूंकि कविताये खाली बैठे का काम नहीं, अपितु ये भावुक और सवेदनशील ह्रदय का "सहज प्रवाह" ह। कवी की दृष्टि, उसके एहसास, उसकी सोच आमजन से हटकर होती ह।
अपने आसपास घट रही घटनाओं को, छोटे बड़े वाक्यों को सृजनशील इंसान बहुत गमंभीरता से देखता है, महसूस करता है और अंतत वे ही उसकी कविता का स्तोत्र बन जाते है और सवेंदना और भावो से लिपटी अभिव्यक्ति कोमल शब्दों में ढलकर पन्नो पर उतर कर कविता का रूप ले लेती है।
प्राकृतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं व्यग्यात्मक कविताओं की अनूठी व् अत्यंत रोचक पुस्तक
यह सभी उम्र के लोगों के लिए है। प्रत्येक कविता को अधिक समझने योग्य बनाने के लिए उसे दृश
प्राकृतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं व्यग्यात्मक कविताओं की अनूठी व् अत्यंत रोचक पुस्तक
यह सभी उम्र के लोगों के लिए है। प्रत्येक कविता को अधिक समझने योग्य बनाने के लिए उसे दृश्यों द्वारा समर्थित किया गया है। यह पुस्तक मूल रूप से हमारी उन सभी संस्कृतियों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए है जिन्हें हम आधुनिक समय और दौड़ में भूल गए हैं।
यह उस पर्यावरण की ओर भी ध्यान आकर्षित करता है जिसे हम अपने अध्ययन के माध्यम से नष्ट कर रहे हैं
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