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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palनाम-डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर'जन्मतिथि-2 जुलाई 1957शिक्षा-बी.-एस.सी.(बायो), एम.ए.(हिन्दी), पी.-एच.डी.(हिन्दी)सम्प्रति-ज्योतिष निकेतन सन्देश(गूढ़ विद्याओं का गूढ़ार्थ बताने वाला हिन्दी मासिक) पत्रिका के सम्पादन व लेखन कार्य में 2004 से 2018 तक सRead More...
नाम-डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर'
जन्मतिथि-2 जुलाई 1957
शिक्षा-बी.-एस.सी.(बायो), एम.ए.(हिन्दी), पी.-एच.डी.(हिन्दी)
सम्प्रति-ज्योतिष निकेतन सन्देश(गूढ़ विद्याओं का गूढ़ार्थ बताने वाला हिन्दी मासिक) पत्रिका के सम्पादन व लेखन कार्य में 2004 से 2018 तक संलग्न रहे। सन् 1977 से ज्योतिष सलाह एवं पुस्तक लेखन के कार्य में निरन्तर संलग्न हैं।
अन्य विवरण पुरस्कार आदि -
- विभिन्न विषयों पर 77 पुस्तकें प्रकाशित एवं अन्य पुस्तकें प्रकाशकाधीन।
- 3 ईबुक्स ऑनलाईन स्मैश वर्डस पर प्रसारित।
- 26 ईबुक अॅमेजन किंडल डायरेक्ट पब्लिशिंग पर ऑनलाईन प्रसारित।
- 84 ईबुक गूगल प्ले बुक्स पर ऑनलाईन प्रसारित।
- राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख, कहानियां एवं कविताएं प्रकाशित।
- युववाणी दिल्ली से स्वरचित प्रथम कहानी 'चिता की राख' प्रसारित।
- युग की अंगड़ाई हिन्दी साप्ताहिक में उप-सम्पादक का कार्य किया।
- क्रान्तिमन्यु हिन्दी मासिक में सम्पादन सहयोग का कार्य किया।
- भारत के सन्त और भक्त पुस्तक पर उ.प्र.हिन्दी संस्थान द्वारा 8000/- रू. का वर्ष 1995 का अनुशंसा पुरस्कार प्राप्त।
- रम्भा-ज्योति(हिन्दी मासिक) द्वारा कविता पर 'रम्भा श्री' उपाधि से अलंकृत।
- चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन-1989 में ज्योतिष बृहस्पति उपाधि से अलंकृत।
- पंचम अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन-1991 में ज्योतिष भास्कर उपाधि से अलंकृत।
- फ्यूचर प्वाईन्ट द्वारा ज्योतिष मर्मज्ञ की उपाधि से अलंकृत।
- 'विवश्ता' कहानी संग्रह में कहानी 'आशीर्वाद' प्रकाशित।
- 'रिश्ता' लघुकथा संग्रह में पांच लघुकथाएं दिव्यांग, पैसा ही सबकुछ है, मोल, मोल-भाव व सहारा प्रकाशित।
- 'साधना' कहानी संग्रह में 'अनोखा मिलन' कहानी प्रकाशित।
Achievements
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग अठारह
में गी
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग अठारह
में गीता के अध्याय अठारह 'मोक्ष सन्यास योग' के 78 श्लोक को तांका की पांच लाईन
में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया
है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा।
इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो
जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही
सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें।
शेष हरि इच्छा।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग सतरह में गीता के अध्&z
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग सतरह में गीता के अध्याय सतरह 'श्रद्धात्रय विभाग योग' के 28 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग पन्द्रह
म
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग पन्द्रह
में गीता के अध्याय सोलह 'दैवासुर संपद् विभाग योग' के 24 श्लोक को तांका की पांच
लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त
किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग
बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर
निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम
स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा
प्रदान करें। शेष हरि इच्छा।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग पन्द्रह
म
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग पन्द्रह
में गीता के अध्याय पन्द्रह 'पुरुषोत्तम योग' के 20 श्लोक को तांका की पांच लाईन में
क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है।
यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस
पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे।
भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो
जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि
इच्छा।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग चौदह में गीता के अध्&z
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग चौदह में गीता के अध्याय चौदह 'त्रिगुण विभाग योग' के 27 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग तेरह में
गीत
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग तेरह में
गीता के अध्याय तेरह 'प्रकृति पुरुष विवेक योग' के 34 श्लोक को तांका की पांच लाईन
में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया
है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा।
इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो
जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही
सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें।
शेष हरि इच्छा।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग बारह
में गीत
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग बारह
में गीता के अध्याय बारह 'भक्ति योग' के 20 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश:
5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह
तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस
पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे।
भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो
जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि
इच्छा।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग ग्यारह में गीता के
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग ग्यारह में गीता के अध्याय ग्यारह 'विश्वरूप दर्शन योग' के 55 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग दस में
गीता
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग दस में
गीता के अध्याय दस 'विभूति योग' के 42 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-
7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह
तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस
पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे।
भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो
जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि
इच्छा।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग नौ में
गीता
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग नौ में
गीता के अध्याय नौ 'राजविद्या राजगुह्य योग' के 34 श्लोक को तांका की पांच लाईन में
क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है।
यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस
पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे।
भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो
जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि
इच्छा।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग आठ में गीता के अध्&z
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग आठ में गीता के अध्याय आठ 'अक्षर ब्रह्म योग' के 28 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग सात
में गीत
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को
तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग सात
में गीता के अध्याय सात 'ज्ञान विज्ञान योग' के 30 श्लोक को तांका की पांच लाईन में
क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है।
यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस
पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे।
भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो
जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि
इच्छा।
महाकवि तुलसीदास रचित हनुमान चालीसा अत्यन्त लोकप्रिय है। इसके पाठ से बल, उत्साह, साहस व धैर्य बढ़ता है। इस पुस्तक में पाठ करने के लिए हनुमान चालीसा का शुद्ध पाठ दे रहे हैं
महाकवि तुलसीदास रचित हनुमान चालीसा अत्यन्त लोकप्रिय है। इसके पाठ से बल, उत्साह, साहस व धैर्य बढ़ता है। इस पुस्तक में पाठ करने के लिए हनुमान चालीसा का शुद्ध पाठ दे रहे हैं। इसके अलावा उसका अर्थ, भावार्थ एवं विघ्न हरने वाले अनुभूत उपाय भी दे रहे हैं। एक बार इस पुस्तक को अवश्य पढ़ें और इसका पाठ करें। जब आप इसका पाठ करेंगे तो आपको स्वयं में होने वाले परिवर्तन देखकर आप इसे बार-बार अपने आप पढ़ने लगेंगे।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग छह में गीता के अध्&z
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग छह में गीता के अध्याय छह 'आत्मसंयम योग' के 47 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा।
'कालसर्प दोष कितना सच' पुस्तक कालसर्प योग व उससे बनने वाले दोष के बारे में है। यह पुस्तक कालसर्प योग व दोष संबंधी सभी शंकाओं का निवारण करेगी। यह दोष आपकी कुंडली में है या नहीं
'कालसर्प दोष कितना सच' पुस्तक कालसर्प योग व उससे बनने वाले दोष के बारे में है। यह पुस्तक कालसर्प योग व दोष संबंधी सभी शंकाओं का निवारण करेगी। यह दोष आपकी कुंडली में है या नहीं इसका निणर्य आप स्वयं कर लेंगे। आपको इस दोष से भयभीत होना चाहिए या नहीं और यदि होना चाहिए तो कब। आपके मन में उठने वाले हर प्रश्न का जवाब इसमें मिलेगा। आप जान जाएंगे कि इसमें कितनी सच्चाई है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर' द्वारा द्वारा रचित इस पुस्तक को पढकर अवश्य लाभ उठाएं। इसमें कालसर्प दोष का सच उजागर करने के साथ-साथ उससे बचने के अनुभूत उपाय व लालकिताब के उपाय भी दिए गए हैं। एक बार अवश्य पढ़ें और अपनी प्रतिक्रिया दें।
राहु घमंड क्यों तोड़ता है पुस्तक पढ़ने के बाद आपके अनुरोध पर केतु चमकाता क्यों है' पुस्तक प्रकाशित कर रहे हैं। विश्वास है राहु की तरह केतु की पुस्तक भी आपको पसन्द&n
राहु घमंड क्यों तोड़ता है पुस्तक पढ़ने के बाद आपके अनुरोध पर केतु चमकाता क्यों है' पुस्तक प्रकाशित कर रहे हैं। विश्वास है राहु की तरह केतु की पुस्तक भी आपको पसन्द आएगी। आप इनका नाम सुनकर घबरा जाते हैं। मन में आता है कि पता नहीं इसकी छाया क्या कुप्रभाव देगी। कभी आपने सोचा कि केतु आपसे क्या चाहता है? नहीं सोचा तो अवश्य सोचें कि केतु आपसे क्या चाहता है? यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो केतु आपको पटकनी देकर आपका घमंड चूर-चूर कर देगा। इस पुस्तक का ध्येय यह है कि आप यह जान लें कि केतु आपसे क्या चाहता है? जब आप केतु के विषय में सत्य ज्ञान जान जाएंगे तो आप केतु का नाम सुनकर भयभीत नहीं होंगे और न घबराएंगे। इस पुस्तक में केतु के कुप्रभाव को दूर करने के अनुभूत उपाय भी दिए गए हैं। इस पुस्तक को पढ़कर आप आसानी से यह जान जाएंगे कि केतु आपको कितना सताएगा या क्या कुप्रभाव देगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपनी प्रतिक्रिया दें। पुस्तक खरीदकर पढ़ने व प्रतिक्रिया देने के लिए आभार।
राहु व केतु छाया ग्रह हैं। आप इनका नाम सुनकर घबरा जाते हैं। मन में आता है कि पता नहीं इसकी छाया क्या कुप्रभाव देगी। कभी आपने सोचा कि राहु आपसे क्या चाहता है? नहीं सोचा तो अव
राहु व केतु छाया ग्रह हैं। आप इनका नाम सुनकर घबरा जाते हैं। मन में आता है कि पता नहीं इसकी छाया क्या कुप्रभाव देगी। कभी आपने सोचा कि राहु आपसे क्या चाहता है? नहीं सोचा तो अवश्य सोचें कि राहु आपसे क्या चाहता है? यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो राहु आपको पटकनी देकर आपका घमंड चूर-चूर कर देगा। इस पुस्तक का ध्येय यह है कि आप यह जान लें कि राहु आपसे क्या चाहता है? जब आप राहु के विषय में सत्य ज्ञान जान जाएंगे तो आप राहु का नाम सुनकर भयभीत नहीं होंगे और न घबराएंगे। इस पुस्तक में राहु के कुप्रभाव को दूर करने के अनुभूत उपाय भी दिए गए हैं। इस पुस्तक को पढ़कर आप आसानी से यह जान जाएंगे कि राहु आपको कितना सताएगा या क्या कुप्रभाव देगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपनी प्रतिक्रिया दें।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग पांच में गीता के अ
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग पांच में गीता के अध्याय पांच 'कर्म सन्यास योग' के 29 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा।
आपने बृहत्त पाराशर पढ़ी होगी, लघु पाराशरी भी पढ़ी होगी, अब पढ़ लें 'मध्य पाराशरी' के फलित के अचूक सिद्धान्त संस्कृत व हिन्दी में एक साथ पढ़ लें। पाराशरी फलित के इस अनमोल ग्
आपने बृहत्त पाराशर पढ़ी होगी, लघु पाराशरी भी पढ़ी होगी, अब पढ़ लें 'मध्य पाराशरी' के फलित के अचूक सिद्धान्त संस्कृत व हिन्दी में एक साथ पढ़ लें। पाराशरी फलित के इस अनमोल ग्रन्थ को एक बार पढ़ने का अवसर न गवाएं। आप ज्योतिष में रुचि रखते हैं और फलित में प्रवीणता चाहते हैं तो यह पुस्तक आपके लिए है। इसे एक बार अवश्य पढ़ें।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग तीन में गीता के अ
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग तीन में गीता के अध्याय चार 'ज्ञान कर्म सन्यास योग' के 42 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग तीन में गीता के अ
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग तीन में गीता के अध्याय तीन 'कर्म योग' के 43 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा।
यह उपन्यास 'यह कैसा प्यार है' एक सुन्दर लड़की और बदसूरत लड़के बादल की अनोखी प्रेम कहानी है। इस अनोखी प्रेम कहानी के लिए मैं क्या कहूं नायिका वसुन्धरा के शब्दों को
यह उपन्यास 'यह कैसा प्यार है' एक सुन्दर लड़की और बदसूरत लड़के बादल की अनोखी प्रेम कहानी है। इस अनोखी प्रेम कहानी के लिए मैं क्या कहूं नायिका वसुन्धरा के शब्दों को ही यहां अंकित कर रहा हूं-'आज मुझे यह कटु अनुभव हुआ कि किसी को भी न तो अपने से अधिक सुन्दरता और न ही अधिक कुरूपता की ओर आकर्षित होना चाहिए। प्रत्येक सुन्दर व्यक्ति अपने से अधिक सुन्दरता की ओर आकर्षित होना चाहता है। मैंने सुन्दर व्यक्ति से विवाह किया और शायद ये मेरी सबसे बड़ी भूल थी। मैं जीवन में बहुत बड़ी भूल करके पछता रही हूँ। मेरा पति मेरे सौन्दर्य से विमुख होकर मुझसे अधिक सौन्दर्य की तलाश में भटक रहा है। इसी कारण वश मैंने उसे क्रोध में आकर त्याग दिया।'
वसुन्धरा ने अपने पति को क्यों त्याग दिया...?
क्या वह अपने पति से दोबारा मिली या नहीं...??
बदसूरत बादल का क्या हुआ, क्या उसे अपना प्यार मिला या नहीं...???
इन सब प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए पढ़ें-एक अनोखी प्रेम कहानी 'यह कैसा प्यार है।'
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के दूसरे भाग में गीता क
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के दूसरे भाग में गीता के दूसरे अध्याय 'सांख्य योग' के 72 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा।
अथर्ववेद ज्ञान का महासागर है। इस ग्रन्थ में ज्ञान के अनेक रंग समाहित हैं। इस महासागर में से 27 अनमोल ज्ञान-मणियां चयनित करके इस पुस्तक में दे रहे हैं। ये ज्ञान के साथ-साथ आपक
अथर्ववेद ज्ञान का महासागर है। इस ग्रन्थ में ज्ञान के अनेक रंग समाहित हैं। इस महासागर में से 27 अनमोल ज्ञान-मणियां चयनित करके इस पुस्तक में दे रहे हैं। ये ज्ञान के साथ-साथ आपको एकाग्र बनाकर जीवन को सफल बनाने में सहयोग देंगी। अथर्ववेद की ये 27 ज्ञान-मणि में समाहित वेद-वाणी से आप अपने जीवन को एकाग्र बनाकर सफलता के शीर्ष पर ले जाने में सफ़ल होंगे। ऐसा हमारा विश्वास है कि आप अथर्ववेद-वाणी पुस्तक पढ़कर इसमें अंकित ज्ञान को व्यवहार में लाकर जीवन को अवश्य सार्थक बनाएंगे। एक बार अवश्य पढ़ें।
सामवेद ज्ञान का महासागर है। इस ग्रन्थ में ज्ञान के अनेक रंग समाहित हैं। इस महासागर में से 27 अनमोल ज्ञान-मणियां चयनित करके इस पुस्तक में दे रहे हैं। ये आपको ज्ञान के साथ-साथ ज
सामवेद ज्ञान का महासागर है। इस ग्रन्थ में ज्ञान के अनेक रंग समाहित हैं। इस महासागर में से 27 अनमोल ज्ञान-मणियां चयनित करके इस पुस्तक में दे रहे हैं। ये आपको ज्ञान के साथ-साथ जीवन को उन्नत करने का पथ प्रशस्त करेंगी। सामवेद की ये 27 ज्ञान-मणि में समाहित वेद-वाणी से अपने लोक-परलोक को सुधार के अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। सामवेद-वाणी पुस्तक पढ़कर इसमें अंकित ज्ञान को व्यवहार में लाकर जीवन को अवश्य सार्थक बनाएं। एक बार अवश्य पढ़ें।
यजुर्वेद ज्ञान का महासागर है। इस ग्रन्थ में ज्ञान के अनेक रंग समाहित हैं। इस महासागर में से 27 अनमोल ज्ञान-मणियां चयनित करके इस पुस्तक में दे रहे हैं। ये आपको ज्ञान के साथ-सा
यजुर्वेद ज्ञान का महासागर है। इस ग्रन्थ में ज्ञान के अनेक रंग समाहित हैं। इस महासागर में से 27 अनमोल ज्ञान-मणियां चयनित करके इस पुस्तक में दे रहे हैं। ये आपको ज्ञान के साथ-साथ आपको कर्मशील बनाकर जीवन को सफल बनाने में सहयोग देंगी। यजुर्वेद की ये 27 ज्ञान-मणि में समाहित वेद-वाणी से आप अपने जीवन को कर्मशील बनाकर जीवन को सफलता के शीर्ष पर ले जाने में सफ़ल होंगे। यजुर्वेद-वाणी पुस्तक पढ़कर इसमें अंकित ज्ञान को व्यवहार में लाकर जीवन को अवश्य सार्थक बनाएंगे।
ऋग्वेद ज्ञान का महासागर है। इस ग्रन्थ में ज्ञान के अनेक रंग समाहित हैं। इस महासागर में से 27 अनमोल ज्ञान-मणियां चयनित करके इस पुस्तक में दे रहे हैं। ये आपको ज्ञान के साथ-साथ ज
ऋग्वेद ज्ञान का महासागर है। इस ग्रन्थ में ज्ञान के अनेक रंग समाहित हैं। इस महासागर में से 27 अनमोल ज्ञान-मणियां चयनित करके इस पुस्तक में दे रहे हैं। ये आपको ज्ञान के साथ-साथ जीवन को उन्नत करने का पथ भी प्रशस्त करेंगी। ये 27 ज्ञान-मणि में समाहित वेद-वाणी से आपअपने जीवन को सत्य व उन्नत-पथ पर ले जाने में सफ़ल होंगे। ऋग्वेद-वाणी पुस्तक पढ़कर ज्ञान को व्यवहार में लाएं।
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के पहले भाग में गीता के पहल
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के पहले भाग में गीता के पहले अध्याय 'अर्जुन विषाद योग' के 47 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा।
'पिता' शब्द सुनकर मन में श्रद्धा का भाव स्वत: आ जाता है क्योंकि पिता अपनी संतान के लिए समस्त दायित्वों की पूर्ति जो करता है। पिता का पितृत्व महान है और उसके द्वारा संतान के
'पिता' शब्द सुनकर मन में श्रद्धा का भाव स्वत: आ जाता है क्योंकि पिता अपनी संतान के लिए समस्त दायित्वों की पूर्ति जो करता है। पिता का पितृत्व महान है और उसके द्वारा संतान के लिए किए गए समस्त कार्यों का कोई मोल नहीं है। हाइकु के पहले शब्द से अन्तिम शब्द तक पहुंचते ही 5-7-5 अक्षरों के क्रम वाली 17 अक्षरीय हाइकु कविता छन्द में पूर्ण बिम्ब सजीव हो उठता है। 'पिता' हिन्दी हाइकु संग्रह में पिता को हाइकु छन्द के माध्यम से अभिव्यक्त किया गया है। ये सभी हाइकु आपको अपने पिता के संग बिताए गए मधुर क्षणों की स्मृतियों में ले जाकर भावुक कर देंगे। एक बार अवश्य पढ़ें।
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