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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalAlok Ganguly, who comes from a middle-class family of Indian origin, currently lives in Bengaluru, Karnataka. He was born in Delhi and did his primary and secondary education there. He has obtained his graduateand post-graduate degrees in B.Sc., M.Sc. and PGDM(Management) respectively from Delhi. For the last two decades, he has been working with various international companies in India, USA and UK. Alok's interest in spirituality began in his early life, which led him to find answers to his spiritual questions. This discovery led him to acquire and practice knowledge of vedanta, yoga and mediRead More...
Alok Ganguly, who comes from a middle-class family of Indian origin, currently lives in Bengaluru, Karnataka. He was born in Delhi and did his primary and secondary education there. He has obtained his graduate
and post-graduate degrees in B.Sc., M.Sc. and PGDM(Management) respectively from Delhi. For the last two decades, he has been working with various international companies in India, USA and UK.
Alok's interest in spirituality began in his early life, which led him to find answers to his spiritual questions. This discovery led him to acquire and practice knowledge of vedanta, yoga and meditation. Eventually, he gained
some insight and a simple understanding of spirituality from this vast storehouse of knowledge. Through his book "Spirituality-A Quest", Alok aims to share simple and truthful answers to important spiritual questions with
his dear readers. We hope this will give the readers
peace, guidance and positive inspiration.
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In many Hindu texts including Bhagwat Purana, Lord Vishnu is described as incarnating on earth for the protection of dharma(righteousness) and destruction of unrighteousness. The number of these incarnations is considered to be ten, some of the prominent incarnations are Matsya (fish), Kurma (tortoise), Varaha (boar), Narasimha (half man, half lion), Vaman (dwarf), Parashurama, Rama, Krishna, Balram and Kalki. Through these incarnations, Lord Vishnu has protec
In many Hindu texts including Bhagwat Purana, Lord Vishnu is described as incarnating on earth for the protection of dharma(righteousness) and destruction of unrighteousness. The number of these incarnations is considered to be ten, some of the prominent incarnations are Matsya (fish), Kurma (tortoise), Varaha (boar), Narasimha (half man, half lion), Vaman (dwarf), Parashurama, Rama, Krishna, Balram and Kalki. Through these incarnations, Lord Vishnu has protected dharma, protected the devotees, and destroyed the unrighteous.
विष्णु के दस अवतारों की कहानियाँ न सिर्फ हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका व्यापक लाभ भी है। ये कहानियां इस बात पर बल देती हैं कि धर्म का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है। व
विष्णु के दस अवतारों की कहानियाँ न सिर्फ हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका व्यापक लाभ भी है। ये कहानियां इस बात पर बल देती हैं कि धर्म का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है। वे हमें सिखाती हैं कि बुराई चाहे कितनी भी ताकतवर क्यों न हो, अंततः सत्य की ही जीत होती है। हर अवतार एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए अवतरित हुआ। मत्स्य ने मनु और सप्तऋषियों को बचाया, वराह ने पृथ्वी को बचाया, राम ने अधर्म का नाश किया - ये कहानियां कर्तव्यनिष्ठा और नैतिक दायित्वों को पूरा करने का महत्व सिखाती हैं। कठिन परिस्थितियों में भी न हार मानने का पाठ ये कहानियां सिखाती हैं। मत्स्य ने बाढ़ से बचाया, कूर्म ने समुद्र मंथन में मदद की - ये कहानियां हमें यह विश्वास दिलाती हैं कि चुनौतियों का सामना करने की शक्ति हमारे भीतर है।
इन कहानियों को सरल और सटीक तरीके से अपने पाठकों तक पहुंचाने का यह एक छोटा सा प्रयास है ताकि बच्चे, वयस्क, पुरुष, महिलाएं सभी लोग इन महाकाव्यों का आनंद ले सकें और सीख सकें।
ভগবদ্গীতা হল কুরুক্ষেত্রের যুদ্ধে কৃষ্ণ ও অর্জুনের মধ্যে একটি কথোপকথন, যেখানে দুই চাচাতো ভাই কৌরব এবং পাণ্ডবদের মধ্যে একটি মহান যুদ্ধ সংঘটিত হতে চলেছে। অর্জুন তার নিজের আত্ম
ভগবদ্গীতা হল কুরুক্ষেত্রের যুদ্ধে কৃষ্ণ ও অর্জুনের মধ্যে একটি কথোপকথন, যেখানে দুই চাচাতো ভাই কৌরব এবং পাণ্ডবদের মধ্যে একটি মহান যুদ্ধ সংঘটিত হতে চলেছে। অর্জুন তার নিজের আত্মীয় এবং বন্ধুদের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করতে অনিচ্ছুক ছিলেন এবং কৃষ্ণের কাছে পরামর্শ চেয়েছিলেন।
ভগবদ্গীতার এই বক্তৃতার মাধ্যমে কৃষ্ণ অর্জুনকে যুদ্ধ ও রক্তপাতের জন্য প্ররোচিত করতে চাননি। কৃষ্ণ অর্জুনকে একজন যোদ্ধা হিসাবে তার দায়িত্ব পালন করতে এবং ধর্ম বা ধার্মিকতার নীতি বজায় রাখার জন্য গাইড করতে চেয়েছিলেন। অতএব, ভগবদ্গীতা যুদ্ধ এবং রক্তপাতের প্ররোচনাকারী নয়, বরং একটি আধ্যাত্মিক বক্তৃতা যা আমাদেরকে বাঁচতে এবং মরার শিল্প শেখায়।
শ্রী কৃষ্ণ সম্ভবত অনেক কারণে অর্জুনকে গীতা বর্ণনা করেছিলেন, কিন্তু একটি গুরুত্বপূর্ণ কারণ ছিল যে কৃষ্ণ অর্জুনের মাধ্যমে বিশ্বের কাছে গীতার সর্বোচ্চ বিজ্ঞান প্রকাশ করতে চেয়েছিলেন, যারা ভবিষ্যত প্রজন্মের জন্য আদর্শ এবং শিক্ষক হিসাবে কাজ করবে।
The Bhagavad Gita is a conversation between Krishna and Arjuna at the battle of Kurukshetra, where a great war was about to take place between two cousin brothers, the Kauravas and the Pandavas. Arjuna was reluctant to fight against his own relatives and friends and sought advice from Krishna.
Krishna did not want to incite Arjun to war and bloodshed through this discourse of The Bhagavad Gita. Krishna wanted to guide Arjuna to perform his duty as a wa
The Bhagavad Gita is a conversation between Krishna and Arjuna at the battle of Kurukshetra, where a great war was about to take place between two cousin brothers, the Kauravas and the Pandavas. Arjuna was reluctant to fight against his own relatives and friends and sought advice from Krishna.
Krishna did not want to incite Arjun to war and bloodshed through this discourse of The Bhagavad Gita. Krishna wanted to guide Arjuna to perform his duty as a warrior and maintain the principles of dharma or righteousness. Therefore, The Bhagavad Gita is not an instigator of war and bloodshed, but a spiritual discourse that teaches us the art of living and dying.
Sri Krishna probably narrated the Gita to Arjuna for many reasons, but an important reason was that Krishna wanted to reveal the supreme science of the Gita to the world through Arjuna, who would serve as a role model and teacher for future generations.
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गीता कुरुक्षेत्र के युद्ध में कृष्ण और अर्जुन के बीच हुई बातचीत है, जहां दो चचेरे भाइयों, कौरवों और पांडवों के बीच एक महायुद्ध होने वाला था। अर्जुन अपने ही रिश्तेदारों और दोस्तो
गीता कुरुक्षेत्र के युद्ध में कृष्ण और अर्जुन के बीच हुई बातचीत है, जहां दो चचेरे भाइयों, कौरवों और पांडवों के बीच एक महायुद्ध होने वाला था। अर्जुन अपने ही रिश्तेदारों और दोस्तों के खिलाफ लड़ने के लिए अनिच्छुक थे और उन्होंने कृष्ण से सलाह मांगी।
कृष्ण गीता के माध्यम से अर्जुन को युद्ध और रक्तपात के लिए उकसाना नहीं चाहते थे। कृष्ण अर्जुन को एक योद्धा के रूप में अपना कर्तव्य निभाने और धर्म या धार्मिकता के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए मार्गदर्शन करना चाहते थे। इसलिए, गीता युद्ध और खून-खराबे के लिए उकसाने वाली नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रवचन है जो हमें जीने और मरने की कला सिखाती है।
श्री कृष्ण ने शायद कई कारणों से अर्जुन को गीता सुनाई, लेकिन एक महत्वपूर्ण कारण यह था कि कृष्ण अर्जुन के माध्यम से गीता के सर्वोच्च विज्ञान को दुनिया के सामने प्रकट करना चाहते थे, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक आदर्श और शिक्षक के रूप में कार्य करेगा। लेकिन केवल अर्जुन ही क्यों ? क्योंकि,
अर्जुन कृष्ण के भक्त और मित्र थे, जिनके पास गीता के पारलौकिक ज्ञान को समझने की आस्था और क्षमता थी।
अर्जुन युद्ध के मैदान पर भ्रम और निराशा की स्थिति में था और उसे एक योद्धा और एक नेता के रूप में अपना कर्तव्य निभाने के लिए कृष्ण के मार्गदर्शन की आवश्यकता थी।
पांडवों में अर्जुन सबसे विनम्र और ईमानदार थे, जिन्हें अपनी क्षमताओं या उपलब्धियों पर कोई घमंड या लगाव नहीं था।
এই বইটি বিভিন্ন আধ্যাত্মিক বিষয়ের উত্তর দেওয়ার একটি প্রয়াস।
নির্জন গুহা বা দূরবর্তী হিমালয় উপত্যকায় আধ্যাত্মিক জীবন অনুসরণ করা উচিত নয়, বা এটি কেবল বিশেষ ক্ষমতাসম্
এই বইটি বিভিন্ন আধ্যাত্মিক বিষয়ের উত্তর দেওয়ার একটি প্রয়াস।
নির্জন গুহা বা দূরবর্তী হিমালয় উপত্যকায় আধ্যাত্মিক জীবন অনুসরণ করা উচিত নয়, বা এটি কেবল বিশেষ ক্ষমতাসম্পন্ন অসাধারণ ব্যক্তিদের জন্য নয়। প্রথমবার আত্মা শব্দটি সংস্কৃত থেকে এসেছে। হিন্দুধর্ম, বৌদ্ধধর্ম, জৈন ধর্ম এবং শিখধর্মে আত্মা একটি মূল আধ্যাত্মিক ধারণা।
আত্মার গভীর সত্যগুলি জ্ঞান, সরল বুদ্ধি এবং আত্মা, কর্ম, যোগ, ধ্যানের আত্ম-সচেতনতার মাধ্যমে অর্জন করা যেতে পারে। এটাই এই বই লেখার একমাত্র উদ্দেশ্য।
আমাদের দেহকে সম্মান করা উচিত এবং আত্মার সাথে সারিবদ্ধভাবে বাঁচতে হবে। এই সঙ্গমটি আপনার স্বাস্থ্য বজায় রাখতে সহায়তা করতে পারে তবে এটি আপনাকে আপনার এবং অন্যের জীবনে ইতিবাচক পরিবর্তন আনার সম্ভাবনাও সরবরাহ করতে পারে।
উপলব্ধির প্রথম পদক্ষেপটি স্বীকার করা হয় যে দেহের বাইরে একটি সত্তা রয়েছে, যা আত্মা, শরীর কেবল একটি বাহন এবং এটি আত্মার ভ্রমণের একটি মাধ্যম। এটি দেখার নতুন দৃষ্টিকোণ, যা এই বইটিতে দেওয়া হয়েছে এবং এটি আপনাকে আমাদের জীবনকে একটি নতুন রূপে দেখার ক্ষমতা দিতে পারে।
আধ্যাত্মিকতা একটি অনন্য যাত্রা যেখানে আমরা আমাদের শারীরিক, মানসিক এবং আধ্যাত্মিক রূপান্তরগুলির প্রভাব বুঝতে পারি। এটি একটি অনন্য অভিজ্ঞতা যা আমাদের এই জীবনের অন্তর্ভুক্তি এবং সম্পূর্ণতা বোঝার সুযোগ দেয়।
আসুন আমরা একটি আধ্যাত্মিক যাত্রা শুরু করি।
यह पुस्तक एक प्रयास है विभिन्न आध्यात्मिकता विषयों के लिए उत्तर प्रदान करने का है।
आत्मा, कर्म, योग, ध्यान और साधना के गहरे सत्यों को सरल बुद्धिमत्ता और आत्म-जागरूकता के मा
यह पुस्तक एक प्रयास है विभिन्न आध्यात्मिकता विषयों के लिए उत्तर प्रदान करने का है।
आत्मा, कर्म, योग, ध्यान और साधना के गहरे सत्यों को सरल बुद्धिमत्ता और आत्म-जागरूकता के माध्यम से प्राप्त करना संभव हैं और यही इस पुस्तक को लिखने के लिए एकमात्र लक्ष्य है।
आध्यात्मिकता/Spirituality, एक ऐसा अनुभव हैं जो बाहरी दुनिया या सांसारिक-विषयवस्तु से महसूस नहीं किया जा सकता हैं। यह आपके शरीर के अंदर, आपकी यात्रा का रोमांच है, जिस के प्रभाव के कारण आप शारीरिक और मानसिक रूप से अपनी दिनचर्या में खुश और संतुष्टि महसूस कर सकते है।
This book is an attempt to provide answers for various spirituality topics.
Spiritual life does not have to be pursued in secluded caves or in a remote Himalayan valley, nor is it only for extraordinary people with special abilities.
Spirituality is an experience that cannot be felt from the outside world or worldly matter. It is the thrill of your journey, inside your body, the effect of which can make you feel happy and satisfied in you
This book is an attempt to provide answers for various spirituality topics.
Spiritual life does not have to be pursued in secluded caves or in a remote Himalayan valley, nor is it only for extraordinary people with special abilities.
Spirituality is an experience that cannot be felt from the outside world or worldly matter. It is the thrill of your journey, inside your body, the effect of which can make you feel happy and satisfied in your daily routine, both physically and mentally.
The body, which is with you, is a unique experience. Of all the 8.4 million living species, only man has the privilege of discovering the mystery of the universe.By Observing and understanding it carefully, you can create a unique meaning in your life. This body will not be with us forever, but we need to use this body to find out who is immortal, if it is not your body and this path of discovery will satisfy our life, body and mind.
We should respect our body and live it with an alignment with the soul. This confluence can help in maintaining your health, but it can also provide you with the possibility of making positive changes in yours and others' lives.
The first step of realization is to acknowledge that a being exists beyond the body, which is the Soul(atma).The body is only a vehicle and it is a means for the soul to travel. The new perspective of looking at it, that is given in this book and it can give you the ability to see our lives in a new form.
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