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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palपवन भदौरिया ने सॉफ्टवेयर जगत को 20 से अधिक वर्षों का समय दिया है, और वो वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट बेंगलुरू में कार्यरत हैं। लेखन में उनकी यात्रा 90 के दशक के दौरान अपने स्कूल के दिनों में शुरू हुई, एक जुनून जिसे उन्होंने अपने पेशेवर करRead More...
पवन भदौरिया ने सॉफ्टवेयर जगत को 20 से अधिक वर्षों का समय दिया है, और वो वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट बेंगलुरू में कार्यरत हैं। लेखन में उनकी यात्रा 90 के दशक के दौरान अपने स्कूल के दिनों में शुरू हुई, एक जुनून जिसे उन्होंने अपने पेशेवर करियर के साथ निरंतर पोषित किया है। यह पुस्तक कहानी कहने के प्रति उनकी स्थायी प्रतिबद्धता की परिणति के रूप में खड़ी है, जो वर्षों के संघर्षों, आँसू, दिल के दर्द और सफलताओं के माध्यम से बुनी गई एक कृति है। पवन का अनूठा दृष्टिकोण और अनुभव उनके काम में एक प्रामाणिक आवाज लाते हैं, जो पाठकों को साहस के साथ अपनी यात्रा को अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
पवन आशा करते हैं कि कविताओं, ग़ज़लों और दोहों का यह संग्रह आपके साथ गहराई से प्रतिध्वनित होगा। वह चाहते हैं कि यह पुस्तक आपकी यादों को फिर से जागृत करे, भावनाओं और प्रतिबिंबों को उजागर करे जो आपको जीवन भर की यात्रा पर ले जाएं। इस पुस्तक का हर शब्द आपको अपनी कहानी का एक टुकड़ा दिखाए, और यह आपको अपने अतीत को गले लगाने, अपने वर्तमान को संजोने और नई आशा और जुनून के साथ भविष्य की ओर देखने के लिए प्रेरित, यही अपेक्षा है|
Achievements
शब्द तो बचपन से साथी रहें हैं| कभी सतह पर तो कभी ह्रदय की गहराइयों में छिपे हुए| उन्हीं अल्फ़ाज़ों की कलमबद्ध श्रृंखला ये किताब है, जो आपके हाथों में है| सालों की संवेदनाओं, भावनाओं औ
शब्द तो बचपन से साथी रहें हैं| कभी सतह पर तो कभी ह्रदय की गहराइयों में छिपे हुए| उन्हीं अल्फ़ाज़ों की कलमबद्ध श्रृंखला ये किताब है, जो आपके हाथों में है| सालों की संवेदनाओं, भावनाओं और वेदनाओं का अक्स प्रस्तुत करने को उत्सुक है ये शब्द| जीवन सतत गतिमान है, रास्ते बदलते हैं, लोग बदलते, विचार बदलते हैं, बस नहीं बदलता तो वो है अतीत और अतीत की परछाइयाँ| भावनाएँ जब उसी अतीत की गहराइयों में जाकर लौटती हैं, तो अपने साथ जो लातीं हैं, वही है जो आँखों की कोरों को नम करता है| भावनाओं का वही सफ़र, अतीत की वही विस्तृत यात्रा है इस किताब में|
कभी कविताओं के रूप में, कभी गज़लों के माध्यम से और कभी निराले दोहों के जरिए, इस तमोमय जीवन में, मेरे विचारों को ज्योतिर्मय रखा है मेरे शब्द रूपी मित्रों ने| आज भी इन शब्दों की श्रुतियाँ, झंकृत हो जातीं है मेरे कानों में, उन्हीं गहरी भावनाओं के साथ| और याद आते हैं कुछ लोग, जिनका प्रेम और योगदान जीवन में आज भी विद्यमान है|
अब ये शब्द, ये अल्फ़ाज़, मैं आपके हवाले कर रहा हूँ इस पुस्तक के माध्यम से| अपेक्षा है की ये आपको भी अपने उन्हीं पलों का दीदार करवाएंगे, जो अक्सर अतीत के अंधकार में भी ओझल नहीं होते| किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ|
शब्द तो बचपन से साथी रहें हैं| कभी सतह पर तो कभी ह्रदय की गहराइयों में छिपे हुए| उन्हीं अल्फ़ाज़ों की कलमबद्ध श्रृंखला ये किताब है, जो आपके हाथों में है| सालों की संवेदनाओं, भावनाओं औ
शब्द तो बचपन से साथी रहें हैं| कभी सतह पर तो कभी ह्रदय की गहराइयों में छिपे हुए| उन्हीं अल्फ़ाज़ों की कलमबद्ध श्रृंखला ये किताब है, जो आपके हाथों में है| सालों की संवेदनाओं, भावनाओं और वेदनाओं का अक्स प्रस्तुत करने को उत्सुक है ये शब्द| जीवन सतत गतिमान है, रास्ते बदलते हैं, लोग बदलते, विचार बदलते हैं, बस नहीं बदलता तो वो है अतीत और अतीत की परछाइयाँ| भावनाएँ जब उसी अतीत की गहराइयों में जाकर लौटती हैं, तो अपने साथ जो लातीं हैं, वही है जो आँखों की कोरों को नम करता है| भावनाओं का वही सफ़र, अतीत की वही विस्तृत यात्रा है इस किताब में|
कभी कविताओं के रूप में, कभी गज़लों के माध्यम से और कभी निराले दोहों के जरिए, इस तमोमय जीवन में, मेरे विचारों को ज्योतिर्मय रखा है मेरे शब्द रूपी मित्रों ने| आज भी इन शब्दों की श्रुतियाँ, झंकृत हो जातीं है मेरे कानों में, उन्हीं गहरी भावनाओं के साथ| और याद आते हैं कुछ लोग, जिनका प्रेम और योगदान जीवन में आज भी विद्यमान है|
अब ये शब्द, ये अल्फ़ाज़, मैं आपके हवाले कर रहा हूँ इस पुस्तक के माध्यम से| अपेक्षा है की ये आपको भी अपने उन्हीं पलों का दीदार करवाएंगे, जो अक्सर अतीत के अंधकार में भी ओझल नहीं होते| किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ|
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