परमशक्ति के रूप, किसी भी धर्म जाती स्थान से बंधे हुए नहीं हैं। किस मनुष्य को कब, क्या, कहाँ किसकी जरूरत, यह वह बख़ूबी जानता है।
हम इंसान पैदा होते ही धर्म बंधन में हो जाते हैं, पर ज
सुना है कि, हम जन्म लेते हैं और फिर मर जाते हैं। ये सिलसिला चलता रहता है। मुझे हमेशा से जन्म और मृत्यु का रहस्य अपनी ओर आकर्षित करता था। मैंने पास्ट लाइफ रिग्रेशन के बारे में सुन
उम्मीद की गठरी का भार बेटा हुआ है, बधाई हो बेटी, तुम्हारी जिम्मेदारी उठाने आ गय Read More...
कौन सही मेताइन के पिता की मृत्यु हो गई थी। घर के बाहर सीढ़ियों पर ही उनके प् Read More...