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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palबाल्यकाल से ही मैं अनेक प्रश्नो के उत्तर ढूंढ रहा था वह प्रश्न मुझे तनिक भी विश्राम नहीं करने देते थे । यही कारण है की मैंने हर उस माध्यम से अपने उत्तर ढूंढने का प्रयास किया जो मेरी सीमा मे था । सबसे प्रथम प्रश्न है की यह शिव कौन है ? कRead More...
बाल्यकाल से ही मैं अनेक प्रश्नो के उत्तर ढूंढ रहा था वह प्रश्न मुझे तनिक भी विश्राम नहीं करने देते थे । यही कारण है की मैंने हर उस माध्यम से अपने उत्तर ढूंढने का प्रयास किया जो मेरी सीमा मे था । सबसे प्रथम प्रश्न है की यह शिव कौन है ? क्यों वह त्रिपुंड लगाकर , शरीर पर भस्म लगाकर , बालो की जटाएँ बनाकर , गजचर्म धारण करके , हाथ मे त्रिशूल लेकर , गले मे रुद्राक्ष धारण करके रखते है । इनहि प्रश्नो के उत्तर यहाँ से प्रारम्भ होते है ।
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ब्रह्मांड मे शून्य से लेकर अनंत तक कई वस्तुएं है कुछ को हम हमारी ज्ञानेन्द्रियों की सहायता से देख सकते है परंतु अधिकतर रहस्य ही है। इनमे से ही कुछ रहस्यो को इस पुस्तक के माध्यम स
ब्रह्मांड मे शून्य से लेकर अनंत तक कई वस्तुएं है कुछ को हम हमारी ज्ञानेन्द्रियों की सहायता से देख सकते है परंतु अधिकतर रहस्य ही है। इनमे से ही कुछ रहस्यो को इस पुस्तक के माध्यम से आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। यह एक बालक की यात्रा है जो कलयुग के अंत का साक्षी होगा, परंतु वहाँ तक की यात्रा से पूर्व उन चिरंजीवियों से मिलना होगा जो हजारो लाखो वर्षो से इस अंत की प्रतीक्षा मे जीवित है। कलयुग का अंत नामक इस शृंखला का प्रारम्भ इसके प्रथम भाग शिव का जन्म से कर रहा हूँ। इस भाग मे कैलाश की वर्षो की कामना का अंत होता है एवं उन्हे उनका राजकुमार शिव मिलता है। भोग विलास मे लिप्त होने के पश्चात शक्ति का प्रेम उसे वास्तविकता के दर्शन कराता है, परंतु प्रेम को प्राप्त करना कहाँ संभव है?
आज सड़क पर रोज़ की ही तरह चहल पहल थी । आज भी सड़क के किनारे फलो के ठेले लगे हुए थे । लोग ठेलो पर फलो का मोलभाव कर रहे थे । यह Read More...
Today it was a walk on the road like everyday. Even today, there were carts of fruit on the roadside. People were bargaining for fruits on Fellows. It was a town street that was deserted after a crowded area of some area. It was morning and the children were going towards the school with their Read More...
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