यह पुस्तक आत्मकथात्मक 15 आलेखों का संग्रह है। लेखक ने अपने ऊपर और अपने द्वारा प्रयोग कर बहु प्रचलित परंपराओं, विश्वासों, रीति-रिवाजों व मान्यताओं का वैज्ञानिक विश्लेषण कर कुछ तथ
' विविधा’ 4 पुस्तकों (विधाओं) का संकलन है। प्रत्येक पुस्तक एक अलग विधा को दर्शाती है। पहली पुस्तक में 7 कहानियाँ हैं। इनके अतिरिक्त 2 नए प्रयोग किए गए हैं:- एक अध्यात्म कथा है और ए
इस पुस्तक में लेखक ने अपने बहुआयामी ज्ञान व अनुभव से बताया है कि यदि भाषा (हिंदी) शिक्षक को भाषाविज्ञान का बुनियादी ज्ञान दे दिया जाए, तो हिंदी को कम समय में सरल बनाकर मनोरंजक ढंग