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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जा
तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जानेवाली नीति की सीख मिलती हैं। जैसे प्रार्थना,वर्षा, कृषी, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, काम, सहनशीलता और अनेक बातें, शासकों की योग्य बातें , मंत्री के लक्षण, पत्नी के लक्षण, प्यार में रूठ, नायक नायिका मिलन आदि की सीख मिलती है।
इस ग्रंथ के बारे में कहा गया है कि
सरस में सात समुन्दर के भाव भर दिया है। आशा है पाठक पसंद करेंगे।
पाठकों से निवेदन है कि अपनी सुझाव दें। अनंतकृष्णन। sanantha.50@gmail.com.
तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जाने
तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जानेवाली नीति की सीख मिलती हैं। जैसे प्रार्थना,वर्षा, कृषी, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, काम, सहनशीलता और अनेक बातें, शासकों की योग्य बातें , मंत्री के लक्षण, पत्नी के लक्षण, प्यार में रूठ, नायक नायिका मिलन आदि की सीख मिलती है।
इस ग्रंथ के बारे में कहा गया है कि
सरस में सात समुन्दर के भाव भर दिया है। आशा है पाठक पसंद करेंगे।
पाठकों से निवेदन है कि अपनी सुझाव दें। अनंतकृष्णन। sanantha.50@gmail.com.
तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जाने
तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जानेवाली नीति की सीख मिलती हैं। जैसे प्रार्थना,वर्षा, कृषी, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, काम, सहनशीलता और अनेक बातें, शासकों की योग्य बातें , मंत्री के लक्षण, पत्नी के लक्षण, प्यार में रूठ, नायक नायिका मिलन आदि की सीख मिलती है।
इस ग्रंथ के बारे में कहा गया है कि
सरस में सात समुन्दर के भाव भर दिया है। आशा है पाठक पसंद करेंगे।
पाठकों से निवेदन है कि अपनी सुझाव दें। अनंतकृष्णन। sanantha.50@gmail.com.
तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जाने
तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जानेवाली नीति की सीख मिलती हैं। जैसे प्रार्थना,वर्षा, कृषी, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, काम, सहनशीलता और अनेक बातें, शासकों की योग्य बातें , मंत्री के लक्षण, पत्नी के लक्षण, प्यार में रूठ, नायक नायिका मिलन आदि की सीख मिलती है।
इस ग्रंथ के बारे में कहा गया है कि
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तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जानेवाली नीति की सीख मिलती हैं। जैसे प्रार्थना,वर्षा, कृषी, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, काम, सहनशीलता और अनेक बातें, शासकों की योग्य बातें , मंत्री के लक्षण, पत्नी के लक्षण, प्यार में रूठ, नायक नायिका मिलन आदि की सीख मिलती है।
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सरस में सात समुन्दर के भाव भर दिया है। आशा है पाठक पसंद करेंगे।
पाठकों से निवेदन है कि अपनी सुझाव दें। अनंतकृष्णन। sanantha.50@gmail.com.
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तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जानेवाली नीति की सीख मिलती हैं। जैसे प्रार्थना,वर्षा, कृषी, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, काम, सहनशीलता और अनेक बातें, शासकों की योग्य बातें , मंत्री के लक्षण, पत्नी के लक्षण, प्यार में रूठ, नायक नायिका मिलन आदि की सीख मिलती है।
इस ग्रंथ के बारे में कहा गया है कि
सरस में सात समुन्दर के भाव भर दिया है। आशा है पाठक पसंद करेंगे।
पाठकों से निवेदन है कि अपनी सुझाव दें। अनंतकृष्णन। sanantha.50@gmail.com.
तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जाने
तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जानेवाली नीति की सीख मिलती हैं। जैसे प्रार्थना,वर्षा, कृषी, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, काम, सहनशीलता और अनेक बातें, शासकों की योग्य बातें , मंत्री के लक्षण, पत्नी के लक्षण, प्यार में रूठ, नायक नायिका मिलन आदि की सीख मिलती है।
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तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जानेवाली नीति की सीख मिलती हैं। जैसे प्रार्थना,वर्षा, कृषी, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, काम, सहनशीलता और अनेक बातें, शासकों की योग्य बातें , मंत्री के लक्षण, पत्नी के लक्षण, प्यार में रूठ, नायक नायिका मिलन आदि की सीख मिलती है।
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तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जानेवाली नीति की सीख मिलती हैं। जैसे प्रार्थना,वर्षा, कृषी, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, काम, सहनशीलता और अनेक बातें, शासकों की योग्य बातें , मंत्री के लक्षण, पत्नी के लक्षण, प्यार में रूठ, नायक नायिका मिलन आदि की सीख मिलती है।
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तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जानेवाली नीति की सीख मिलती हैं। जैसे प्रार्थना,वर्षा, कृषी, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, काम, सहनशीलता और अनेक बातें, शासकों की योग्य बातें , मंत्री के लक्षण, पत्नी के लक्षण, प्यार में रूठ, नायक नायिका मिलन आदि की सीख मिलती है।
इस ग्रंथ के बारे में कहा गया है कि
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पाठकों से निवेदन है कि अपनी सुझाव दें। अनंतकृष्णन। sanantha.50@gmail.com.
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तमिळ भाषा में तिरुक्कुरल सातवीं शताब्दी का नीति ग्रंथ है। इस महान ग्रंथ के सृजनहार है संत तिरुवल्लुवर है। इस में आधुनिक लोगों के जीवन को सन्मार्ग पर ले जानेवाली नीति की सीख मिलती हैं। जैसे प्रार्थना,वर्षा, कृषी, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, काम, सहनशीलता और अनेक बातें, शासकों की योग्य बातें , मंत्री के लक्षण, पत्नी के लक्षण, प्यार में रूठ, नायक नायिका मिलन आदि की सीख मिलती है।
इस ग्रंथ के बारे में कहा गया है कि
सरस में सात समुन्दर के भाव भर दिया है। आशा है पाठक पसंद करेंगे।
पाठकों से निवेदन है कि अपनी सुझाव दें। अनंतकृष्णन। sanantha.50@gmail.com.
विचारों की लहरें मुख पुस्तिकाएं के विभिन्न दलों में दिए गये शीर्षक के आधार पर मेरे द्वारा लिखे विचार हैं, जिनकी प्रशंसा संचालकों ने की हैं।
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विचारों की लहरें मुख पुस्तिकाएं के विभिन्न दलों में दिए गये शीर्षक के आधार पर मेरे द्वारा लिखे विचार हैं, जिनकी प्रशंसा संचालकों ने की हैं।
विचारों की लहरें मुख पुस्तिकाएं के विभिन्न दलों में दिए गये शीर्षक के आधार पर मेरे द्वारा लिखे विचार हैं, जिनकी प्रशंसा संचालकों ने की हैं।
ஹிந்தி இலக்கியத்தின் பக்தி இலக்கிய காலம்
பொற்காலம் .அதனுடன் ஹிந்தி இலக்கியத்தின் அறிமுகம் தான் இந்த நூல்.
ஹிந்தி இலக்கியத்தின் பக்தி இலக்கிய காலம்
பொற்காலம் .அதனுடன் ஹிந்தி இலக்கியத்தின் அறிமுகம் தான் இந்த நூல்.
ஹிந்தி இலக்கியத்தின் பக்தி இலக்கிய காலம்
பொற்காலம் .அதனுடன் ஹிந்தி இலக்கியத்தின் அறிமுகம் தான் இந்த நூல்.
ஹிந்தி இலக்கியத்தின் பக்தி இலக்கிய காலம்
பொற்காலம் .அதனுடன் ஹிந்தி இலக்கியத்தின் அறிமுகம் தான் இந்த நூல்.
अव्वैयार ईस्वी पूर्व सातवीं शताब्दी की कवयित्री है। नलवळी का अर्थ सुमार्ग है। जीवन चलाने का सुमार्ग है।
अव्वैयार ईस्वी पूर्व सातवीं शताब्दी की कवयित्री है। नलवळी का अर्थ सुमार्ग है। जीवन चलाने का सुमार्ग है।
अव्वैयार ईस्वी पूर्व सातवीं शताब्दी की कवयित्री है। नलवळी का अर्थ सुमार्ग है। जीवन चलाने का सुमार्ग है।
अव्वैयार ईस्वी पूर्व सातवीं शताब्दी की कवयित्री है। नलवळी का अर्थ सुमार्ग है। जीवन चलाने का सुमार्ग है।
मेरा नाम यश.अनंतकृष्णन है।
मैं अपने विचारों को अपनी भाषा अपनी शैली, अपने विचार के आधार पर फेसबुक के विभिन्न दलों को भेज रहा हूँ। उनके प्रोत्साह
मेरा नाम यश.अनंतकृष्णन है।
मैं अपने विचारों को अपनी भाषा अपनी शैली, अपने विचार के आधार पर फेसबुक के विभिन्न दलों को भेज रहा हूँ। उनके प्रोत्साहन और प्रेरणा समय समय पर मिल रही है। अतः उन विचारों के संग्रह को
किताब के रूप में कई भागों में
प्रकाशित कर रहा हूँ।
आशा है कि पाठक पसंद करेंगे।
निवेदन कि गुणों की प्रशंसा कीजिए। दोषों को उल्लेख कीजिए।
My Email:
sanantha.50@gmail.com.
तमिल भाषा भारत की प्राचीनतम भाषा है. इसके साहित्य में नीति ग्रन्थ युग युग तक ताजी ही रहेंगे।
तिरुक्कुरल को तमिल वेद कहते हैं। कई नीति ग्रन्थ जैनाचार्यों से लिखे
तमिल भाषा भारत की प्राचीनतम भाषा है. इसके साहित्य में नीति ग्रन्थ युग युग तक ताजी ही रहेंगे।
तिरुक्कुरल को तमिल वेद कहते हैं। कई नीति ग्रन्थ जैनाचार्यों से लिखे गए हैं।
इस ग्रन्थ में तमिल भाषा का परिचय है। आशा है कि हिंदी माध्यम से हिंदी लिपि से
लिखी गयी यह किताब बोलचाल की तमिल सीखने उपयोगी रहेगा।
पाठक इससे लाभान्वित होंगे। इस किताब में जो भी गलतियाँ हैं या खूबियाँ हैं ,
सुधार लाना चाहते हैं कृपया सूचित कीजिये।
मेरा नाम यश.अनंतकृष्णन है।
मैं अपने विचारों को अपनी भाषा अपनी शैली, अपने विचार के आधार पर फेसबुक के विभिन्न दलों को भेज रहा हूँ। उनके प्रोत्साह
मेरा नाम यश.अनंतकृष्णन है।
मैं अपने विचारों को अपनी भाषा अपनी शैली, अपने विचार के आधार पर फेसबुक के विभिन्न दलों को भेज रहा हूँ। उनके प्रोत्साहन और प्रेरणा समय समय पर मिल रही है। अतः उन विचारों के संग्रह को
किताब के रूप में कई भागों में
प्रकाशित कर रहा हूँ।
आशा है कि पाठक पसंद करेंगे।
निवेदन कि गुणों की प्रशंसा कीजिए। दोषों को उल्लेख कीजिए।
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मेरा नाम यश.अनंतकृष्णन है।
मैं अपने विचारों को अपनी भाषा अपनी शैली, अपने विचार के आधार पर फेसबुक के विभिन्न दलों को भेज रहा हूँ। उनके प्रोत्साह
मेरा नाम यश.अनंतकृष्णन है।
मैं अपने विचारों को अपनी भाषा अपनी शैली, अपने विचार के आधार पर फेसबुक के विभिन्न दलों को भेज रहा हूँ। उनके प्रोत्साहन और प्रेरणा समय समय पर मिल रही है। अतः उन विचारों के संग्रह को
किताब के रूप में कई भागों में
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आशा है कि पाठक पसंद करेंगे।
निवेदन कि गुणों की प्रशंसा कीजिए। दोषों को उल्लेख कीजिए।
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मैं अपने विचारों को अपनी भाषा अपनी शैली, अपने विचार के आधार पर फेसबुक के विभिन्न दलों को भेज रहा हूँ। उनके प्रोत्साह
मेरा नाम यश.अनंतकृष्णन है।
मैं अपने विचारों को अपनी भाषा अपनी शैली, अपने विचार के आधार पर फेसबुक के विभिन्न दलों को भेज रहा हूँ। उनके प्रोत्साहन और प्रेरणा समय समय पर मिल रही है। अतः उन विचारों के संग्रह को
किताब के रूप में कई भागों में
प्रकाशित कर रहा हूँ।
आशा है कि पाठक पसंद करेंगे।
निवेदन कि गुणों की प्रशंसा कीजिए। दोषों को उल्लेख कीजिए।
My Email:
sanantha.50@gmail.com.
ஹிந்தியில் பக்தி காலத்தில் ஞான மார்க்கம் தோற்றுவித்தவர் கபீர் தாஸ் .
இறைவனை அடைய ஞானம் வேண்டும் .
ஹிந்தி இலக்கியத்தில் அவர் சொல்லின் சர்வாதிகாரி எ
ஹிந்தியில் பக்தி காலத்தில் ஞான மார்க்கம் தோற்றுவித்தவர் கபீர் தாஸ் .
இறைவனை அடைய ஞானம் வேண்டும் .
ஹிந்தி இலக்கியத்தில் அவர் சொல்லின் சர்வாதிகாரி என்று போற்றப்படுகிறார்.
பிறப்பால் அந்தணர் .வளர்ப்பால் முகலாயர் .நெசவாளி.
அவரது ஈரடிகளில் (தோஹைகளில் ) குருபக்தி ,இறைபக்தி இறைபக்தியின் உன்னத நிலை ,மூடநம்பிக்கைகளை நிந்தித்தல் , பக்தி ஆடம்பரமல்ல என்ற வழிகாட்டல் ஆகிய கருத்துக்கள் வலியுறுத்தி கூறப்பட்டுள்ளன.
Iniyavai Narpathu means happy in the life .and it says what are happiness in life
Iniyavai Narpathu means happy in the life .and it says what are happiness in life
When the Christian missionaries came to India ,they knew that Indians are very fond of their mother tongue .The easy way to attract people towards Chiristianity, it is needed to preach through Indian languages .They translate Bible and Prayer songs in Indian languages. This is the short introduction in Hindi about how they did it successfully.
When the Christian missionaries came to India ,they knew that Indians are very fond of their mother tongue .The easy way to attract people towards Chiristianity, it is needed to preach through Indian languages .They translate Bible and Prayer songs in Indian languages. This is the short introduction in Hindi about how they did it successfully.
मेरा नाम यश.अनंतकृष्णन है।
मैं अपने विचारों को अपनी भाषा अपनी शैली, अपने विचार के आधार पर फेसबुक के विभिन्न दलों को भेज रहा हूँ। उनके प्रोत्साह
मेरा नाम यश.अनंतकृष्णन है।
मैं अपने विचारों को अपनी भाषा अपनी शैली, अपने विचार के आधार पर फेसबुक के विभिन्न दलों को भेज रहा हूँ। उनके प्रोत्साहन और प्रेरणा समय समय पर मिल रही है। अतः उन विचारों के संग्रह को
किताब के रूप में कई भागों में
प्रकाशित कर रहा हूँ।
आशा है कि पाठक पसंद करेंगे।
निवेदन कि गुणों की प्रशंसा कीजिए। दोषों को उल्लेख कीजिए।
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ஹிந்தியில் பக்தி காலத்தில் ஞான மார்க்கம் தோற்றுவித்தவர் கபீர் தாஸ் .
இறைவனை அடைய ஞானம் வேண்டும் .
ஹிந்தி இலக்கியத்தில் அவர் சொல்லின் சர்வாதிகாரி எ
ஹிந்தியில் பக்தி காலத்தில் ஞான மார்க்கம் தோற்றுவித்தவர் கபீர் தாஸ் .
இறைவனை அடைய ஞானம் வேண்டும் .
ஹிந்தி இலக்கியத்தில் அவர் சொல்லின் சர்வாதிகாரி என்று போற்றப்படுகிறார்.
பிறப்பால் அந்தணர் .வளர்ப்பால் முகலாயர் .நெசவாளி.
அவரது ஈரடிகளில் (தோஹைகளில் ) குருபக்தி ,இறைபக்தி இறைபக்தியின் உன்னத நிலை ,மூடநம்பிக்கைகளை நிந்தித்தல் , பக்தி ஆடம்பரமல்ல என்ற வழிகாட்டல் ஆகிய கருத்துக்கள் வலியுறுத்தி கூறப்பட்டுள்ளன.
In a narpathu means sorrows in the life and how to face them
In a narpathu means sorrows in the life and how to face them
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