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Aatmabodh / आत्मबोध क्योंकि हर कहानी कुछ कहती है...

Author Name: Dr. Krishna Kant Srivastava | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

जिस प्रकार एक उच्चतम कोटि के हीरे को तराश कर सही आकार दिया जाता है। उसी प्रकार मनुष्य भी अपने उच्च संस्कारों द्वारा ही समाज में मान-सम्मान और सुख समृद्धि पाता है। आरंभ में बालक, समाज और परिवार द्वारा जिन संस्कारों को ग्रहण करता है, वह आगे चलकर उन्हीं संस्कारों का अनुरूप बनता है। यदि आरंभ में उसे समाज, परिवार और आसपास के माहौल से अच्छे संस्कार मिलेंगे तो बालक के व्यक्तित्व में चिंतन, चरित्र और व्यवहार की उत्कृष्टता, शालीनता, आदर्शवादिता एवं दैवीय गुणों की उत्पत्ति होगी और बालक का व्यक्तित्व चतुर्मुखी होगा और यदि बालक को आरंभ में ही बुरे संस्कार मिलते हैं तो उसके चरित्र का हनन हो जाएगा।

इसी विचारधारा को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक प्रगतिशील व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने के उद्देश्य से प्रस्तुत पुस्तक में अनेकों ऐसी प्रेरणादायक कहानियां संग्रहीत की गई हैं, जिनके प्रसंग हमारे जीवन के विभिन्न काल खंडों में घटित होते हैं और हम उन चुनौतियों और व्यवधानों का समाधान ढूंढने का प्रयास करते हैं। कहानियों के सार के रूप में प्रस्तुत निष्कर्ष न केवल हमारे जीवन की राह प्रशस्त करते हैं अपितु हमको साहस, समर्पण, सफलता के मूल तत्वों, और सकारात्मक सोच की महत्वपूर्ण सीखें भी देते हैं।

प्रस्तुत पुस्तक निश्चित ही आपको एक सकारात्मक सोच की शक्ति प्रदान करेगी, जो आपको आपके लक्ष्य की दिशा में अग्रसर बनाए रखने में मदद करेगी। यह आपको दिखाएगी कि जीवन में आने वाली हर मुश्किल सिर्फ एक अवसर है, जिसे आप अपने जज्बे और संवेदना से पार कर सकते हैं।

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डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव

लेखक डॉ. कृष्णकांत श्रीवास्तव पैंतीस वर्षों से अधिक समय से लेखन में लगे हुए हैं। आपका जन्म उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले में 1963 में हुआ। आपने भौतिकी के विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में लगभग तीस शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। प्रारंभ में, आप एक अकादमिक पुस्तक लेखक थे। आपने भौतिकी के विभिन्न विषयों में बारह से अधिक पाठ्यपुस्तकें लिखीं। आपने छात्रों को प्रेरित करने और उनकी नैतिक नींव को मजबूत करने के लिए प्रेरक पुस्तकों के रूप में अपनी दो किताबें भी लिखीं। प्रस्तुत पुस्तक कहानियों पर आधारित पुस्तक है जिसका नाम है "आत्मबोध" और दूसरी पुस्तक नैतिक शिक्षाओं पर आधारित है जिसका नाम है "आधार"। आपके द्वारा रचित प्रेरणादायक कहानियां विभिन्न पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों में समय-समय पर प्रकाशित होती रहती हैं।

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