आदर्श श्रीवास्तव। मध्यप्रदेश मेरी जन्मभूमि है और छत्तीसगढ मेरी कर्मभूमि। आज मैं 27 वर्ष का हूँ और आज तक मेरी ज़िंदगी की रेलगाड़ी इन्ही दो स्टेशन के बीच में दौड़ती रही है और इन्ही के बीच की कहानी को मैंने इस बुक के माध्यम् से लिखने की कोशिश की है।वैसे मैं कोई बहुत बड़ा लेखक नहीं हूँ बस मैंने अपने अनुभव और अच्छे बुरे किस्सों को लिखने की एक कोशिश की है ।