You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palअमताक्खर एक काव्य संग्रह है जिस में जीवन गंधी कविताओं का संग्रह है। कपिल सहारे जी इस काव्य में आधुनिक कविता का परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत कर रहा है।
अमतााक्खर’ दोो शब्दोंं सेे मिलकर बनाा हैं, अं मत और
अक्खर। पाालीी काा अमत, संंस्कृृत मेंं अमृृत और पाालीी काा अक्खर,
संंस्कृृत मेंं अक्षर लिखाा जााताा हैं। अं तःः अमतााक्खर याा अमृृतााक्षर काा
शााब्दििक अर्थथ हुुआ, अजर-अमर रहनेे वाालेे अक्षर। ‘अमतााक्खर’
कविताा कीी कितााब हैं, ं जोो लेेखक केे उन भाावोंं और विचाारोंं कोो
दर्शाातीी हैं, ं जोो उनकेे अन्दर मौौलिक रूप सेे समााए हुुए हैं। ं इस कितााब
मेंं 50 कवितााएँँ हैं, ं जोो लेेखक व्दााराा बड़ीी हीी खूू
बसूूरतीी सेे भिन्न-भिन्न
भाावोंं कोो प्रधाान बनााकर लिखीी गई हैं। ह ं म आशाा करतेे हैंंकि आप
सभीी सम्मााननीीय पााठक इन मौौलिक भाावोंं-विचाारोंं काा भरपूूर आनंदं
उठाातेे हुुए लेेखक कीी लेेखनीी कोो अथााह प्याार व सरााहनाा करेंगेंे।
कपिल सहारे
कपिल सहाारेे, रााजीीव गांंधीी प्रौौद्योोगिकीी विश्वविद्याालय,
भोोपााल सेे संंबन्धि�ित यूू.आई.टीी, आर.जीी.पीी.व्हीी. कॉॉलेेज सेे सिविल
इंजीी ं नियरिं गं मेे स्नाातक हैं। शह ं र सेे लेेकर गाँँव तक कााम करनेे
केे दौौराान उन्हेेभांंति-भााति प्रकाार केे लोोग, उनकेे जीीवन मूूल्य,
सोोच-विचाार, व्यवहाार आदि काा विश्लेेषण करनेे पर महसूूस हुुआ
कि माानव जााति केे बीीच फैैलीी असंंख्य कुुरीीतियोंं काा समााप्त होोनाा
कितनाा जरूरीी हैं, ं जिसनेे उन्हेेलेेखक बननेे कीी ओर अग्रसर कियाा।
अनेेकोंं कीी तरह उनकाा बचपन भीी साामाान्य व सााधाारण हीी बीीताा।
संंयुक्त ु परिवाार एवंं निम्न पृृष्ठभूूमि होोनेे केे काारण उन्हेे जीीवन मूूल्योो
काा आदर व सम्माान करनेे केे सााथ-सााथ साार्ववजनिक जीीवन मेे व्यााप्त
अच्छााइयोंं-बुुरााइयोंं, उंंच-नीीच एवंं कुुरीीतियोंं सेे भरीी माानसिकताा
कोो समझनेे मेे कााफीी मदद मिलीी, जिससेे वेेसहीी-गलत काा ज्ञाान
करतेे/कराातेे हुुए स्वयं एं क बेेहतर मनुुष्य बननेे एवंं दूसरों
ू ं कोो भीी
प्रेेरित करनेे केे लिए काार्ययर त हैं। ं विभिन्न विषयोो यथाा कलाा, लेेखन,
साामााजिक, धाार्मििक और रााजनैतिकै मुुद्दोो मेे उनकीी रुचियाा हैं। ए ं क
लेेखक केे रूप मेे उनकाा लक्ष पााठकोो काा मनोोरंजनं करतेे हुुए उनकीी
चिंंतााओ व परेेशाानियोंं कोो हल करनेे कीी यथाासंंभव कोोशिश करनाा
हैं। उं न्होंंनेे 100 सेे भीी ज्याादाा एन्थोोलोोजियोो मेंंसह-लेेखक केे रूप
मेंंलिखाा हैं एं वंं लगााताार लिखतेे हीी जाा रहेेहैं। ं वेे स्वयंं विपश्यनाा
सााधनाा केे एक सााधक हैं, ं जोो उन्हेे निरंतं र कुुछ नयाा जााननेे,
सीीखनेे व व्यक्तिगत विकाास केे लिए प्रयाासरत रहनेे कीी प्रेेरणाा देेतीी
हैं। ं वेे वर्ततमा ान मेे म.प्र. रााज्य कृृषि विपणन (मण्डीी) बोोर्डड विभााग मेे
इंजीी ं नियर केे पद पर काार्ययर त रहतेे हुुए लेेखन काार्यय मेे भीी समाान रूप
सेे अपनाा योोगदाान देेरहेेहैं।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.