वियतनामी कवि माई वान फान की झेन प्रकृति की इन कविताओं का अनुवाद हिंदी भाषा से पहले रूसी, थाई और कंबोडियन भाषा में हो चुका है। तीन पंक्तियों की ये कविताएँ शिव जी के त्रिशूल की तरह पाठक को नव चेतना के साथ शांत समृद्ध नव परिवेश में ले जातीं हैं। हर पत्ती, घास के एक तिनके और रोजमर्रा की हर छोटी बात के पीछे छिपी वृहद विस्तार वालीं ये कविताएँ पाठक को कमल की खिलती हुई पंखुरियों की मानिंद अपनी सुन्दरता का परिचय करातीं हैं।
कवि का उद्देश्य जीवन के यथार्थवादी सौंदर्य को पाठक के समक्ष प्रस्तुत करना है। जीवन के हर पल में कवि एक चमत्कार और सुन्दरता देखता है। यह चमत्कार और यह सुन्दरता उसी को प्राप्त हो सकती है जिसने ताओ को प्राप्त कर लिया हो।
तो वियतनामी शब्दकोश, संस्कृति और परम्पराओं से परिचय कराता और एक नई दृष्टि एवं नव जागृति लिए यह बहुमूल्य संग्रह अब अपनी हिंदी भाषा में हमारे पाठकों के हाथ में है।
-नीता पोरवाल (अनुवादक)