अवहित्था मुसाफ़िर एक अर्धमुर्छित शायर और कवि होने परिचायक है।
साहित्यिक दृष्टि में अवहित्था का अर्थ "भावों को छिपाने वाला" अर्थात् अपने मन के दुःख, दर्द, विकट विकार आदि भावों को छुपाने वाला अवहित्था होता है। और मुसाफ़िर का अर्थ राहगीर या पथिक से है।
साहित्य की इस विधा( कविता) में प्रवेश से पूर्व अपने जीवन में अनेक उतार चढ़ाव देखे,
अनेक अप्राकृतिक और अमानवीय घटनाएं होते देखा जिन्होंने हमें अंदर तक झकझोर-सा दिया और इन सब के बीच हम एक किशोरी भी बन चुके थे जिसमें प्रेम का संवेग उत्पन्न होना जीवनावस्था की सामान्य घटना मात्र है जो हमने महसूस की थी।