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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह किताब सिर्फ किताब नहीं है, यह एक ज़िस्म है जो हमारे मन में जन्मे कई सोचों, कई एहसासों, कई यादों, कई चाहतों और कई बातों से बना है । इंसानी जिंदगी में हर रिश्तों में कुछ बातें अधूरी रह जाती है, अनकही और अनसुनी रह जाती है और मेरी यह किताब इन बातों का ही मूर्त रूप है।
अंकित वर्णवाल
हिन्दी भाषा और हिन्दुस्तानी ज़ुबां का जो बागबान है, उसमें हर तरह के पेड़-पौधे हैं। बरगद है, पीपल भी है; गुलाब है, गुलदाउदी है और कुछ कुछ घास भी है। अंकित वर्णवाल इस बागबान में खिल रहे एक नए पौधे के जैसे हैं। आसनसोल, पश्चिम बंगाल के श्री अरविन्द प्रसाद वर्णवाल और श्रीमती रूबी देवी के घर में जन्में अंकित ने अपनी प्राथमिक शिक्षा आसनसोल के अरुणोदय उच्च माध्यमिक विद्यालय और डी.ए.वी.उच्च माध्यमिक विद्यालय से पूरी करने के बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से अपनी स्नातक एवं स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई जर्मन भाषा और साहित्य में की है। आपको 2018 में जर्मन भाषा और साहित्य के स्नातकोत्तर में स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ है।
आप वर्तमान में वनस्थली विद्यापीठ में अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं एवं कार्य करते हुए हिंदी भाषा और हिंदुस्तानी ज़ुबां के साथ जिंदगी में नए रंग भरने की कोशिश कर रहे हैं।
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