सोलह बालकथाओं का एक संकलन है जो बाल मनोविज्ञान पर आधारित हैं । इस पुस्तक में कहीं आपको ग्रेसी मिलेगा जो मस्तमौला स्वभाव का बच्चा है तो कहीं आप सुरों की दुनिया की यात्रा करेंगे । कोई कहानी आपको बालसुलभ कल्पना लोक की सैर कराएगी तो कोई कहानी कक्षा के अनुभवों से रूबरू कराएगी । कुछ कहानियां, बच्चों की पेरेंट्स और टीचर के साथ उनकी अच्छी बॉन्डिंग दिखाती हैं तो कुछ उन्हें अपनी बुरी आदतों को छोड़ देने के लिए प्रेरित करती हैं । कुछ कहानियों को पढ़कर आपको लगेगा, श्काश ! ये कहानी कभी खत्म ही ना होती, तो कुछ बड़ी कहानियों को पढ़ते हुए लगेगा, कहीं ये कहानी खत्म न हो जाए । कुछ कहानियों में आपका भोलू की भांति ही निरंजना, प्रगति आदि पात्रों से परिचय होगा जिनसे मिल कर खूब खुश होंगे । निश्चित रूप से आपको इन पात्रों से प्यार हो जाएगा और आप इनसे बार बार मिलना चाहेंगे ।