अखिलेश जी के शब्द-शब्द में उनके मन की पीड़ा, अंतर्मन का भाव, उनके हृदय की वेदना को हमारे सभी पाठक गण महसूस कर सकते हैं। उनकी सभी कविताएँ चीखती सी दिखाई देती हैं। इनकी कविताओं में प्रेम और प्रेम में विरह का जो चित्रण है शायद ही किसी ने इसके पहले पढ़ा होगा।