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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalHumrooh publication house is an impeccably soulfulplatform to immensify one's hidden writing talent beforeeveryone. With a petaly effervescence, flowery team ofHumrooh spreads it's fragrance by quantifying the talent ofwriters across the country, making a fruitful garden ofsweet and young dream chasers. All the cherishingmembers who are indeed blessed writers create an aurafilenvironment to support writers to showcase their writingskills and help them in publishing them too though theirlove and support at a much affordable price. Our Publication House published 100 plus books in just 6months. Read More...
Humrooh publication house is an impeccably soulful
platform to immensify one's hidden writing talent before
everyone. With a petaly effervescence, flowery team of
Humrooh spreads it's fragrance by quantifying the talent of
writers across the country, making a fruitful garden of
sweet and young dream chasers. All the cherishing
members who are indeed blessed writers create an aurafil
environment to support writers to showcase their writing
skills and help them in publishing them too though their
love and support at a much affordable price. Our Publication House published 100 plus books in just 6
months. Some of the anthologies of Our family are Maa, Bachpan, Vedna, Aatmik Prem, Ek Safar- An
Unconditional Journey, 2020- Curse to the World, Khwahishen, Safar, Meri mitti, Bhartiya hai hum, Man
mera, Vidya mata, Stree (hindi), Stree - A Warrior, Jazbaato ke Darmiyaan, Kasoor, Safar ka naam zindagi, Sintaprokhut -a field to reflect, Har har mahadev, Flying
towards freedom, Ankahi Dastaan :- an untold tale, Zindagi
as it's, Arshi, Peaceful Chaos, Kuch baate dil ki, Parchhai,
Unheard Voices
4
Aaghaz, Apnapan - Ek ehaas, Trust - bat bharose ki, Akhiri
Mohabbat, Moh Maya, Lonely Soul, Silent Screams, Muqammal Dastaan, Rainbow - the shade of love, The long
silence, Memories - kuch yaadein kal ki, Mayanagri, Jazbaat, Housemaker, Mere jazbaat, Zikr Pyaar ka, Beshumaar Ishq, Ecstasy of our heart, Soch ek hathiyar, Desired Love, Book of Nature, Dread, Solace in Darkness, Ibaadat, Aaradhya, Ishq, Dear Diary, Maa (2021), and so
on. Such family of artistically immersed fellas try their utmost
to contribute in bringing the best word players before the
world. Humrooh offers one of the most banging resourceful
opportunities to each and every of that dream catcher who
believes in what he writes. Just like a fruitful tree it lays
down its delicious fruits in form of its team of writers to
make every trespasser
Achievements
मेरी ये पुस्तक मेरी स्वरचित कविताओं का संग्रह है जिसमें आपको प्रेम के रंग की झलक मिलेगी। इसमें आपको प्रेम और विरह पर रचनाएँ पढ़ने को मिलेंगी। मेरे अंतर्मन से लिखी गई स्वतंत्र व
मेरी ये पुस्तक मेरी स्वरचित कविताओं का संग्रह है जिसमें आपको प्रेम के रंग की झलक मिलेगी। इसमें आपको प्रेम और विरह पर रचनाएँ पढ़ने को मिलेंगी। मेरे अंतर्मन से लिखी गई स्वतंत्र विधा में रचनाओं का समागम है। मैं समाज के उन सभी लोगों का धन्यवाद करना चाहता हूँ, जिनके व्यवहार से और क्रियाकलापों से मुझे लिखने की प्रेरणा मिली।
डॉ० सुमन सुमन सोनी का जन्म बिहार भागलपुर जिला मिरजानहाट के ननिहाल में 02.11.1970 में हुआ। इनका लालन पालन दोनों जगह ननिहाल और दादी घर (मधेपुरा जिला बिहार बिहारीगंज) में हुआ। इनके पिता स
डॉ० सुमन सुमन सोनी का जन्म बिहार भागलपुर जिला मिरजानहाट के ननिहाल में 02.11.1970 में हुआ। इनका लालन पालन दोनों जगह ननिहाल और दादी घर (मधेपुरा जिला बिहार बिहारीगंज) में हुआ। इनके पिता स्व० विद्यानंद साह एक वरिष्ठ समाजसेवी थे, माता श्रीमती माधुरी साह पूर्व प्रमुख हैं और नाना जी स्व० राधेलाल साह स्वत्रंता सैनानी एवम समाजसेवी।
आभा सिंह जी का यह कविताओं का संग्रह उनके व्यक्तिगत जीवन में घटी घटनाओं, उनके अनुभव और उनके विचारों पर आधारित एक पुस्तक है जिसे पढ़कर पाठकगण अपने स्वंय के जीवन से भी जुड़ा हुआ महसूस
आभा सिंह जी का यह कविताओं का संग्रह उनके व्यक्तिगत जीवन में घटी घटनाओं, उनके अनुभव और उनके विचारों पर आधारित एक पुस्तक है जिसे पढ़कर पाठकगण अपने स्वंय के जीवन से भी जुड़ा हुआ महसूस करेंगे।
अखिलेश जी के शब्द-शब्द में उनके मन की पीड़ा, अंतर्मन का भाव, उनके हृदय की वेदना को हमारे सभी पाठक गण महसूस कर सकते हैं। उनकी सभी कविताएँ चीखती सी दिखाई देती हैं। इनकी कविताओं में प
अखिलेश जी के शब्द-शब्द में उनके मन की पीड़ा, अंतर्मन का भाव, उनके हृदय की वेदना को हमारे सभी पाठक गण महसूस कर सकते हैं। उनकी सभी कविताएँ चीखती सी दिखाई देती हैं। इनकी कविताओं में प्रेम और प्रेम में विरह का जो चित्रण है शायद ही किसी ने इसके पहले पढ़ा होगा।
यह संकलन मेरी अनुभूतियों का संकलन है, मेरी अभिव्यक्तियों का संकलन है। मैं अपनी अभिव्यक्ति में संपूर्ण नहीं हो पाई हूँ। अभी भी बहुत कुछ शेष है। गाँव का एक विशाल वटवृक्ष और उसकी जट
यह संकलन मेरी अनुभूतियों का संकलन है, मेरी अभिव्यक्तियों का संकलन है। मैं अपनी अभिव्यक्ति में संपूर्ण नहीं हो पाई हूँ। अभी भी बहुत कुछ शेष है। गाँव का एक विशाल वटवृक्ष और उसकी जटाओं से लिपटी एक अबोध बच्ची, जिसे उस वटवृक्ष में अपने अपने पूर्वजों, पुरोधाओं का स्नेह और आशीर्वाद मिलता है, जिसे इस बात की निश्चिन्तता है कि कितनी भी बड़ी कठिनाई या आपदा आए, कितने भी झंझावात आएँ, विपरीत से विपरीत विषम परिस्थितियाँ आएँ यह वटवृक्ष उसे सुरक्षित और संरक्षित कर लेगा।
मेरी ये किताब में आप सभी को अलग-अलग तरह से भावनाएँ, नाटक और मोहब्बत भरे लम्हे को देखने मिलेगा। इसमें आपको अलग-अलग किरदारों के अलग रूप नज़र आयेंगे। मेरी इस किताब में कहानी अलग-अलग भा
मेरी ये किताब में आप सभी को अलग-अलग तरह से भावनाएँ, नाटक और मोहब्बत भरे लम्हे को देखने मिलेगा। इसमें आपको अलग-अलग किरदारों के अलग रूप नज़र आयेंगे। मेरी इस किताब में कहानी अलग-अलग भागों में देखने मिलेगी।
कृष्णा की कहानी आम आदमी से हट कर है, उन दिनों अस्पर्श परिवार में जनमी बाल विवाहिता लड़की रोज़मर्रा की ज़िंदगी और समाज में अपनी पहचान और अपने स्व-अस्तित्व के लिये किन-किन परिस्थि
कृष्णा की कहानी आम आदमी से हट कर है, उन दिनों अस्पर्श परिवार में जनमी बाल विवाहिता लड़की रोज़मर्रा की ज़िंदगी और समाज में अपनी पहचान और अपने स्व-अस्तित्व के लिये किन-किन परिस्थियों का सामना करती है, उसका विवरण उसकी अभिन्न सखी शैला जो स्वयं 13 वर्ष की अवस्था में अनाथ होती है और अपने मामा परिवार की दुलारी होते हुए भी, समाज के आगे नतमस्तक होकर अपनी स्वयं की पहचान नहीं बना पायी।
"कलाकार की क़लम" यह एक संग्रह है कुछ काल्पनिक कुछ वास्तविक कल्पनाओं का। प्रत्येक काव्यांश और कविताओं का समूह आंतरिक मन के साथ लिखा गयाहैं। "कलाकार" वास्तविकता में कल को आकार देने
"कलाकार की क़लम" यह एक संग्रह है कुछ काल्पनिक कुछ वास्तविक कल्पनाओं का। प्रत्येक काव्यांश और कविताओं का समूह आंतरिक मन के साथ लिखा गयाहैं। "कलाकार" वास्तविकता में कल को आकार देने की कला है, मैंने अपनी कलम से मानवता, मित्रता, मोहब्बत, नफ़रत, इंसानियत के साथ-साथ गाँव का भी ज़िकर किया है। प्रिय पाठक आशा करता हूँ, मैं आपकी उम्मीदों पे खरा उतरूँ। मैं हिमांशु शर्मा (कलाकार) सभी पाठकों का बहुत-बहुत आभारी हूँ।
‘स्त्री’ पूर्णरूपेण एक भावनात्मक व उत्साहवर्धक साहित्यिक संग्रह है जिसमें सभी स्त्री प्रेमियों ने उनके प्रति अपनी कृतज्ञता, भक्ति, सम्मान व बराबरी के बोध को दर्शाया हैं। क
‘स्त्री’ पूर्णरूपेण एक भावनात्मक व उत्साहवर्धक साहित्यिक संग्रह है जिसमें सभी स्त्री प्रेमियों ने उनके प्रति अपनी कृतज्ञता, भक्ति, सम्मान व बराबरी के बोध को दर्शाया हैं। किसी ने स्त्री की महानता को अपनी रचनाओं में सारगर्भित किया है तो किसी ने अपने आलेखों में नारी की पूजनीयता को चरितार्थ किया है तो वहीं किसी के छंदों में महिलाओं को देवी मानने और उनके सभी कथनों व विचारों को मानने के प्रति हमारे मन मंदिर भी भावनात्मक अभिव्यक्ति का विकास व प्रचार प्रसार करने का सार्थक प्रयास किया है। आशा ही नहीं वरन पूर्णरूप से हमें यह विश्वास है कि ये स्त्रीमयी साहित्यिक संग्रह ‘स्त्री’ आप सभी को अवश्य पसंद आएगा और हमारी तरह आप भी स्त्रियों का सम्मान करेंगे और नारियों की किसी भोग की वस्तु न समझकर पूजा व अर्चना की प्रतिमूर्ति मानते हुए आजीवन उनकी पूजा अर्चना करेंगे, धन्यवाद।
माँ सरस्वती की असीम कृपा से मुझे लेखन की विधा बड़े ही छोटे उम्र में प्राप्त हुई। इससे मैं हृदय की भावनाओं को शब्दों में पिरो कर आपके समक्ष ह्रदय अमृत पुस्तक में रख सका। किसी कोमल ह
माँ सरस्वती की असीम कृपा से मुझे लेखन की विधा बड़े ही छोटे उम्र में प्राप्त हुई। इससे मैं हृदय की भावनाओं को शब्दों में पिरो कर आपके समक्ष ह्रदय अमृत पुस्तक में रख सका। किसी कोमल हृदय से निकलने वाली हरेक भावना को प्रेरणा मान कर मैंने कविताओं को रचा है जिसे मैंने हृदय अमृत का नाम दिया है। मैं सभी पाठकों का हृदय से धन्यवाद करता हूँ जो अपना बहुमूल्य समय निकल कर मेरी रचनाओं को पढ़ते हैं।
शायद किसी-किसी को मालूम होगा की स्वांस का नाम अनंत है। जिन लोगों को नहीं मालूम है उन्हें हम इस किताब के माध्यम से बताना चाहते हैं कि स्वांस नाम अनंत है। स्वांस का गुण महत्व नाम आदि
शायद किसी-किसी को मालूम होगा की स्वांस का नाम अनंत है। जिन लोगों को नहीं मालूम है उन्हें हम इस किताब के माध्यम से बताना चाहते हैं कि स्वांस नाम अनंत है। स्वांस का गुण महत्व नाम आदि को, इस किताब को पढ़कर जान सकते हैं कि स्वांस का नाम अनंत क्यों है और कैसे है। मैंने अपनी इस किताब में स्वांस का रहस्य खोला है जो शायद ही किसी और किताब में कोई लेखक या कवि ने स्वांस का विश्लेषण किया हुआ हो।
ज़िंदगी में जो बातें होती हैं, उसी से साहित्य निर्मित होता है। ज़िंदगी में प्यार का जो महत्व है, “प्रेम (एक अभिव्यक्ति)” उसी का परिचय है। बिना जज़्बातों और प्रेम के जीवन में कोई
ज़िंदगी में जो बातें होती हैं, उसी से साहित्य निर्मित होता है। ज़िंदगी में प्यार का जो महत्व है, “प्रेम (एक अभिव्यक्ति)” उसी का परिचय है। बिना जज़्बातों और प्रेम के जीवन में कोई प्राण नहीं, हर इंसान को जीवन गुज़ारने के लिए प्रेम और एक हमसफ़र की ज़रूरत होती हैं, प्रेम, वफ़ा जज़्बात, रिश्तों में दरारें समर्पण हौसलों की उड़ान स्त्री का सम्मान, क़िस्मत और मेहनत की दास्ताँ हैं “प्रेम (एक अभिव्यक्ति)”।
दुनिया मे जब हम जन्म लेते है और ज़ब हम मरते है उसके बीच की पूरी ज़िन्दगी हमारे लिये एक जंग ही होती है। ज़िन्दगी हर एक मोड़ पर हमारा इम्तिहान लेती है और हर मोड़ पर हमें कुछ ना कुछ तो जरूर स
दुनिया मे जब हम जन्म लेते है और ज़ब हम मरते है उसके बीच की पूरी ज़िन्दगी हमारे लिये एक जंग ही होती है। ज़िन्दगी हर एक मोड़ पर हमारा इम्तिहान लेती है और हर मोड़ पर हमें कुछ ना कुछ तो जरूर सिखाती है। कभी अकेले जीना सिखाती है, तो कभी खुदसे तो कभी खुदा से लड़ना सिखाती है, कभी बहुत हसाती है तो कभी हमें बहुत रुलाती है तो कभी हमें बहुत सताती है। बचपन मे हमें ये ज़िन्दगी बहुत अच्छी और बिना उलझनों सी लगती है लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते है वैसे-वैसे जिम्मेदारीयाँ, परेशानिया सब कुछ अचानक से जैसे हमारे लिये बढ़ती ही जाती है।
“कहानियाँ यादों की” यह केवल कहानियाँ नहीं अपितु मेरा सपना है जो कि पूर्ण होने जा रहा है। जीवन यात्रा में उम्र के इस मोड़ तक पहुँचते हुए बहुत से लोगों से मेरा मिलना हुआ। बहुत लो
“कहानियाँ यादों की” यह केवल कहानियाँ नहीं अपितु मेरा सपना है जो कि पूर्ण होने जा रहा है। जीवन यात्रा में उम्र के इस मोड़ तक पहुँचते हुए बहुत से लोगों से मेरा मिलना हुआ। बहुत लोगों ने मुझे बेहद ख़ुशी और अपनापन दिया और कुछ ने केवल अनुभव। अपने उन अनुभवों को और ख़ुशियों को कहानियों के रूप में मैंने साकार रूप में डालने की कोशिश की है।
मेरी इस पुस्तक में स्वरचित रचनाएँ हैं जो मैंने आज के दौर के अनुसार लिखी हैं परंतु माँ सीता को ध्यान में रखकर। लेखनी जगत में मैं कुछ बड़ा करना चाहती हूँ इसलिए आप सभी पाठकों को दिल स
मेरी इस पुस्तक में स्वरचित रचनाएँ हैं जो मैंने आज के दौर के अनुसार लिखी हैं परंतु माँ सीता को ध्यान में रखकर। लेखनी जगत में मैं कुछ बड़ा करना चाहती हूँ इसलिए आप सभी पाठकों को दिल से धन्यवाद मेरा हौसला बढ़ाने के लिए। आप सभी मेरा ऐसा ही साथ देते रहें ताकि मैं और भी आगे बढ़ सकूँ।
ख़्वाहिश चाँद को छूने की बचपन से रही है। और मैं चाँद को छुने के लिए बचपन से हर वो प्रयास करता आया हूँ जो प्रयास हमें वहाँ तक ले जा सकते है। जिसका रास्ता चाँद के लिए जाता हो बचपन में
ख़्वाहिश चाँद को छूने की बचपन से रही है। और मैं चाँद को छुने के लिए बचपन से हर वो प्रयास करता आया हूँ जो प्रयास हमें वहाँ तक ले जा सकते है। जिसका रास्ता चाँद के लिए जाता हो बचपन में बहुत सारे ख़्वाब हुआ करते थे। मैं हमेंशा से सोचता था कि एक दिन बहुत दूर जाऊँगा एक दिन मैं चाँद पर घर बनाऊँगा और फिर मंज़िल के रास्ते में क्या और कैसे मोड़ आए वो सब इस किताब में संछेप में बताया गया है।
मेरी यह क़िताब "तुम... मैं बन जाना।" आपको कही न कही अपने, आस-पास ऐसा ही कुछ चल रहा है, इसका आभास कराएगी। शीर्षक ही काफ़ी मज़ेदार और दिल को छू लेने वाला है। मेरी इस क़िताब में छोटी-छोटी क
मेरी यह क़िताब "तुम... मैं बन जाना।" आपको कही न कही अपने, आस-पास ऐसा ही कुछ चल रहा है, इसका आभास कराएगी। शीर्षक ही काफ़ी मज़ेदार और दिल को छू लेने वाला है। मेरी इस क़िताब में छोटी-छोटी कुछ कविताएँ, पंक्तियाँ और चार प्रेरणा देने वाली कहानियाँ है। अपनी इन रचनाओं में मैंने आप सभी का ध्यान सिर्फ़ "नारी की दुनिया" पर केंद्रित करने की कोशिश की है।
चेष्टा मेरी कल्पना का साक्षात है। जैसे आदर्श व्यक्तित्व की मैंने कल्पना की थी वैसा ही एक हुबहू प्रारूप मेरे सामने आया जिससे मैं बहुत प्रभावित हुआ। चरित्र ऐसा जो इस बनावटी दुनिय
चेष्टा मेरी कल्पना का साक्षात है। जैसे आदर्श व्यक्तित्व की मैंने कल्पना की थी वैसा ही एक हुबहू प्रारूप मेरे सामने आया जिससे मैं बहुत प्रभावित हुआ। चरित्र ऐसा जो इस बनावटी दुनिया में भी सरलता, सादगी और किरदार को जीवंत रखे हुए था। रोज उसका अवलोकन करना, समझना उस किरदार को एक अलग एहसास था। इसी एहसास ने मुझे शब्द प्रदान किए और वो शब्द कब रचना बन गए पता ही नहीं चला।
मैं अपने हृदय की गहराइयों से "अहसास दिल के" काव्य संग्रह के लिए निम्नलिखित का आभार व्यक्त करता हूँ। सर्व प्रथम इस संसार के रचियता एवं पालनकर्ता परमपिता परमेश्वर को। जिन के कारण इ
मैं अपने हृदय की गहराइयों से "अहसास दिल के" काव्य संग्रह के लिए निम्नलिखित का आभार व्यक्त करता हूँ। सर्व प्रथम इस संसार के रचियता एवं पालनकर्ता परमपिता परमेश्वर को। जिन के कारण इस जग में मेरा अस्तित्व है, मेरे पूजनीय (स्वर्गीय) माता पिता, श्रीमती तारा वती एवं श्री अमर नाथ जी को।
प्रिय पाठक गण उड़ान एक सामूहिक रचनाओं का संग्रह है जिसमें लेखक ने विभिन्न प्रकार के किरदारों के भावों को अपनी क़लम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। उड़ान में प्रस्तुत की ग
प्रिय पाठक गण उड़ान एक सामूहिक रचनाओं का संग्रह है जिसमें लेखक ने विभिन्न प्रकार के किरदारों के भावों को अपनी क़लम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। उड़ान में प्रस्तुत की गई कविताएँ बगीचे से चुने हुए विभिन्न प्रकार के फूलों का एक गुलदस्ते के रूप में पाठकों को लेखक द्वारा प्रस्तुत करने प्रयास है। लेखक के द्वारा हर रिश्ते, रिश्तों की एहमियत, माँ की ममता, सास-बहू की नोक-झोक, देश की समस्याएँ, युवावस्था में दिल की परिस्थितियों को मद्दे नज़र रखते हुए रचना लिखने का प्रयास है। उड़ान पुस्तक लेखक के द्वारा रचनाओं से रचित पहली किताब है जो वे उम्मीद करते हैं कि पाठकों के दिल में स्थान प्राप्त कर पाएगी।
All those years of reading and observing life with keen eyes and sharp mind have resulted in the anthology of poems, which he has aptly named "Unheard Voices". I, thoroughly, enjoyed reading all the poems which are mostly written on Unheard Voices 10 environmental or issues which are related to the Hills. My favourite is "An Old Himalayan Orange Tree" where he writes about an unknown disease the orange trees in our area are suffering from in a very poetic and
All those years of reading and observing life with keen eyes and sharp mind have resulted in the anthology of poems, which he has aptly named "Unheard Voices". I, thoroughly, enjoyed reading all the poems which are mostly written on Unheard Voices 10 environmental or issues which are related to the Hills. My favourite is "An Old Himalayan Orange Tree" where he writes about an unknown disease the orange trees in our area are suffering from in a very poetic and poignant manner. He is the only poet or writer, for that matter, who has touched the topic, even though it is such a grave one. I will leave it to the readers to read, to enjoy and to ponder over the poems and the subtle messages they carry
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