जीवन की सच्चाइयों की मनोरंजक प्रस्तुति है, एकांकी या नाटक। ये हमें जीवन से जोड़कर रखते हैं। चाहे कोई बच्चा हो, युवा हो या कोई वयोवृद्ध, ड्रामा सभी को, अपने-अपने तरह से आकृष्ट करने की क्षमता रखता है। सामाजिक परिवेश से मिली सुगम अथवा दुर्गम परिस्थितियाँ मनुष्य को अभिनय की ओर ले जाती हैं और एक कलाकार उसी के भावों को अभिनीत करता है।
एक एकांकी कार को तरह-तरह के एकांकी लिखने का अवसर प्राप्त होता है वह कभी समाजसुधारक तो कभी व्यंग्यकार