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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह पुस्तक बताती है कि माता-पिता, भाई-बहन किस प्रकार अपनी ही सगी बेटी, बहन से कैसा व्यवहार रखते हैं। पहले अध्याय में बताया गया है कि किस तरह से उस लड़की ने अपना बचपन बिताया। इसके बाद उस लड़की ने आपस में अपनी परेशानियों के बारे में बातचीत करनी शुरू कर दी थी। धीरे-धीरे उसे अपनी परेशानियों, समझ में न आने वाली बातों के पीछे नफ़रत अलगाव, अनेक बातों को सोचना शुरू कर दिया। आज इस बात को इस किताब में और अपने आसपास के माहोल में भी देखा जा सकता है।
आज से कुछ साल पहले लोगो ने बेटे बेटियो में किसी भी तरह का वेदभाव न करना सीख ही
लिया था। उसके बाद ही लोगों ने देवी के रूप ने बेटियो को पूजना शुरू किया था। लेकिन ऐसा सच में हुआ नहीं, सुनने में नहीं आता लेकिन आज भी घर में बेटियां सुरक्षित नहीं
है, उनमें अलगाव की भावना आने लगती है, खुद से नफ़रत करने लग जाती है। जिसकी वजह कोई और नही हम खुद होते हैं जिस प्रकार हम बेटों से प्यार करते हैं अच्छे जीवन की कामना करते है वैसा लडकियो से
क्यू नही?
तो ये कहानी भी एक ऐसी ही लड़की की ही जिसे न चाहते हुए भी बार बार धोखा मिलता गया और वो बिखरती गए.. . और फिर आता ही उसकी कहानी में नया मोड़... उसे जानने के लिए
कृपया किताब को अंत तक पढ़े।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.मोहिनी सिनसिनवार
मोहिनी सिनसिनवार, साहित्य की दृष्टि से चारों ओर देखने के लिए राजी हैं। वह अभी तक एक बहुत प्रसिद्ध लेखिका नहीं हैं, लेकिन वह अपनी अंतर्दृष्टि के माध्यम से शब्दों को रोशन करना पसंद करती हैं। उनकी रचनाएँ सीधे पाठकों के दिलों में उतरती हैं। उन्होंने 20+ किताबें और संकलन संकलित किए हैं और उन्हें सर्वश्रेष्ठ सह लेखक के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। एक कंपाइलर के रूप में अपनी यात्रा शुरू करते हुए, वह एक प्रोजेक्ट हेड रही, एक पब्लिशिंग हाउस में एचआर मैनेजर के रूप में काम किया और अब उसने इसे अपने पब्लिशिंग हाउस के संस्थापक के रूप में बनाया।
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