Share this book with your friends

jeevan ek khel anek / जीवन एक खेल अनेक

Author Name: Arvind Kumar Samarwar | Format: Paperback | Genre : Others | Other Details

""एक महोब्बत ऐसी भी"

शाम का समय था। मैं रेलवे स्टेशन पर एक बैंच पर एकांत में बैठा ट्रैन का इंतजार कर रहा था। ट्रैन दो घंटे बाद आने वाली थी।

अचानक एक सुंदर सी महिला मेरे पास आकर बैठ गई।

मैं महिलाओं से वैसे ही घबराता हूँ। अनजान हो तो मेरी जान ही निकलने लगती है।

कुँवारा ब्रह्मचारी आदमी ठहरा इतने करीब जनानी को कैसे सहन कर पाता। मैं खड़ा होकर चलने लगा तो उसने कहा बैठ जाओ।

मैंने आँखों से प्रश्न किया:-",???"

जवाब में वह बोली:-

Read More...
Paperback 150

Inclusive of all taxes

Delivery

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

अरविंद कुमार समरवार

मुझे लिखने का शौक बचपन से ही था और कुछ कहानियों को मैंने लिखा भी लेकिन अच्छा प्लेटफार्म ना मिलने की वजह से मैंने बहुत कुछ खोया लेकिन मुझे इतना यकीन था की कलम और तलवार की लड़ाई होती है तो कलम की विजय होगी

Achievements

+3 more
View All