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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palलेखक अभिषेक श्रीवास्तव द्धारा ‘कहानियों की दुनियां ऐसी भी ’ नामक किताब पांच कहानियों को लेकर लिखी गई है।
पहली कहानी‘‘ राजाभैया’’ नामक एक ऐसे लड़के की कहानी है, जो एक छोटे से गांव के ऐसे परिवार से है जहां पहली बार कोई काॅलेज की पढ़ाई करने शहर गया है, वहां जाकर राजाभैया अपने अलबेले अंदाज से कैसे शहर के काॅलेज की चुनौतियो का सामना करते हैं, इसे किताब के पन्नों में उतारने की कोशिश की गई है।
दूसरी कहानी ‘‘कचहरी ’’ तहसील के सरकारी दफ्तर की कहानी है, इस कहानी के नायक ‘‘ शर्मा जी ’’ कैसे अपने उपर आई मुसीबत का सामना करते हैं, इस पर आधारित है।
तीसरी कहानी ‘‘शिक्षा’’ अपने नाम के अनुसार ही शिक्षा के महत्व को प्रदर्शित करती है।
अगली कहानी ‘‘गांव’’ ऐसी विचारधारा पर आधारित है, जिसमें लोग गांव को छोड़कर शहर जाना चाहते हैं।
पांचवी और अंतिम कहानी ‘‘रिटायरमेन्ट’’ एक मध्यमवर्गीय परिवार की कहानी है, जिन पर रिटायरमेन्ट उम्र 62 से घटाकर 58 करने के सरकारी आदेश का असर दिखाया गया है।
लेखक द्वारा पांचों कहानियों को कुछ इस प्रकार लिखने की कोशिश की गई है, कि ध्यान से पढ़ने पर कहानियां दिमाग में मंचन का अस्तित्व लेती हुई प्रतीत होती है।
अभिषेक श्रीवास्तव
लेखक अभिषेक श्रीवास्तव, जिन्होंने एम.काॅम़ (ई-काॅमर्स) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से, संगीत भातखंडे संगीत महाविद्यालय से, एम.एससी. कम्प्यूटर साइंस से पूर्ण की है, वर्तमान में पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त करने की पूर्णता की ओर अग्रसर हैं, और आंतरिक अंकेक्षक हैं। 41 वर्षीय अभिषेक श्रीवास्तव अपने पिता डाॅ. संत शरण श्रीवास्तव को अपना प्रेरणास्रोत मानते रहे हैं, और उन्हीं के दिखाये मार्ग पर अग्रसर हैं।
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