इंसान ने आपस में विचारों के आदान प्रदान के लिए कई भाषाओं का निरंतर विकास किया है जिनके द्वारा वह अक्सर अपने मन विचारों और भावनाओं का सम्प्रेषण और संग्रहण भी करता है। एक सी भावनाओं के आयाम भी भिन्न भिन्न समय पर अलग होते हैं जिनका स्तर कई बार कही गई बातों से बड़ी आसानी से पता लगाया जा सकता है। प्रकृति और पुरुष के बीच प्रेम के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाली प्रसन्नता, दुःख एवं वैराग्य की भावनाओं को कोई कवि ह्रदय समय समय पर उनके आयामों के अनुसार ही विभिन्न शब्द समूहों से व्यक्त करता है। "कैसे कहूं बता?' काव्य संग्रह में संकलित रचनाएं कुछ और नहीं बस कवि की उपरोक्त भावनाओं के विभिन्न आयामों से पाठक का सहज परिचय भर हैं।
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners