बात है 1984 की। बनारस की गलियों में पले-बढ़े 23 साल के युवा गिरीश का जीवन बचपन से ही उतार- चढ़ाव वाला रहा था, और जीवन की उन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में वह अपने आप को ढाल चुका था। लेकिन एक दिन उसके जीवन में कुछ ऐसी अप्रत्याशित घटना घटी जिसने उसे अंदर से तहस-नहस कर दिया, और अपने प्यारे बनारस को छोड़ने पर मजबूर कर दिया।