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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palख़ामोशी एक खूबसूरत एहसास,
जो ख्वाबों को पंथ दे, और दिल के जज्बातों को आवाज,
महज लफ्ज़ों के नहीं ख़ामोशी के भी बोल होते है,
जो कोई एक खास इंसान ही पढ़ पाता है,
अपने आप में लाखों सवालों से जुंजते रहते है,
नई नई किरदारों से रोज पहचान होती है,
धीरे धीरे दुनियादारी की समझ समझ जाते है,
बातों से ज्यादा ख़ामोशी को चुनते है,
खामोश रहकर अपने दिल की बात दिल में ही ऱह जाती हैं
ऐसे ही कुछ खामोश बातों को पन्नों पे उतार कर सहलेखकों ने अपनी दिल की बात बयां की हैं।
डा. निकिता दुदगी
डॉ. निकिता दुदगी, कर्नाटक से संबंध रखती हैं। यह पेशे से चिकित्सक और जुनून से लेखिका हैं। वह नोएल पोएट्री की वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर और PWI बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की रिकॉर्ड होल्डर हैं। वह वर्ड्स ऑफ सोल की संस्थापिका और इंडियन नोबल अवार्ड विजेता भी हैं।
वह एक साथ तीन भाषाओं में लिख सकती हैं, कन्नड़, हिंदी और अंग्रेजी। उनका मानना है, कि कलम से बेहतर कोई और सबसे अच्छा दोस्त नहीं हो सकता है, और लेखक होने से बड़ी कोई भावना नहीं है।।
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