उनके लौटने भर से पुराना घर जाग उठा।
दीवारें फुसफुसाने लगीं।
और वह कुआँ—जो सदियों से बंद था—पहली बार किसी का नाम लेकर पुकारा।
रामानुजन अपने परिवार को लेकर सिर्फ़ एक नई शुरुआत करना चाहता था,
पर उसके ख़ून की नसों में दबी एक पुरानी विरासत
अंधेरे की तरफ़ खिंचने लगी।
नैयरा को घर की हर परछाईं अपने बच्चों को घूरती दिखाई देती है।
अकंता, मासूम होते हुए भी, किसी अदृश्य सत्ता की भाषा बोलने लगती है।
और अभिर—
उसकी त्वचा पर उभरते तीन प्राचीन चिन्ह बताते हैं कि
सत्ता सिर्फ़ कुएँ में नहीं… उनके ख़ून में कैद है।
जैसे-जैसे परिवार सत्य के करीब पहुँचता है,
अंधेरा और भूखा हो जाता है—
क्योंकि उसका उत्तराधिकारी चुनने का समय आ चुका है।
और जब वह रात आती है
जब दीवारें साँस लेती हैं,
फर्श खून चूसता है,
और घर की आखिरी साँस भीतर समा जाती है—
परिवार समझ जाता है कि यह लड़ाई
घर लौटने की नहीं,
बल्कि पीढ़ियों से पीछा करती हुई भविष्यवाणी से बचने की है।
एक परिवार।
एक कुआँ।
एक रक्त-विरासत।
और एक अंधेरा, जिसे सिर्फ़ एक की जान…
या एक पूरा वंश रोक सकता है।
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