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Lockdown me unlock ishq / लॉक डाउन में अनलॉक इश्क

Author Name: Prashant Kumar | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

 इस किताब में वो इश्क है, जो लॉक डाउन के समय जेठ की तपती दोपहरी में घरों से बाहर आ गया। जब लोग घरों में थे तो वे किरदार एक नया संसार रच रहे थे, वो भी तब जब लोग कोरोना जैसी महामारी के खौफ से घरों में कैद थे। इसमें इश्क की ऐसी ही दस्तानें हैं, जो उनके संघर्ष, उसकी सफलता और उनकी विरह-वेदना को बताती हैं। ऐसी निशानियाँ  हैं, जो यादगार हो गईं। सफर और उसका हर लम्हा इश्क-इश्क हो गया। ये पल और ये निशानियाँ उन किरदारों के जीवन में अद्भुत संसार का सृजन करती हैं। ये निशानियाँ  हर पल उनके जीवन में नया संगीत लाती हैं। इन्हीं के दम पर उनका इश्क इठलाता है तो कभी नृत्य करता है। रूठता है तो कभी मानता है। इश्क खुशी के महोत्सव में नाचता भी है और विरह की वेदना में तड़पता भी है। यही इसकी खूबसूरती है। 

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प्रशांत कुमार

प्रशांत हिंदी जगत के युवा लेखक और पेशे से पत्रकार हैं। खबरों का लेखन तो वे करते ही हैं। इससे इतर उनकी रुचि साहित्य लेखन भी है। जब भी उन्हें समय मिलता है तो वह कहानियाँ और कविताएं भी लिखते हैं। इन्होने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है। पढ़ाई के दौरान विवि में उन्हें साहित्यकारों का सानिध्य मिला। यहाँ अखबारों में उन्होंने काम सीखा, फीचर लिखे। मुंशी प्रेमचंद, नागाजुर्न, आमिश, पं.  अटल बिहार वाजपेयी, डॉ.  कुमार विश्वास जैसे कवि और साहित्यकार इनके प्रेरणास्रोत हैं। प्रशांत कुमार खबरों के लेखन को लेकर संस्थाओं द्वारा पुरस्कारों से निरंतर विभूषित होते रहते हैं। उन्होंने "हिंदुस्तान', "अमर उजाला' जैसे मीडिया संस्थानों में काम किया। अब "दैनिक जागरण' के साथ जुड़े हुए हैं। 

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