You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमदारी एक ग़ज़ल और कविताओं का संग्रह है जो प्रेम, विरह और जीवन की गहराइयों को खूबसूरती से उकेरता है। लेखक गौरव आनंद (सफ़ीर रे) ने अपनी रचनाओं के माध्यम से मानवीय भावनाओं को सरल, लेकिन प्रभावशाली भाषा में प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक पाठकों को रिश्तों, संघर्षों और आत्मचिंतन पर एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है, साथ ही इंसानी जज्बातों की सच्चाई को दर्शाती है।
मदारी सिर्फ कविताओं का संग्रह नहीं, बल्कि एक सफर है जो हर दिल में छिपी भावनाओं को उजागर करता है।
सफ़ीर रे
सफ़ीर रे का जन्म और परवरिश रायबरेली, उत्तर प्रदेश में हुई। वर्तमान में वे लखनऊ में निवास करते हैं और "द अवियान" में वीडियो एडिटर के रूप में कार्यरत हैं। अपने तकनीकी कौशल और रचनात्मकता के मेल से, सफ़ीर ने कला की एक नई परिभाषा दी है। स्वभाव से संवेदनशील लेखक, सफ़ीर अधूरे प्रेम और बिछड़न की गहराइयों को अपनी कविताओं में उभारते हैं।
उनकी ग़ज़लें और नज़्में न सिर्फ उनकी निजी भावनाओं का प्रतीक हैं, बल्कि उन सार्वभौमिक जज़्बातों का चित्रण करती हैं, जो हर दिल में बसते हैं। सफ़ीर का मानना है कि साहित्य एक सशक्त माध्यम है, जो समाज में बदलाव लाने की क्षमता रखता है। उनकी रचनाएँ साहित्य प्रेमियों के लिए एक अनमोल उपहार हैं।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.