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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजीवन के रंगों को पिरोये हैं, ये किताब। जिंदगी की भाग-दौड़ के बीच धूप-छाँव हमारा जीवन है। जिसमें हमें अपने अंदर की प्रतिभा को छुपा कर नहीं रखना चाहिए। धूप-छाँव की तरह तालमेल जिंदगी से होना चाहिए। हमें अपने अंदर की प्रतिभा को निखारने का मौका अवश्य ही देना चाहिए। कुछ समय एकान्त में व्यतीत करना चाहिए और खुद में खुद की तलाश करनी चाहिए।
व्यक्ति की रूचि आंतरिक मन को प्रफुल्लित कर देती है और सकारात्मक ऊर्जा से व्यक्ति को आत्मविश्वास से पूरित कर देती है।
"मैं धूप तुम छाँव " किताब जीवन के आवश्यक रंगों से परिचित करवाती है। चलिये रुबरू होते हैं, जीवन के कई रंगों से।
नेहा खत्री
नेहा खत्री जयपुर की रहने वाली है । नेहा ने अपना अध्ययन भी यहीं से किया है । नेहा पेशे से अध्यापिका है । इन्हें कवितायें , कहानियाँ लिखने का भी शौंक है । नेहा "आगाज़" (लेखिका साक्षी बराड की कॉ-ऑथर रह चुकी है ।
नेहा अभी तक अपनी कविताओं, कहानियों को सोशल साइट्स पर ही साझा करती आयी हैं ।
"मैं धूप तुम छाँव" नेहा खत्री की पहली किताब है ।
लिखने के साथ-साथ नेहा को संपादन का भी काफी शौंक रहा है । नेहा "चाय-पत्ती","हर जिंदगी कुछ कहती हैं " इसके अलावा अन्य किताबों की संपादक रह चुकी है ।
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