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manbhavne muktak / मनभावने मुक्तक मनभावन मुक्तक

Author Name: Bachan Shah | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

जैसा कि नाम से पता चलता है, 'मुक्तक' एक खुली कविता है और 'मनभावन मुक्तक’ ऐसी कविताएँ हैं जो आपकी आत्मा को समाज और खुद के बारे में सोचने पर मजबूर कर देती हैं। इस पुस्तक को भिन्न भिन्न सामाजिक बुराइयों पर खुले मन और हल्के दिल से एक हलकी फुलकी टिप्पणी करने के लिए लिखा गया है।  इन कविताओं का एक दूसरा दृष्टिकोण 'शाश्वत' भी है। अधिकांश लाइनें आपको खुद के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करती हैं।

यह बचन शाह की पहली पुस्तक है। इस पुस्तक पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी करने का प्रयास नहीं किया गया है।  

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बचन शाह

बचन शाह यानी मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव राठ में पला बढ़ा हूँ। वहां से ही कानपुर देहात में बैंक की नौकरी पकड़ी। और बस उसी में जिंदगी गुजर गयी।
कुल्लू में अपने आध्यात्मिक गुरु श्री स्वामी श्याम जी के सानिध्य में आते ही मेरा मन पूरी तरह से आध्यात्म की तरफ चला गया और तब से मैं उनके बताए ध्यान साधना के द्वारा हमेशा आनन्दित और मस्त हर हाल में रह लेता हूं। सबके लिए भी यही कामना करता हूँ कि अपने अन्दर की चेतना को ध्यान के द्वारा जाने और खुश रहना सीखे।
कवितायेँ लिखने का शौक तो युवावस्था से ही था, मगर पारिवारिक परिस्थितियों और जिम्मेदारियों के चलते लेखन कार्य को रोकना पड़ा। रिटायरमेंट के बाद, मेरा पहला काम मेरी कविताओं को इकट्ठा करना और उन्हें प्रकाशित करना है।। बस इसी में लगे हुए हैं। 
साधुवाद-साधुवाद

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