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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palहिन्दी साहित्य में बृहद शब्दकोश के धनी कवि एवं साहित्यकार श्री मदन मोहन ‘मैत्रेय’ ने काव्य रचना के क्षेत्र में बहुत ही कम समय में अपनी सुस्पष्ट और सार्थक उपस्थिति दर्ज कराई है। प्रेम,करुणा,शृंगार और भक्ति में डूबी कवि की रचनाओं ने पाठकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।काव्य रचना के साथ ही साथ श्री मदन मोहन जी ने कहानी,धारावाहिक और उपन्यास लेखन में भी अपनी लेखनी को परिष्कृत किया है।काव्य संग्रह जिंदगी एक काव्य धारा और भीगीं पलकें के उपरांत ओर्डिनरी किलर उपन्यास प्रकाशित होकर आप सभी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत है। आशा है आप सभी सुधि पाठकों का आशीर्वाद श्री मदन मोहन जी को प्राप्त होगा।
मदन मोहन
बिहार प्रांत के दरभंगा जनपद में जन्में श्री मदन मोहन ’मैत्रेय’ हिन्दी साहित्य के नए हस्ताक्षर हैं। वर्तमान सामाजिक परिवेश में घटित घटनाओं से प्रेरणा लेकर लेखक एवं कवि श्री मदन मोहन ‘मैत्रेय’ ने धारावाहिक कहानी और उपन्यास के साथ ही साथ भक्ति,प्रेम और शृंगार में डूबी कविताओं का सृजन किया है। मातृभूमि, माँ की महिमा साझा काव्य संग्रह एवं भीगीं पलकें व जिंदगी एक काव्य धारा एकल काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं।
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