किसी भी लेखक के लिए उसकी पहली पुस्तक का प्रकाशन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। कोई भी रचनाकार यह स्वपन अवश्य देखता है कि उसकी रचनाएं पुस्तकबद्ध हो और सुधि पाठकों तक पहुंचे। अमूनन हर लेखक के अपने आसपास से ही ज्यादा प्रभावित होता है और उसकी लेखनी उसी वातावरण पर सबसे पहले चलती है। काव्य की शुरुआत में तो यह बात और भी सही प्रतीत होती है। एक युवा प्रेम, मां, जीवन और शहीद विषयो पर अपनी लेखनी चलाता है।
प्रिय साहिल नवांकुर की यह पहली काव्य कृति "पहला पड़ाव" भी ऐसे ही विषयों पर उनके एहसासों की उड़ान है।
उनके लेखन में एक आकर्षण है और उनकी सोच उनकी उम्र से आगे प्रतीत होती है। उनकी रचना संसार चमत्कृत करता है और उनके शब्द सीधे दिल में उतरते हैं।