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PREM YOG / प्रेमयोग कविताएं जो स्वयं से प्यार करना सिखाए

Author Name: Mukesh Kumar Soni | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

प्रेम का स्वरूप जैसा भी हो, चाहे वह व्यक्ति विशेष हो या वस्तु विशेष, उसमें यदि गहराई हो तो वह योग बन जाता  है। मैंने इसे स्वयं अनुभव किया और प्रेम योग का निर्माण हुआ। यही प्रेम-योग आज आत्म योग के लिए अग्रसर है जिसके लिए मैं प्रयासरत हूँ। यदि व्यक्ति में गहराई हो तो उसमें अवश्य ही आत्म-योग घटित होगा, मेरी अटूट आस्था है।

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मुकेश कुमार सोनी

बेटा,पति,पिता,भाई और योग प्रशिक्षक के रूप में मुकेश कुमार सोनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित योग प्रशिक्षक के रूप आत्मा योग का प्रचार-प्रसार कर रहे अटूट आस्था आत्म योग संस्थान में योग शिक्षक के रूप में कार्यरत हैइनके माता-पिता क्रमशः श्रीमती पुतुल सोनी और श्री दूधनाथ सोनी है। इनकी संगिनी लोपामुद्रा सोनी एवं पुत्र अटूट कुमार सोनी है जो इनके हर कार्य में सहभागी है। इन्होंने  योग में

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